बालमपुर घाटी पर दर्दनाक हादसा, खड़े ट्रक से टकराकर पलटा मिनी ट्रक, ड्रायवर की मौत

-घाटी पर आए दिन होते हैं हादसे, नही है सुरक्षा के पर्याप्त इंतेज़ाम
अदनान खान सलामतपुर रायसेन। (एडिटर इन चीफ IND28 हर खबर पर पैनी नज़र)
गुरुवार देर रात बालमपुर घाटी पर एक दर्दनाक सड़क हादसा हो गया। जिसमें एक ट्रक चालक की मौत हो गई। जानकारी अनुसार भोपाल की ओर से विदिशा की तरफ जा रहा आईशर मिनी ट्रक घाटी से उतरते समय घाटी पर खड़े एक खराब ट्रक में जा घुसा। टक्कर इतनी भीषण थी कि मिनी ट्रक मौके पर ही पलट गया। हादसे में गंभीर रूप से घायल ट्रक चालक बृजेश आदिवासी को हमीदिया अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। मृतक की पहचान बृजेश आदिवासी के रूप में हुई है। जानकारी के अनुसार, विदिशा से भोपाल की ओर घाटी चढ़ते समय एक ट्रक खराब हो गया था, जो घाटी पर ही खड़ा था। उसी समय भोपाल से विदिशा की ओर आ रहा मिनी ट्रक तेज रफ्तार में घाटी से उतरते समय संतुलन खो बैठा और सीधे खड़े ट्रक में जा घुसा।स्थानीय लोगों का कहना है कि बालमपुर घाटी पर इस तरह के हादसे आए दिन होते रहते हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस सुरक्षा व्यवस्था नहीं की गई है। पुलिस मौके पर पहुंचकर जांच में जुटी है।
बालमपुर घाटी पर पिछले 12 महीने में हो चुकी हैं 100 घटनाएं---भोपाल विदिशा स्टेट हाइवे 18 की बालमपुर घाटी पर भी सप्ताह में एक दो हादसे हो रहे हैं जिसमें कई वाहन चालक अपनी जान गवां चुके हैं। और कई लोग घायल भी हो चुके हैं। फिर भी बालमपुर घाटी पर ज़िम्मेदार अधिकारियों द्वारा दुर्घटनाएं रोकने के लिए कोई उपाय नही किये जा रहे हैं। जिसकी वजह से आए दिन बालमपुर घाटी पर सड़क दुर्घटनाओं में वाहन चालक अपनी जान गंवा रहे हैं। कुछ माह पहले हो रहे हादसों को रोकने के लिए एमपीआरडीसी ने टूटी हुई रेलिंग की जगह सीमेंट की बोरियां भरकर उसमें रेडियम लगवा दिए थे। ताकि सड़क हादसे रोके जा सकें। जिससे की रात के वक्त वाहन चालकों को घाटी पर अंधे मोड़ की सूचना पहले मिल सके। लेकिन यह बोरियां भी 1 महीने के अंदर ही छतिग्रस्त होकर नीचे गिर गई। क्योंकि कुछ समय पूर्व बालमपुर की घाटी पर लोहे की रेलिंग भी लगाई गई थी। जो आए दिन दुर्घटनाओं के कारण बार-बार टूट रही थी। जिसकी वजह से वाहन आए दिन हादसों का शिकार होकर खाई में गिर रहे थे। हादसों को रोकने के लिए हीं टूटी हुई रेलिंग की जगह पर सीमेंट की बोरिया भर कर रखी गई थीं। और ईनमें रेडियम पट्टी भी चिपकाई गई थी। ताकि रात के समय दूर से ही वाहन चालकों को संकेत मिल सके और रास्ता स्पष्ट दिखाई दे सके। लेकिन यह उपाय भी काम ना दे सका। अब तो एमपीआरडीसी ने घाटी पर सड़क भी चौड़ी कर दी है। फिर भी हादसे नही रुक रहे।
पहले भी ट्राला रिवर्स होकर गिरा था खाई में---भोपाल विदिशा स्टेट हाइवे 18 की बालमपुर घाटी पर आए दिन रोड दुर्घटनाएं हो रही हैं। कुछ समय पूर्व अशोक लीलैंड ट्राला जीजे 12 जेड 1725 सलामतपुर रेलवे रेक पॉइंट से लोहे की टीन के रोल लेकर जमुनिया वेलस्पन कंपनी जा रहा था। रास्ते में बालमपुर की घाटी पर चढ़ते समय ट्राले के ब्रेक फेल हो गए और ट्राला रिवर्स होकर नीचे खाई में उतर गया।वो तो गनीमत रही थी कि ट्राले के ड्राइवर और क्लीनर को कोई चोट नही आई। दोनों ने ट्राले से कूदकर अपनी जान बचा ली। अन्यथा बड़ी जनहानि हो सकती थी। भोपाल विदिशा स्टेट हाइवे 18 की बालमपुर घाटी पर अधिक चढ़ाई होने की वजह से यहां आए दिन हादसे होते रहते हैं। अभी कुछ समय पहले ही बालमपुर घाटी पर सुबह लगभग 5 बजे कटनी से चावल भरकर इंदौर जा रहे आयशर मिनी ट्रक क्रमांक एच आर38 आर 7261 ब्रेक फेल होने के कारण अनियंत्रित होकर पलट गया था। मिनी ट्रक में ड्राइवर सहित सवार तीन लोग सवार थे। जिन्होंने ट्रक से कूदकर अपनी जान बचाई थी। इसलिए तीनों को मामूली सी चोटें आई थी। वहीं एक हार्वेस्टर भी घाटी पर चढ़ते समय पलट गया था।पलटने से उसके दो टुकड़े हो गए थे। हालांकि पूरी घाटी रोड पर सुरक्षा की दृष्टी से रेडियम भी लगाए गए हैं। ताकि रात के समय वाहन चालकों को दुर्घटना से बचाया जा सके। लेकिन उसके बाद भी बालमपुर घाटी पर हादसे रुकने का नाम नही ले रहे हैं।