एक ट्रेन टिकट के सहारे सलामतपुर पुलिस पहुंची पंजाब तक, तब हुई 1 महीने पुराने शव की शिनाख्त
-मृतक युवक पंजाब पुलिस की रिटायर्ड सब इंस्पेक्टर का बेटा निकला
-शिनाख्त नही होने की वजह से भोपाल शमशान घाट में कर दिया था दफन
-शव को कब्र से बाहर निकालकर पंजाबी रीति रिवाज से किया अंतिम संस्कार
-1 महीने पहले ट्रेन से गिरकर हुआ था घायल, ईलाज के दौरान 8 जुलाई को हमीदिया अस्पताल में हुई थी मौत
-सलामतपुर पुलिस ने मृतक युवक की शिनाख्त के लिए एमपी से लेकर पंजाब तक कई थानों की छानी खाक, तब हुई शिनाख्त
अदनान खान सलामतपुर रायसेन। (एडिटर इन चीफ IND28 हर खबर पर पैनी नज़र)
एक महीना पहले सात जुलाई को एक अज्ञात युवक की ट्रेन से गिरकर ईलाज के दौरान आठ जुलाई को मौत हो जाती है। उसका शव शिनाख्त के लिए 72 घंटे तक हमीदिया अस्पताल के मर्चुरी रूम में रखा रहा। लेकिन 12 जुलाई तक भी शिनाख्त नही हुई और उसके शव का पोस्टमार्टम करने के बाद भोपाल के शमशान घाट पर दफन कर दिया गया। लेकिन बात यहीं खत्म नही हुई मृतक की केस डायरी हमीदिया पुलिस चौकी भोपाल से 29 जुलाई को ज़ीरो पर कायमी होकर सलामतपुर थाना पहुंची। यहां पर असल मर्ग 36/24 धारा 194 बीएनएसएस का मामला कायमकर जांच में लिया। मामला थाना प्रभारी दिनेश सिंह रघुवंशी की जानकारी में आते ही उन्होंने जांच टीम बनाई जिसमें दीवानगंज चौकी प्रभारी उपनिरीक्षक आरएस दांगी और प्रधान आरक्षक संजय लोवंशी को शामिल किया गया। अब पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनोती अज्ञात मृतक की शिनाख्त करना थी। लेकिन पुलिस के पास मृतक के पास से मिले सिर्फ एक ट्रेन टिकट जो इटारसी से जालंधर का था, 70 रुपए नगद और कुछ दवाई के पत्ते ही थे। लेकिन पुलिस ने हार नही मानी और एमपी से लेकर पंजाब के कई थानों की खाक छानने के बाद अज्ञात मृतक की शिनाख्त कर ली। मृतक की पहचान मनप्रीत सिंह पिता गुरजीत सिंह उम्र 30 वर्ष निवासी थाना आदमपुर जालंधर पंजाब के रूप में हुई। इस पूरे मामले का खुलासा करने में दीवानगंज चौकी प्रभारी उपनिरीक्षक आरएस दांगी और प्रधान आरक्षक संजय लौवंशी की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
मृतक मनप्रीत की मां आदमपुर थाने की रिटायर्ड सब इंस्पेक्टर निकली---पुलिस को जांच के दौरान पता चला कि मनप्रीत सिंह की गुमशुदगी की रिपोर्ट जालंधर पंजाब के आदमपुर थाने में दर्ज है। यह गुमशुदगी मनप्रीत की मां रछपाल कौर द्वारा की गई थी। रछपाल कौर आदमपुर थाने से ही अप्रैल 24 में सब इंस्पेक्टर के पद से रिटायर्ड हुई हैं। 9 अगस्त को मृतक मनप्रीत की मां रछपाल कौर और उसके चाचा तरनजीत सिंह भोपाल आए तो उन्हें उक्त मर्ग से संबंधित फोटोग्राफ्स एवं कपड़े दिखाए गए तो मृतक की मां ने उसकी पहचान अपने बेटे मनप्रीत के रूप में की।
टीटी नगर एसडीएम की परमीशन से शव को कब्र से बाहर निकाला--दीवानगंज चौकी प्रभारी उपनिरीक्षक आरएस दांगी और प्रधान आरक्षक संजय लोवंशी ने भोपाल टीटी नगर एसडीएम से शव बाहर निकालने की परमीशन मांगी। अनुमति मिलते ही मनप्रीत सिंह के 1 महीने पुराने शव को कब्र से बाहर निकाला गया। शव को परिजनों के सुपुर्द किया गया। परिजनों ने मृतक का पंजाबी रीति रिवाज से अंतिम संस्कार किया। मृतक की मां रछपाल कौर ने बताया कि उनका लड़का मनप्रीत काम ढूंढने की तलाश में नागपुर जाने का बोलकर घर से निकला था।
इनका कहना है।
7 जुलाई को थाना क्षेत्र के मुश्काबाद रेलवे गेट के पास से अज्ञात युवक घायल अवस्था में मिला था। 8 जुलाई को उनकी मौत ही गई थी। मृतक की शिनाख्त के लिए हमारे पास सिर्फ एक ट्रेन टिकट ही था जो इटारसी से जालंधर का था। लेकिन पुलिस ने हार नही मानी। हमने एमपी से लेकर पंजाब के कई थानों से संपर्क किया तब कहीं जाकर मृतक की शिनाख्त थाना आदमपुर जालंधर पंजाब के मनप्रीत सिंह के रूप में हुई। 1 महीने बाद शव को भोपाल शमशान घाट में कब्र से बाहर निकलवाकर परिजनों के सुपुर्द किया। अज्ञात मृतक की शिनाख्त मामले में दीवानगंज चौकी प्रभारी एसआई आरएस दांगी और प्रधान आरक्षक संजय लौवंशी की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
दिनेश सिंह रघुवंशी, थाना प्रभारी सलामतपुर।