सतीश मैथिल/अभिषेक लोधी सांचेत रायसेन। IND28.COM

कस्बा सांचेत से गुरुवार शाम को 27 लोगो का समूह ट्रेक्टर ट्राली से मां नर्मदा से कावड़ भरने ग्राम बगलवाड़ा पहुंचे और मां नर्मदा में स्नान कर शुक्रवार को कावड़ भर कर पैदल यात्रा की। जिसमे सभी भक्तों ने 125 किलोमीटर की यात्रा 4 दिनों में सोमवार को सुबह पूरी की जिसमे सभी भक्त नाचते गाते झूमते पहले दिन शुक्रवार को बाड़ी विश्राम किया और दूसरे दिन बाड़ी से चादनगोड़ा और तीसरे दिन मां छोले बाली मैया के मंदिर पर खंडेरा विश्राम किया और चौथे दिन सोमवार को ग्राम सांचेत के सभी 11 शिवालयों में मां नर्मदा के जल से सभी भक्तो द्वारा जलाभिषेक किया गया कावड़ यात्रा के बारे में जानकारी देते हुए पंप्रियंक कृष्ण शास्त्री सौजना वालों ने बताया की श्रावण मास में सैकड़ों की तादाद में कांवडिये दूर स्थानों से आकर गंगा जल से भरी कांवड़ लेकर पदयात्रा करके अपने गांव वापस लौटते हैं इस यात्रा को कांवड़ यात्रा बोला जाता है। श्रावण महीने में सोमवार के दिन उस गंगा जल से अपने निवास के आसपास शिव मंदिरों में शिव का अभिषेक किया जाता है। कहने को तो ये धार्मिक आयोजन भर है, लेकिन इसके सामाजिक सरोकार भी हैं। कांवड के माध्यम से जल की यात्रा का यह पर्व सृष्टि रूपी शिव की आराधना के लिए हैं। पानी आम आदमी के साथ साथ पेड पौधों, पशु - पक्षियों, धरती में निवास करने वाले हजारो लाखों तरह के कीडे-मकोडों और समूचे पर्यावरण के लिए बेहद आवश्यक वस्तु है। उत्तर भारत की भौगोलिक स्थिति को देखें तो यहां के मैदानी इलाकों में मानव जीवन नदियों पर ही आश्रित है।


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