अदनान खान सलामतपुर रायसेन। (एडिटर इन चीफ IND28 हर खबर पर पैनी नज़र)

सांची ब्लॉक के दीवानगंज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में मंगलवार को एक गर्भवती महिला की डिलीवरी के दौरान नवजात की गर्भ में ही मौत हो गई थी। इस दर्दनाक हादसे के बाद परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर गंभीर लापरवाही के आरोप लगाए। मामला मीडिया में प्रकाशित होने के बाद स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया। IND28 न्यूज़ वेबसाइट ने इस खबर को बुधवार के दिन प्रमुखता से प्रकाशित किया था, जिसका बड़ा असर हुआ कि बुधवार को ही खुद सीएमएचओ हरिनारायण मंडरे और सांची सीबीएमओ रवि प्रकाश राठौर दीवानगंज अस्पताल पहुंचे और मौके पर निरीक्षण किया। अधिकारियों ने पीड़ित परिवार से मुलाकात कर पूरे मामले की जानकारी ली। मरीजों से भी बातचीत कर अस्पताल की व्यवस्थाओं का जायजा लिया गया। सीएमएचओ ने स्पष्ट किया कि घटना की जांच के लिए समिति गठित कर दी गई है। जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि अस्पताल में डॉक्टर और नर्स की भारी कमी है, जिसे जल्द ही दूर किया जाएगा। वहीं उन्होंने कहा कि डिलीवरी के वक्त नर्स मौजूद थी और नर्स ने ही डिलीवरी कराई थी। रात के समय भी नर्स मौजूद थी और उस वक्त महिला को दर्द नहीं हो रहे थे डिलीवरी होना संभव नहीं था।गौरतलब है कि सोमवार रात करीब 10:30 बजे ग्राम कालीटोर निवासी गोलू जाटव अपनी पत्नी सिमरन जाटव को प्रसव पीड़ा के चलते दीवानगंज पीएचसी लेकर पहुंचे थे। परिजनों का आरोप है कि रातभर मरीज की कोई सुध नहीं ली गई। ड्यूटी पर तैनात नर्स केवल हस्ताक्षर कर चली गई। सुबह भी इलाज में लापरवाही बरती गई, जिसके बाद 11:30 से 12 बजे के बीच उन्हें बताया गया कि बच्चा गर्भ में ही दम तोड़ चुका है। बताया जा रहा है कि सिमरन की शादी को महज एक साल ही हुआ था और यह उनका पहला बच्चा था। अब देखना होगा कि जांच समिति की रिपोर्ट में क्या सामने आता है और दोषियों पर क्या कार्रवाई होती है। सवाल यह भी उठता है कि सरकारी अस्पतालों में कब तक यूं ही लापरवाही की भेंट चढ़ते रहेंगीं मासूम जिंदगियां?

न्यूज़ सोर्स : अदनान खान एडिटर इन चीफ IND28