महिलाओं को आगे बढ़ाने एक दूसरे का सहयोग ज़रूरी

-महिला दिवस पर सांची यूनिवर्सिटी में आयोजन
अदनान खान सलामतपुर रायसेन। (एडिटर इन चीफ IND28 हर खबर पर पैनी नज़र)
सांची बौद्ध-भारतीय ज्ञान अध्ययन विश्वविद्यालय में महिला दिवस पर विशेष आयोजन हुआ। मुख्य अतिथि स्त्रीरोग विशेषज्ञ डॉ नेहा जैन एवं समाजसेवी माधुरी मिश्रा ने इस अवसर पर महिला अधिकारों एवं परिवार की प्रासंगिकता पर चर्चा की। डॉ जैन ने कहा कि सभी सफल महिलाओं के पीछे एक महिला का हाथ होता है और हमें भी आगे बढ़ने पर दूसरी महिलाओं को आगे बढ़ाने का उपक्रम करना चाहिए। विश्वविद्यालय की प्रथम महिला डॉ निहारिका लाभ ने भी सभी महिलाओं के लिए अपनी शुभेच्छा भेजी।
विशिष्ट अतिथि माधुरी मिश्रा ने कहा कि हम महिलाओं को अपनी उपयोगिता का पता ही नहीं चलता। उन्होने कहा कि भारतीय संस्कृति तो सीता-राम और राधे-श्याम की है जिसमें महिलाओं को पुरुषों से पहले रखा जाता है। उन्होने परिवारों से अच्छे भाई तैयार करने की अपील की जो अपनी बहनों की तरक्की में भागीदार बन सके। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए चित्रकला विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ सुष्मिता नंदी ने कहा कि बिना परिवार के महिला सम्पूर्ण नहीं होती। उन्होने कहा कि आत्मा पुरुष या महिला नहीं होती इसलिए हमें आत्मविश्वास के साथ सम्यक दृष्टि पैदा करना चाहिए जिसमें सभी के प्रति सहानुभूतिपूर्ण व्यवहार शामिल हो। कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती वंदना और बुद्ध वंदना से हुई। इस अवसर पर महिलाओं पर केंद्रित तीन लघु नाटिकाओं का मंचन भी छात्राओं द्वारा किया गया। पहले नाटक- सपनों की उड़ान में पिता और बेटी का संवाद मोहिनी रोहित और स्वाति सल्लाम ने किया। दूसरे नाटक- समान भागीदारी में मोनिका धाकड़ और मेघा नागेले ने पति पत्नी के संबंधों को दिखाया एवं तीसरे नाटक- सपनों का सहारा में भाई और बहन के एक दूसरे के संबल बनने को मेघा रघुवंशी एवं आशिमा अरोडा ने निभाया। हिन्दी विभाग की डॉ सुनीता त्रिपाठी ने एक कविता भी प्रस्तुत की।
सांची विश्वविद्यालय की कार्यक्रम शाखा द्वारा आयोजित इस अनूठे कार्यक्रम का पूरा जिम्मा महिलाओं द्वारा निभाया गया। महिला दिवस कार्यक्रम संयोजिका विभा शर्मा ने संपूर्ण व्यवस्था संभाली एवं सभी प्रतिभागियों को उपहार भी दिये। कार्यक्रम समापन पर धन्यवाद डॉ अंजलि दुबे द्वारा दिया गया। संचालन अंग्रेजी विभाग की डॉ दीप्ति उपाध्याय ने किया।