-अधिकारियों की लापरवाही के कारण बाल मजदूरी पर नही लग रही रोक

अदनान खान सलामतपुर रायसेन। (एडिटर इन चीफ IND28 हर खबर पर पैनी नज़र)

पढ़ेगा इंडिया तो बढ़ेगा इंडिया यह नारा उस तस्वीर के आगे फीका पड़ता दिखाई देता है, जिसमें स्कूल जाने की उम्र में बच्चे थैला लेकर भीख मांगने सहित पन्नी बीनने और बाल मजदूरी करते दिखाई देते हैं। जी हां हमारे सिस्टम की उदासीनता कहें या बाल संरक्षण के प्रति लापरवाही। शिक्षा के लिए करोड़ों रुपए की योजनाएं बनती है, मगर जमीनी स्तर पर आकर कितनी सही साबित होती हैं यह तस्वीर देखकर आप अंदाजा लगा सकते हैं। यह मामला है रायसेन जिले के सांची विधानसभा के सलामतपुर, बेरखेड़ी चौराहा और दीवानगंज क्षेत्र का यहां पर घुमक्कड़ जाति के कई मोहल्ले हैं। सुबह जिस टाइम दूसरे घरों के बच्चे स्कूल के लिए हाथ में बस्ता लेकर निकलते हैं। इस मोहल्ले के बच्चे हाथ में थैला लेकर कचरा बीनने, भीख मांगने या बाल मजदूरी करने जाते हैं। यह हाल है सांची विधानसभा क्षेत्र का, आखिर इन बच्चों का बचपन इनसे कौन छीन रहा है। कौन है जिम्मेदार? करोड़ों रुपए की सरकारी योजनाएं बनती है। मगर इन बच्चों तक आखिर क्यों नहीं पहुंच पाती हैं। यह तो हमने एक जगह की तस्वीरें दिखाई हैं आपको। न जाने और कितने बच्चे होंगे, जिनका भविष्य अंधकार में जा रहा है। भले ही हमारे देश में डिजिटल क्रांति की बात की जा रही है । मेकिंग इंडिया की बात की जा रही है । रायसेन जिले में भिक्षावृत्ति पर रोक के बाद भी मासूम बच्चे भीख मांगने को मजबूर हैं। यह बच्चे शुक्रवार हाट बाजार के दिन पूरे क्षेत्र में दुकानों सहित मंदिर और मस्जिद के बाहर भीख मांगते हुए आसानी से देखे जा सकते हैं।

 

न्यूज़ सोर्स : अदनान खान एडिटर इन चीफ IND28