सतीश मैथिल/अभिषेक लोधी सांचेत रायसेन। IND28.COM

सावन माह का दूसरा पखवाड़ा यानि शुक्ल पक्ष त्योहारों के लिए जाना जाता है। इसी में राधाकृष्ण मंदिरों के साथ घर घर में झूला महोत्सव बनाया जाता है। सावनतीज व नाग पंचमी जैसे पर्व होते हैं। लेकिन इस बार इनके लिए अभी एक माह इंतजार करना होगा। कारण सावन माह अधिक मास होना। यह पर्व शुद्ध माह में मनाए जाते है। 18 जुलाई मंगलवार से सावन अधिक मास शुरू हो रहा है। यह 16 अगस्त तक रहेगा। इसके बाद पर्वों का सिलसिला शुरू हो जाएगा। सोमवार को हरियाली अमावस्या थी। सोमवार होने से सोमवती अमावस्या भी, साथ में सावन। एक साथ तीन संयोग मिल जाने से यह सोमवार विशेष हो गया। इस दिन भगवान भोले शंकर की पूजा-अर्चना करने से विशेष फल भी मिलेगा। महिलाएं सोमवती अमावस्या होने से विभिन्न वस्तुओं से पीपल की परिक्रमा करेंगी एवं वस्तुओं का दान करेंगी। आमतौर पर सावन में हरियाली अमावस्या के साथ सावन शुक्ल तृतीया से वृन्दावन की तर्ज पर अंचल के राधाकृष्ण मंदिरों के साथ घरों में भी झूला महोत्सव की शुरुआत हो जाती है। लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा।भक्तों को भगवान को झूला में झूलाने के लिए 1 माह इंतजार करना होगा। कारण अधिक मास। पं.प्रियंक कृष्ण शास्त्री सौजन वालों के अनुसार परंपरानुसार शुद्ध माह में ही पर्वों का आयोजन होता है। अधिकमास में पूजा, जन, अनुष्ठान का महत्व होता है। लेकिन सकाम अनुष्ठान आदि अधिक मास में नहीं करना चाहिए। पं. शास्त्री के अनुसार 16 अगस्त को अधिमास समाप्त हो जाएगा। 17 अगस्त से शुद्ध सावन माह का शुक्ल पक्ष शुरू होगा। अंग्रेजी कैलेंडर में हर साल 12 महीने होते हैं, लेकिन हिंदू पंचांग की गणनाओं के अनुसार हर 3 साल में एक बार एक अतिरिक्त माह होता है, जिसे अधिकमास या पुरुषोत्तम मास कहा जाता है। अधिकमास चंद्र साल का अतिरिक्त भाग है जो 32 माह 16 दिन 8 घंटे के अंतर से बनता है। सूर्य और चंद्र वर्ष के बीच इस अंतर को पाटने या संतुलित करने के लिए अधिक मास लगता है।

 

न्यूज़ सोर्स : IND28.COM