सईद नादां, बेगमगंज रायसेन। (IND28.COM हर खबर पर पैनी नज़र)

जिला मुख्यालय से 80 किमी दूर बेगमगंज के प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश आशुतोष शुक्ला ने देवनगर थाना अंतर्गत एक युवक के जघन्य हत्याकांड के तीन आरोपियों को मंगलवार के दिन आजीवन कारावास की सजा एवं अर्थदंड से दंडित करते हुए जेल भेज दिया। शासन की ओर से पैरवी करने वाले शासकीय अधिवक्ता धीरेंद्र सिंह गौर ने बताया कि थाना देवनगर के अपराध क्रमांक 29 / 2022 के सत्र प्रकरण क्रमांक 106 /2022 में धारा 302, 201 / 34 भारतीय दंड विधान के तहत जघन हत्याकांड के आरोपित दीपक जाटव पिता मुन्ना लाल जाटव 27 वर्ष निवासी हरिजन मोहल्ला देवनगर , सुनील धाकड़ पिता श्यामलाल धाकड़ 28 वर्ष निवासी डईया मोहल्ला देवनगर एवं शासकीय शिक्षक ओमप्रकाश जाटव पिता लच्छू राम जाटव 45 वर्ष निवासी विश्वकर्मा नगर करोद भोपाल वर्तमान पोस्टिंग शा.मा. शाला अहमदपुर गढ़ी रायसेन को धारा 302  /  34 भादवि में एक एक युवक मुन्ना खां उर्फ शेख शाह उद्दीन निवासी कन्या शाला के पीछे देव नगर की हत्या का आरोप सिद्ध होने पर आजीवन कारावास की सजा एवं एक 1000 रुपये के अर्थदंड से दंडित करते हुए जेल भेज दिया।प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश आशुतोष शुक्ला ने आरोपीगण की ओर से पैरवी करने वाले बचाव पक्ष के अधिवक्ता आरएन रावत एवं विजय धाकड़ की  दलीलों को खारिज करते हुए प्रकरण में मेमोरेंडम एवं जब्ती के महत्वपूर्ण साक्षियों  तथा मृतक के साथ तीनों आरोपीगण को घटनास्थल वाले खेत में घटना के पूर्व दिनांक 7 फरवरी  20 22 को अंतिम बार एक साथ सभी को मुर्गा पार्टी करते हुए देखा गया था। दूसरे दिन 8 फरवरी 2022 को मुन्ना खान घर नहीं आया तो उसके पुत्र जोकि कक्षा 11 वी.का छात्र है ने खेत पर जाकर देखा तो उसके पिता गंभीर अवस्था में खून से लथपथ घटनास्थल पर पड़े थे । सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस को मृतक के पुत्र ने बताया कि उसके पिता रात को खेत पर आने का बोलकर घर से निकले थे जब वे रात में नहीं आए तो उसने फोन लगाया लेकिन संपर्क नहीं हो सका उसने सुबह खेत पर आकर देखा तो उसके पिता खेत में बने कमरे के बिस्तर पर लहूलुहान पड़े हुए हैं। आकर देखा कि पिता की हालत देखकर उसने नदीम एवं फैजान को देखने को कहा तो उन्होंने बताया कि उसके पिता खत्म हो चुके हैं । पुलिस को बताया तब पुलिस ने मौके पर पहुंचकर पंचनामा बनाए जाने के उपरांत हत्या का प्रकरण दर्जकर आरोपितों की तलाश शुरू कर दी थी । महत्वपूर्ण साक्ष्य के बयान पूर्व एजीपी बद्रीविशाल गुप्ता द्वारा कराए गए थे। वहीं परिस्थितिजन्य साक्ष्य एवं अन्य साक्ष्य से पुष्टि होने पर विद्वान न्यायाधीश आशुतोष शुक्ला ने तीनों आरोपितों को आजीवन कारावास की सजा के साथ एक -एक हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित करते हुए तीनों को जेल भेज दिया।

 

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