खंडेरा धाम में मैया के दर्शन के लिए रोज़ पहुंच रहे हैं हजारों भक्त
सतीश मैथिल सांचेत रायसेन। (IND28 हर खबर पर पैनी नज़र)
मां छोले वाली मैया खंडेरा के दरबार में दूर-दूर से लोग आ रहे हैं। नवरात्रि के चलते भक्तों में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है। इसी क्रम में सांचेत से अठारह लोगों का जत्था पिछले 12 वर्षो से मां छोले बाली के द्वारा पिंड भरकर प्रति वर्ष जाते हे पिंड भरने बालों में हेमंत सेन शानू पंथी से पूछा तो उन्होंने बताया मां सब की मनोकामना पूरी करती हे। मनवांछित फल देती हे इसलिए हम पिंड भरकर हर साल जाते हे हमे सांचेत से खंडेरा पहुंचने में दो दिन का समय लगता है शारदीय नवरात्रि पर सिद्ध पीठ मां छोले बाली के दरबार में भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिली. पुलिस प्रशासन ने भी मेले को लेकर सभी इंतजाम पूरे किए हैं।
कोरोना महामारी के बाद नवरात्रि पर खंडेरा में स्तिथ सिद्ध पीठ मां छोले बाली के दरबार में लगने वाले मेले पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है. इस मेले में श्रद्धालुओं में भारी उत्साह देखने को मिल रहा है सोमवार को शारदीय नवरात्रि पर सिद्ध पीठ मां छोले के दरबार में भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिली. श्रद्धालुओं का कहना है कि कोरोना महामारी के बाद ये पहला मेला हैं, जिसके चलते भारी उत्साह है। ज्योतिष अचार्य पंडित अरुण शास्त्री द्वारा बताया गया कि दूसरे राज्यों से भी आते हैं लोग। जिला पंचायत एवं पुलिस प्रशासन ने मेले में सभी इंतजाम पूरे किए हैं. कुछ श्रद्धालुओं का तो ये भी कहना है की मां बड़ी दयालु है वो अपने भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण करती है. मां छोले बाली सिद्धपीठों में से एक है, यहां माता के दर्शन कर आशीर्वाद लेने के लिए उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेशों से भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं।मां छोले वाली मैया मंदिर के पुजारी पंडित दिनेश दुबे द्वारा बताया गया कि मां पूरी करती है हर मनोकामना
मां छोले बाली माँ के भक्तों का कहना है कि सच्चे मन से मांगी गई मन्नत मां अवश्य पूरी करती है. जमीन पर पिंड भरकर बाहर के दर्शनों को जा रहे एक भक्त से जब पूछा गया कि वो जमीन पर लेटकर अपनी यात्रा क्यों पूरी कर रहे हैं तो उसका जवाब था कि उसने मां छोले बाली से पुत्र रत्न की प्राप्ति के लिए मन्नत मांगी थी, जो मां ने पूरी करते हुए एक पुत्र की जगह 2 पुत्र रत्नों से उसकी झोली भर दी. इससे खुश होकर वो माता के दर्शनों को जमीन पर लेटकर जा रहे हैं. कोरोना महामारी के चलते 2 साल से मां छोले बाली के दरबार में श्रद्धालुओं की आमद नहीं हो रही थी. अब जब कोरोना महामारी से निजात मिली है तो मनोरम पहाड़ियों के बीच स्थित मां छोले बाली मैया के मंदिर जयकारों से गुंजायमान हो गया है।