सतीश मैथिल सांचेत रायसेन। (IND28 हर खबर पर पैनी नज़र)

कस्बा सांचेत ओर आसपास के छेत्र में मवेशी फसल चट कर रहे हैं। और यातायात भी बाधित कर रहे हैं। मवेशी खेतों में घुसकर गेहूं, चना की फसल को बर्बाद कर किसानों को नुकसान पहुंचा रहे शहर और गांवों के लिए आवारा पशु दोहरी परेशानी का कारण बन रहे। खेतों में उग आई गेहूं व चना की फसल को आवारा मवेशी चट कर रहे हैं। जब किसान उन्हें खेतों से भगा रहे हैं, तो शहर में सड़क पर बैठ जाते हैं। इस वजह से हादसे हो रहे और यातायात भी प्रभावित होता है। ऐसे में किसी दिन बड़ा हादसा हो सकता है। वहीं जिम्मेदार अधिकारी इस तरफ ध्यान नहीं दे रहे हैं। दरअसल कई पशु पालक अपने मवेशियों को खुला छोड़ देते हैं। यही मवेशी खेतों में घुसकर गेहूं, चना की फ सल को बर्बाद कर किसानों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। इसके कारण किसानों व पशु पालकों के बीच गांवों में विवाद की स्थिति बन रही है फसल चट कर रहे मवेशी, यातायात भी बाधित हाइवे पर रहते हैं मवेशी।शहर से निकले सागर-भोपाल स्टेट हाइवे पर जगह-जगह आवारा पशु जमा रहते हैं। सड़क के दोनों तरफ भी पशुओं का डेरा दिखाई देता है। हाइवे पर रात के समय इनकी वजह से किसी भी दिन कोई बड़ा हादसा हो सकता है, जबकि छुटपुट दुर्घटनाएं कई बार हो चुकी हैं, लेकिन प्रशासनिक अधिकारी कोई ठोस कदम नहीं उठाते। इसका खामियाजा लोगों को उठाना पड़ता है। खंडेरा नकतरा रोड पर आवारा पशु नजर आते हैं टैग से लग सकती है जानकारी पशु विभाग ने मवेशियों की गणना कर उनके कान पर टैग लगा दिया है। इससे मवेशियों और उसके पालक की पहचान हो सकती है। नगर पालिका द्वारा अभियान चलाकर आवारा मवेशियों को गोशाला में बंद किया जा सकता है। टैग के आधार पर मवेशी पालक की पहचान कर जुर्माने की कार्रवाई हो सकती है। मगर जिम्मेदार अधिकारी कार्रवाई से परहेज कर रहे हैं।

किसानों ने बताया--- किसान भीम सिंह वघेल खंडेरा ने बताया कि एक ओर तो हजारों रुपए क्विंटल का चना व गेहं का बीज लेकर बोवनी की है। अब खेतों में पशु पहुंचकर फसल नष्ट कर रहे हैं। इसके अलावा जंगली सूअर भी फ सलों को चट कर रहे हैं। इसी तरह की स्थिति किसान प्रेम सिंह पटेल सांचेत बालों ने बताई। उन्होंने कहा कि दिन-रात खेत में पशुओं की धमाचौकड़ी लगी रहती है। उन्हें बार-बार खेत से बाहर करके परेशान होना पड़ रहा है। जबकि जिम्मेदार अधिकारी समस्या के निराकरण को लेकर गंभीर नहीं है।आवारा पशु फसलों को चटकर, किसानों की मेहनत कर रहे बर्बाद क्षेत्र में आवारा पशुओं से किसान खासे परेशान हो रहे हैं। हाल ये है कि आवारा पशुओं के झुंड खेतों में घुसकर किसानों की फसलों को आएदिन नष्ट कर रहे हैं। ऐसे में किसान अपनी फसलों को बचाने के लिए दिन-रात फसलों की रखवाली करने को मजबूर हैं। बावजूद इसके इन आवारा पशुओं की धमाचौकड़ी खेतों में लगी रहती है। किसान राजेश वघेल संतोष वघेल सुनील वघेल डावर बालों का कहना हैं कि रात को खेतों में अवारा पशुओं के झुंड आ जाते हैं। फसलों को चरकर व पैरों से रौंदकर चले जाते हैं। सुरक्षा के लिए खेत के चारों ओर तारों की बाड़ लगा रखी है, मगर पशु बाड़ को लांघकर खेतों में घुस रहे हैं। जब तक खेत में लोग पहुंचते हैं, तब तक पशुओं के झुंड फसलों को नष्ट कर देते हैं। अगर इन आवारा पशुओं की समस्या का कोई स्थायी समाधान नहीं निकाला गया तो किसान फसल नहीं बचा पाएंगे। ग्रामीण क्षेत्रों में खेतों में आवारा पशुओं का जमघट किसानों के लिए चुनौती बन रहे हैं।

न्यूज़ सोर्स : IND28 हर खबर पर पैनी नज़र