रायसेन-विदिशा के छात्र सांची विश्वविद्यालय से कर सकेंगे कैप्सूल कोर्स
-विवि के आसपास के लोगों को जागरूक करने की मुहिम, कम्यूनिटी आउटरीच प्रोग्राम होगा प्रारंभ
-उच्चतर गुणवत्ता वाले विदेशी संस्थानों से होगा अनुसंधान सहयोग
अदनान खान सलामतपुर रायसेन। (एडिटर इन चीफ IND28 हर खबर पर पैनी नज़र)
साँची बौद्ध-भारतीय ज्ञान अध्ययन विश्वविद्यालय रायसेन-विदिशा के छात्रों के बीच रोज़गार व कौशल विकसित करने के प्रति जागरूकता जगाने के लिए कम्यूनिटी आउटरीच प्रोग्राम प्रारंभ करेगा। विश्वविद्यालय की 16वीं अकादमिक परिषद की बैठक में यह अनुशंसा की गई।
कम्यूनिटी आउटरीच प्रोग्राम के तहत विश्वविद्यालय 10 से 15 दिनों के ऐसे सूचनात्मक व बौद्धिक पाठ्यक्रम पढ़ाएगा जिससे छात्रों व आम लोगों की रुचि ऐसे कौशल विकसित करने में हो जिससे वो रोज़गार भी हासिल कर सकें व तंदरुस्त सेहत हासिल करने के लिए प्रेरित हो सकें। ये सभी पाठ्यक्रम सर्टिफिकेट स्तर के होंगे तथा आम छात्रों की प्रतिदिन की आवश्यकताओं व रोज़गार से जुड़े विषयों पर आधारित होंगे जिससे उनमें कौशल के साथ-साथ रोज़गार उपलब्ध होने की प्रायिकता अधिक हो।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत अकादमिक परिषद की बैठक में यह भी अनुशंसा की गई कि विश्वविद्यालय अंतरराष्ट्रीय लक्ष्य को दृष्टिगत रखते हुए उच्चतर गुणवत्ता वाले विदेशी संस्थानों के साथ अनुसंधान व शिक्षण सहयोग के लिए अकादमिक एम.ओ.यू संपादित करे जिससे इंडोलॉजी, भारतीय भाषाओं, आयुष चिकित्सा पद्धति, योग, कला, संगीत, इतिहास, संस्कृति और आधुनिक भारत जैसे विषयों में पाठ्यक्रम संचालित हो सकेंगे और विश्वविद्यालय में विदेश छात्रों की संख्या बढ़ेगी।
इसके अलावा अकादमिक परिषद ने विश्वविद्यालय के वैकल्पिक शिक्षा एवं समग्र विकास विभाग को भारतीय ज्ञान परंपरा के पी.जी पाठ्यक्रम को भी प्रारंभ करने की स्वीकृति प्रदान कर दी।
अकादमिक परिषद में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. वैद्यनाथ लाभ, डॉ. हरिसिंग गौर केंद्रीय विवि, सागर के दर्शन विभाग के प्रो. अंबिकादत्त शर्मा, प्राचीन भारतीय इतिहास, संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग, केंद्रीय काशी हिंदु विश्वविद्यालय की प्रो. पुष्पलता सिंह, कलकत्ता विश्वविद्यालय के पालि विभाग की डॉ. शाश्वती मुत्सुद्दी व सांची विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. अलकेश चतुर्वेदी सहित समस्त विभागाध्यक्ष सम्मिलित हुए।