रिपोर्ट नसीम अली साँची रायसेन। IND28.COM

पति-पत्नी के लगभग टूट चुके रिश्ते को परिवार परामर्श केन्द्र में फिर किया मजबूत

पति-पत्नी का लगभग टूट चुका रिश्ता मंगलवार को परिवार परामर्श केंद्र में पहुंचा। जहां पहले पत्नी ससुराल जाने से साफ इंकार कर रही थी, पति का मन भी पत्नी से काफी दुखी था और उसे पत्नी के साथ जीवन गुजारना लगभग असंभव लग रहा था। परिवार परामर्श केन्द्र में दोनों पक्षों की करीब डेढ़ घंटे की काउंसलिंग के बाद न सिर्फ दोनों के मनमुटाव दूर हुए बल्कि दोनों खुशी-खुशी फिर साथ रहने को राजी हो गए। दोनों ने एक-दूसरे को माला पहनाकर और मिठाई खिलाकर अपने रिश्ते को नई मजबूती प्रदान की।

करीब दो साल पहले हुई शादी के कुछ दिनों बाद ही पति-पत्नी में किसी बात को लेकर मनमुटाव हो गया। यह बात इतनी गहरी हो गई कि मामला दोनों परिवारों के विवाद में बदल गया। अब अक्सर पत्नी मायके आकर रहने लगी। करीब छह महीने पहले वह आखिरी बार मायके आई और उसके बाद दोबारा ससुराल नहीं गई। मामला परिवार में पत्नी ने बताया कि उसका पति उस पर शक करता है, पति के अनुसार उसका शक आधारहीन नहीं है। दोनों में इसी वजह से विवाद बढ़ गया था। पत्नी ने स्पष्ट रूप से कहा वह अब पति से साथ नहीं रहेगी। पति भी बोला कि पत्नी के साथ रह पाना अब संभव नहीं। उन रिश्ता टूटने की कगार पर था। पति-पत्नी व दोनों पक्षों की करीब डेढ़ से दो घंटे काउंसलिंग की गई, इसके बाद वे खुद अपनी सहमति से खुशी-खुशी रिश्ता जोड़ने के लिए तैयार हो गए। उनके इस निर्णय पर सभी ने उन्हें बधाई की व उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दीं।बैठक में एसडीओपी अनीता प्रभा शर्मा, अध्यक्ष कैलाश श्रीवास्तव, सलाहकार अशोक गुप्ता, चेतन राय, अनीता राजपूत, एएसआई अनिल वर्मा, प्रधान आरक्षक लक्ष्मण प्रसाद, आरक्षक लोकेंद्र मौर्य उपस्थित रहे। उल्लेखनीय है कि एसपी विकास शहवाल के निर्देशन व एएसपी अमृतलाल मीणा के मार्गदर्शन  में हर मंगलवार को एसडीओपी कार्यालय में परिवार परामर्श केंद्र की बैठक आयोजित की जाती है, जिसके माध्यम से पारिवारिक विवादों को आपसी सहमति से सुलझाने का प्रयास किया जाता है।

 

बेटे-बहू के झगड़े से परेशान थे पिता

इसी तरह के अन्य मामले में पिता ने अपने बेटे व बहू के खिलाफ शिकायत की थी। पिता के अनुसार उसके बेटा - बहू खुद तो आपस में झगड़ते ही है और हम उन्हें समझाए तो हमसे भी झगड़ा करते है, इन्होंने हमारा जीना हराम कर रखा है। इस मामले में भी दोनों पक्षों को समझाया गया तो दोनों ने अपनी-अपनी गलतियां मानी और उन्हें सुधारने का लिखित आश्वासन दिया। दोनों पक्षों में आपसी सहमति से सुलह कराई गई। बैठक में कुल 7 प्रकरण रखे गए थे, जिसमें से दो में राजीनामा व 5 प्रकरणों में पक्षकारों के अनुपस्थित होने पर आगामी तारीख दी गई है।

न्यूज़ सोर्स : नसीम अली सांची रायसेन।