PM आवास के इंतज़ार में कच्चा मकान भी गिरा, नही मिला मुआवजा
-पात्र लोगों को नहीं मिल रहा पीएम आवास योजना का लाभ, आज भी झुग्गी झोपड़ी में रहने को हैं मजबूर
-ज़िम्मेदार अधिकारियों की बेरुखी के चलते परेशान हैं स्थानीय रहवासी
अदनान खान सलामतपुर रायसेन। (एडिटर इन चीफ IND28 हर खबर पर पैनी नज़र)
सरकार ने खुद का आवास होने का सपना दिखाकर कुछ मकान तो बना दिए, लेकिन आज भी कई गरीब झोपड़ी में रहकर पीएम आवास की स्वीकृति का इंतजार कर रहे हैं। और अब तो इंतज़ार करते करते उनके कच्चे घर भी गिरने लगे हैं। उसका ताजा उदाहरण सांची जनपद अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत अम्बाड़ी के गांव मुश्काबाद में देखने को मिल रहा है जहां जरूरतमंदों को पीएम आवास योजना का लाभ नहीं मिला है और वह कच्चे घरों पर प्लास्टिक की पन्नी चढ़ाकर रहने को मजबूर हैं। अभी बारिश का मौसम होने के चलते फिर से इनकी परेशानियां बढ़ गई हैं। लेकिन अभी भी इन लोगों को योजनाओं का लाभ नही मिल पा रहा है। जबकि रहवासियों ने इस समस्या से ज़िम्मेदारों को कई बार अवगत कराया लेकिन स्तिथि वहीं की वहीं बनी हुई है। अब मज़दूर वर्ग के रहवासियों ने रायसेन कलेक्टर से मदद की गुहार लगाई है। अब देखना यह है कि कब तक इन गरीब मज़दूरों को पक्का मकान मिल पाता है।
गरीब को पक्का घर देने का वादा मुश्काबाद गांव में हो रहा है सफेद हाथी साबित---केंद्र सरकार की अति महत्वाकांक्षी योजना प्रधानमंत्री आवास योजना के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हर गरीब को पक्का घर देने का वादा सांची जनपद की ग्राम पंचायत अम्बाड़ी के मुश्काबाद गांव में सफेद हाथी साबित हो रहा है। यहां पिछले दस से पंद्रह वर्षों से अत्यंत गरीब परिवार के लोग अपने घर के लिए दर-दर भटक रहे हैं, लेकिन उन्हें आज तक उनके पक्का घर नहीं मिल पाया है। इन गरीब मज़दूर वर्ग के लोगों को नए मुख्यमंत्री से कुछ उम्मीद जागी है कि अब शायद उनको आवास योजना का लाभ शीघ्र ही मिल सकता है।
कच्चे घर में पन्नी चढ़ाकर रह रहे हैं मज़दूर वर्ग के लोग---सांची जनपद के अंतर्गत आने वाले ग्राम मुश्काबाद में अभी तक बहुत से पात्रों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं मिला है। यहां के लोग छप्पर के नीचे या फिर पन्नी डालकर रहने को मजबूर हैं। किसी तरह अपना जीवन यापन कर रहे हैं। ग्रामीणों ने कहा कि इसके लिए कई बार ग्राम पंचायत में अपील की गई है, लेकिन अभी तक आवास नहीं मिला है। ग्रामीणों का कहना है कि उनके गांव में मात्र 3 पीएम आवास योजना के तहत स्वीकृत हुए हैं। इसके अलावा किसी को भी पीएम आवास योजना का लाभ नहीं मिला है। अब सवाल खड़ा होता है जहां प्रदेश सरकार विकसित भारत संकल्प यात्रा निकालकर गांव -गांव शिविर लगा रही है। और विकास करने का ढिंढोरा पीट रही है मगर हकीकत आप यह तस्वीर देखकर अंदाजा लगा सकते हैं।
पक्के घर के इंतज़ार में कच्चा घर भी गिरा---मुश्काबाद गांव में 15 दिन पहले ही बारिश की वजह से जायदा बी के कच्चे मकान का एक हिस्सा गिर गया। जबकि जायदा बी पीएम आवास योजना का लाभ लेने के लिए सालों से इंतज़ार कर रही हैं। लेकिन प्रधानमंत्री योजना का लाभ मिलने से पहले ही उनके कच्चे घर की दीवारें गिरने लगी हैं। वह कई बार आवेदन देने के बाद भी उनका इंतज़ार खत्म नही हो रहा है। घर गिरने के बाद भी पीड़ित परिवार को अब तक मुआवजा नही मिला है।
इनका कहना है।
15 दिन पहले ही मेरे कच्चे घर का एक हिस्सा गिर गया है। और हमारे गांव में कुटीर योजना का किसी को भी लाभ नहीं मिला है। कच्चे घरों में रहने को मजबूर हैं। बारिश के मौसम के चलते कच्चे घरों में पन्नी चढ़ाकर रहना पड़ रहा है। घर में पानी टपक रहा है। कई बार इस समस्या को लेकर पंचायत में शिकायत भी करी है। लेकिन बस बोला जाता है कि लिस्ट में आपका नाम है। जल्दी आपको कुटीर का लाभ मिलेगा। लेकिन कई साल बीतने के बाद भी कोई लाभ नहीं मिला है।
जायदा बी, स्थानीय रहवासी मुश्काबाद।
गांव में 10 से 12 घर है किसी को भी पीएम आवास या सीएम आवास योजना का लाभ नहीं मिला है। हम 15 सालों से कुटीर मिलने का इंतजार कर रहे हैं। ना तो गांव में पक्का रास्ता है और ना ही पीने के पानी की कोई सही व्यवस्था है। इन समस्याओं के चलते रहवासियों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। जिम्मेदार अधिकारी इस और ध्यान नहीं दे रहे हैं।
नसीम खान, स्थानीय रहवासी मुश्काबाद।
गांव में कच्ची टपरिया बनाकर रहना पड़ रहा है। बारिश का मौसम होने के कारण पन्नी चढ़ाई है। लेकिन उसके बाद भी घर के अंदर पानी टपक रहा है। बच्चों के साथ काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। यहां पर कभी भी कोई अधिकारी या जिम्मेदार लोग आते ही नहीं है कि हमारी समस्याओं का समाधान हो सके। हम आप के माध्यम से शासन प्रशासन से गुहार लगाते हैं कि जल्दी हमारी समस्याओं का समाधान किया जाए।
असमा बी, स्थानीय रहवासी मुश्काबाद।