शुभांक को 15 वर्ष की उम्र में गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड में मिला स्थान

-शुभांक को दुनिया के सबसे कम उम्र के प्रमाणित एथिकल हैकर सीईएच के रूप में मिली मान्यता
-सलामतपुर में डियर भांजे के नाम से हैं चर्चित
अदनान खान सलामतपुर/भोपाल। (एडिटर इन चीफ IND28 हर खबर पर पैनी नज़र)
रायसेन जिले की अंजना यादव पर्वत रोही और दीपा राजपूत के बाद आपको एक ऐसी शख्सियत से रूबरू कराया जा रहा है जो इतनी कम उम्र में अपने आप में एक ब्रांड बन गया है। जिसकी चर्चा देश और विदेश की बड़ी बड़ी कम्पनियों सहित गूगल पर सर्च करने पर भी एक गौरव पूर्ण परिचय को प्रमाणित करता है। जिसने देश और विदेश में अपने माता पिता सहित सलामतपुर भोपाल और रायसेन जिले सहित मध्य प्रदेश का नाम कई देशो में रोशन किया है। होनहार नव युवक शुभांक सिंघई का जिसने मात्र 15 वर्ष की कम उम्र में गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड में अपना स्थान बनाया है इससे पहले शुभांक ने 23 सितम्बर 2024 को इंडिया बुक ऑफ़ रिकार्ड में अपना स्थान हासिल किया था। शुभांक सिंघई को आधिकारिक तौर पर गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स द्वारा दुनिया के सबसे कम उम्र के प्रमाणित एथिकल हैकर सीईएच के रूप में मान्यता दी गई है। उन्हें कम उम्र में प्रतिष्ठित प्रमाणित सूचना सुरक्षा और नैतिक हैकर सीआईएसईएच प्रमाणन प्राप्त करने के लिए इंडिया बुक ऑफ़ रिकॉर्ड्स द्वारा भी सम्मानित किया गया है। इन पुरस्कारों के अलावा, शुभांक ने साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में अपने समर्पण और असाधारण प्रतिभा का प्रदर्शन करते हुए एथिकल हैकिंग में कई प्रमाणन सफलतापूर्वक पूरे किए हैं। शुभांक मूलतः भोपाल के रहने वाले है परन्तु इनकी माता नीरू जैन सलामतपुर की होने के कारण यह सलामतपुर में डियर भांजे के नाम से चर्चित है।
क्या है एथिकल हैकर और कैसे सरकार और आई टी कम्पनियों को सुरक्षा प्रदान करते है---एथिकल हैकर, किसी संगठन के सिस्टम में कानूनी तरीके से घुसकर कमज़ोरियों का पता लगाते हैं यदि किसी हैकर द्वारा कम्पनी या सरकार के किसी सिस्टम को हैक कर लिया गया है तो यह अपनी टेक्निकल प्रक्रिया द्वारा उसका समाधान करके कम्पनियो को सुरक्षा प्रदान करते है।और उन्हें ठीक करते हैं। उनका मकसद, संगठन को साइबर हमलों और सुरक्षा उल्लंघनों से बचाना होता है। एथिकल हैकर्स को व्हाइट हैट हैकर भी कहा जाता है।
एथिकल हैकर्स के बारे में कुछ और बातें--एथिकल हैकर्स, संगठनों के साथ मिलकर काम करते हैं। वे कंपनियों के साथ मिलकर अपनी गतिविधियों के लिए दायरा तय करते हैं।एथिकल हैकर्स, संगठनों के सिस्टम को कोई नुकसान नहीं पहुंचाते और न ही कोई संवेदनशील डेटा चुराते। वह कानून के दायरे में काम करते हैं और दुर्भावनापूर्ण हैक में शामिल नहीं होते।एथिकल हैकर्स, सुरक्षा कमज़ोरियों का पता लगाने के बाद, कंपनी को बेहतर सुरक्षा प्रदान करने के लिए समाधान देते हैं। एथिकल हैकर्स, सॉफ़्टवेयर डेवलपर, नेटवर्क डिफ़ेंडर, और गुणवत्ता आश्वासन परीक्षकों को सुरक्षा सहायता भी देते हैं। एथिकल हैकर्स के कौशल और ज्ञान का इस्तेमाल कई अन्य सुरक्षा भूमिकाओं में भी किया जाता है। इस उपलब्धि के लिए शुभांक सिंघई पिता अविनेश सिंघई को सभी लोगो द्वारा शुभकामनाएं प्रदान की और उनके उज्जवल भविष्य के लिए कामना की है।