भदभदा के जंगल में ट्रेन की चपेट में आने से युवा तेंदुए की मौत, भोपाल में हुआ पोस्टमार्टम

-वन विभाग की टीम मौके पर कर रही है जांच
-कई महीनों से तेंदुआ आसपास क्षेत्र में मवेशियों पर कर रहा था लगातार हमले
अदनान खान सलामतपुर रायसेन। (एडिटर इन चीफ IND28 हर खबर पर पैनी नज़र)
जिला मुख्यालय से 30 किमी दूर भोपाल -दिल्ली रेल्वे मार्ग पर भोपाल दीवानगंज के बीच में समरधा रेंज क्षेत्र के भदभदा जंगल में ट्रेन की चपेट में आने से एक युवा तेंदुआ की मौत हो गई।वनविभाग की टीम द्वारा स्थल निरीक्षण किए जाने के बाद शव का भोपाल में पीएम कराया जा रहा है। समरधा रेंज के रेंजर शिवपाल पिपरदे ने बताया कि उन्हें शुक्रवार सुबह सूचना मिली कि उनके रेंज क्षेत्र में भदभदा जंगल के रेल्वे मार्ग की पटरी के पास एक तेंदुए का शव पड़ा है तो उन्होंने वनकर्मियों की टीम के साथ स्थल निरीक्षण किया। तेंदुआ की आयु करीब दो वर्ष होगी। संभावना ये भी है कि जो तेंदुआ पिछले कुछ माह से इस क्षेत्र सहित जिले की सीमा सहित आसपास भी विचरण कर रहा था और क्षेत्र में पालतू मवेशियों को अपना शिकार बना रहा था। पिछले पखबाड़े एक किसान पर भी तेंदुएं ने हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया था, जिसे उसके पालतू कुत्ते द्वारा बचाया गया था। ये तेंदुआ वो भी हो सकता है। फिर भी हम लोग सभी पहलुओं पर जांच कर रहे हैं और जंगल में लगाए गए सीसीटीवी के फुटेज भी चेक कर रहे हैं। फिलहाल शव को भोपाल भेजकर पोस्टमार्टम कराया जा रहा है।
तेंदुआ अब तक 25 मवेशियों पर कर चुका हैं हमला--ग्राम नरखेड़ा और कुल्हाड़िया सहित आसपास क्षेत्र में तेंदुए के बढ़ते आतंक से ग्रामीण परेशान और भयभीत हैं। गांव में तेंदुआ लगातार मवेशियों को अपना शिकार बना रहा है। पिछले एक साल में तेंदुआ अब तक 25 मवेशियों पर हमला कर चुका है। कुछ दिन पूर्व भी पंचायत चौकीदार चिरौंजी लाल लोधी के घर के पीछे बंधे गाय के बछड़े पर तेंदुए ने हमला किया था। यह घटना रात करीब 2 बजे की थी। तेंदुए के हमले से बछड़ा गंभीर रूप से घायल हो गया था और जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष करते हुए उसकी मौत हो गई थी।चिरौंजीलाल ने बताया कि एक साल पहले भी उनके एक अन्य बछड़े को तेंदुआ अपना शिकार बना चुका है। यह दूसरी बार था जब उनके मवेशी पर तेंदुआ ने हमला किया। गांव के लोग तेंदुए के डर से रातों में बाहर निकलने से डरते हैं। एक साल से तेंदुए के हमले की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं, लेकिन वन विभाग की ओर से अब तक न तो तेंदुए को पकड़ा गया है और न ही पीड़ित परिवारों को किसी प्रकार का मुआवजा दिया गया है।ग्रामीणों ने वन विभाग और प्रशासन से जल्द कार्रवाई की मांग की है ताकि उनकी सुरक्षा सुनिश्चित हो सके और मवेशियों को बचाया जा सके।
क्षेत्र में तेंदुए के आतंक के चलते विभाग लोगों को कर रहा था सतर्क--कुछ दिन पूर्व ही थाना क्षेत्र के एक ईंट भट्ठे पर बंधे हुए गधे को अपना शिकार बनाया था। वहीं एक मोहल्ले में रात्रि करीब 2 बजे तेंदुए ने घर के पास बंधी बकरियों पर हमला कर दिया था। इस हमले में दो बकरियों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि सात अन्य बकरियां गंभीर रूप से घायल हो गईं। घटना से क्षेत्र में दहशत का माहौल बन गया है। घटना की जानकारी देते हुए पीड़ित बकरी पालक रंजीत गीर ने बताया कि तेंदुआ पास स्थित पहाड़ी क्षेत्र से मोहल्ले में आया और अचानक बकरियों पर झपट पड़ा। बकरियों की चीख-पुकार सुनकर उनकी बुआ की नींद खुली, जिन्होंने तत्काल परिजनों को जगाया। जब तक वे मौके पर पहुंचे, तेंदुआ भाग चुका था और दो बकरियों की जान जा चुकी थी, वहीं सात बकरियां गंभीर रूप से घायल थीं।ग्रामीणों का कहना है कि यह पहली बार नहीं है जब तेंदुए की आमद देखी गई हो। इसके पहले भी आस-पास के क्षेत्रों में जंगली जानवरों की मौजूदगी देखी गई है, लेकिन इस बार तेंदुए के हमले ने लोगों में डर और चिंता बढ़ा दी थी। अगर ट्रेन की चपेट में आकर जिस तेंदुए की मौत हुई है यह वही तेंदुआ है जो लगातार मवेशियों पर हमला कर रहा था तो लोगों के लिए राहत की बात है।