दीवानगंज PHC में लापरवाही का आरोप, डिलीवरी के दौरान गर्भ में ही खत्म हुआ नवजात

-ग्रामवासी बोले, अस्पताल में स्टाफ की भारी कमी, बढ़ाई जाए सुविधाएं
अदनान खान सलामतपुर रायसेन। (एडिटर इन चीफ IND28 हर खबर पर पैनी नज़र)
दीवानगंज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एक प्रसूता को समय पर उपचार न मिलने के कारण नवजात की गर्भ में ही मौत हो गई। इस घटना को लेकर परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का गंभीर आरोप लगाया है। मिली जानकारी के अनुसार ग्राम कालीटोर निवासी गोलू जाटव सोमवार रात करीब 10:30 बजे अपनी गर्भवती पत्नी सिमरन जाटव को प्रसव पीड़ा होने पर दीवानगंज पीएचसी लेकर पहुंचे थे। उन्होंने बताया कि अस्पताल में उन्हें सिर्फ एक दाई ही मिली, जबकि ड्यूटी नर्स वहां मौजूद नहीं थी। परिजनों का कहना है कि उन्हें पूरी रात सिर्फ तसल्ली दी जाती रही, लेकिन मंगलवार सुबह लगभग 11 बजे बताया गया कि बच्चा गर्भ में ही खत्म हो गया है।गोलू जाटव ने बताया कि उनकी शादी को अभी एक साल ही हुआ था और यह उनका पहला बच्चा था। इस दुखद घटना से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।गौरतलब है कि दीवानगंज पीएचसी में डॉक्टर और स्टाफ की पहले से ही भारी कमी है। मेडिकल ऑफिसर डॉ. पलक पटेरिया की ड्यूटी महीने में 6 दिन सांची सिविल अस्पताल में होती है, शेष समय उनकी तैनाती दीवानगंज में रहती है। मंगलवार को भी डॉ. पटेरिया सांची में ड्यूटी पर थीं। ग्रामीणों ने स्वास्थ्य केंद्र में स्थायी डॉक्टर और पर्याप्त स्टाफ की मांग करते हुए कहा कि ऐसी घटनाएं तभी रुकेंगी जब चिकित्सा व्यवस्था मजबूत की जाएगी।