-पुलिस ने घायल को सांची सिविल अस्पताल में किया भर्ती

अदनान खान सलामतपुर रायसेन। (एडिटर इन चीफ IND28 हर खबर पर पैनी नज़र)

मंगलवार शाम को रेलवे ओवरब्रिज पर सड़क के गड्ढों की वजह से मोटरसाइकिल सवार एक युवक गिरकर गंभीर रूप से घायल हो गया। मामले की जानकारी मिलते ही पुलिस तत्काल मौके पर पहुंची और घायल युवक को सांची के सिविल अस्पताल में भर्ती किया गया है। जहां पर युवक का ईलाज जारी है। पुलिस से मिली जानकारी अनुसार मंगलवार शाम लगभग सात बजे प्रवीण पिता विनायक रायसेन से डीआईजी बंगला भोपाल अपने घर स्प्लेंडर मोटरसाइकिल एमपी 09 वीए 1172 से जा रहे थे। तभी सलामतपुर के रेलवे ओवरब्रिज पर हो रहे गहरे गड्ढों में मोटरसाइकिल का अगला पहिया जाने के कारण गिर गए। जिसकी वजह से उनके सिर, हाथ और पैर में गंभीर चोटें आई हैं। पुलिस को जैसे ही मामले की जानकारी मिली तो तत्काल मौके पर पहुंची और युवक को घायल अवस्था में सांची के सिविल अस्पताल रेफर किया है।

सलामतपुर आरओबी में हो रहे हैं गहरे गड्ढे, लोहे का सरिया भी निकल रहा हैं बाहर---भोपाल-विदिशा स्टेट हाइवे 18 स्तिथ सलामतपुर रेलवे फाटक पर बनाया गया रेलवे ओवरब्रिज 11 साल में ही धसक गया है। पुल पर गहरे-गहरे गड्डे हो गए हैं। और तो और इन गड्ढों से लोहे का सरिया भी बाहर निकल आया है। पुल के दोनों और कि रैलिंग आड़ी हो गई है। वहीं फूटपाथ भी कई जगह से टूट गया है। वहीं ब्रिज के दोनों तरफ लगभग 6 सौ मीटर एरिया के बीच में आठ से दस इंच गहरे गड्ढे हो गए हैं। जिसमें दो पहिया वाहनों के साथ साथ चार पहिया वाहनों के टायर फंस जाते हैं। जिससे आए दिन दुर्घटना होती रहती है। बीते सात वर्षो में एक दर्जन से अधिक लोग ब्रिज पर दुर्घटना के कारण काल के गाल में समां चुके हैं। ब्रिज के पिलर भी धीरे धीरे धसक रहे हैं। जिससे ब्रिज में दरार बढ़ती जा रही हैं। इस ब्रिज का निर्माण वर्ष 2011 में मध्य प्रदेश ब्रिज कारपोरेशन द्वारा 6 करोड़ की लागत से कराया गया था। यह ब्रिज 2013 में बन कर तैयार हुआ था। अपने बनने के साथ ही यह विवादों में आ गया था। ब्रिज कारपोरेशन के तत्कालीन एसडीओ जो अब सेवानिवृत हो चुके हैं को आपत्ति थी की जिस एरिया में ब्रिज बनाया जा रहा है। वह क्षेत्र ब्लैक कॉटन स्वाइल क्षेत्र है। ब्रिज के पिलर की गहराई कम रखी गयी है। पुल धीरे धीरे धसक जाएगा। लेकिन ब्रिज बना रहे ठेकेदार जो तत्कालीन केन्दीय मंत्री के खासम खास थे के ऊँचे रसूख के चलते तत्कालीन एसडीओ की नही सुनी गई तो उन्होंने दुखी होकर अपना स्थानांतरण करा लिया था। पिछले 11 सालों में एमपीआरडीसी कई बार रेलवे ओवरब्रिज की मरम्मत करा चुकी है। लेकिन अब फिर ब्रिज में गहरे गड्ढे होने के साथ ही दोनों और कि रैलिंग भी टेढ़ी होकर धसक रही है। आलम यह है की ब्रिज पर इतनी दुर्घटना होने लगी हैं कि कई झोलाछाप डॉक्टरों व अस्पतालों ने तो ब्रिज पर लिखवा दिया है की दुर्घटना होने पर संपर्क करें। इतना सब होने के बाद भी ज़िम्मेदार एमपीआरडीसी विभाग इस और ध्यान नही दे रहा है।

न्यूज़ सोर्स : अदनान खान एडिटर इन चीफ IND28