रेलवे ने पटरियों के दोनों और बना तो दी सेफ्टी बाउंड्रीवाल, फिर भी मालगाड़ी के नीचे से गुजरते हैं लोग
-लोगों की यह जल्दबाजी कहीं जिंदगी पर न पड़ जाए भारी
-नही है कोई रोकने वाला क्योंकि सलामतपुर स्टेशन पर मौजूद नही रहती रेलवे पुलिस
अदनान खान सलामतपुर रायसेन। (एडिटर इन चीफ IND28 हर खबर पर पैनी नज़र)
सलामतपुर रेलवे स्टेशन के दोनों और रेलवे ने सेफ्टी बाउंड्रीवाल बनाई है। ताकि हादसों में कमी आए। और कोई भी इंसान या जानवर आसानी के साथ रेलवे लाइनों के पास ना पहुंच सकें। लेकिन उसके बाद भी हैरान कर देने वाली तस्वीरें यहां से सामने आई हैं। लोग यहां पर जल्दबाजी में अपनी अनमोल जिंदगी को खतरे में डालने से बाज़ नहीं आ रहे हैं। क्या पुरुष, क्या महिलाएं छोटे-छोटे बच्चे सहित रेलवे स्टेशन पर स्थित फुट ब्रिज की बजाए रेलवे ट्रैक पर खड़ी मालगाड़ी के नीचे से बड़े ही आराम से अपनी जान को खतरे में डालते हुए आते जाते हुए नज़र आ रहे हैं। अगर इस दौरान रेलवे ट्रैक पर खड़ी ट्रेन ग्रीन सिगनल होने पर अचानक चल पड़े तो फिर इस रेलवे ट्रैक पर खड़ी मालगाड़ी के नीचे से अपनी जान को खतरे में डालकर गुजर रहे शख्स का क्या हाल हो सकता है। उसकी कल्पना करके भी जिस्म में सिहरन दौड़ जाती है। बता दें कि सलामतपुर रेलवे स्टेशन से लगी हुई राजीवनगर इंद्रानगर आदिवासी बस्ती है। जहां के रहवासी दिन में कई बार अपनी जरूरत के कामों के लिए रेलवे पटरी के इस पार से उस पार आते जाते हैं। इनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल होते हैं। हालांकि रेलवे स्टेशन पर एक साइड से दूसरे साइड जाने के लिए फुट ओवरब्रिज भी है। इसके बावजूद लोग जल्दबाजी में होते हैं और अपनी जान जोखिम में डालकर रेलवे स्टेशन पर खड़ी मालगाड़ी ट्रेन के नीचे से निकलते हैं।
कई स्थानों पर बनाई गई है सेफ्टी बाउंड्रीवाल--- ट्रेन, यात्री और ट्रैक की सुरक्षा के मद्देनजर रेलवे विभाग भोपाल रेल मंडल के अंतर्गत कई स्थानों पर अतिक्रमण हटाकर बाउंड्रीवाल का निर्माण कार्य पूरा किया है। जिसमें भोपाल से हबीबगंज स्टेशन और निशातपुरा से भोपाल के बीच 8 किलोमीटर क्षेत्र में बाउंड्रीवॉल बनाई जा रही है। भोपाल के आसपास के क्षेत्रों सलामतपुर में रेलवे ट्रेक के दोनों और लगभग डेढ़-डेढ़ किलोमीटर लंबी बाउंड्रीवाल, सूखीसेवनिया, ओबैदुल्लागंज, मंडीदीप, मिसरोद और हबीबगंज के यार्ड में भी ऐसी बाउंड्रीवाल बनाई गई है। रेल अधिकारियों का कहना है कि ट्रेनों की स्पीड अब 110 से बढ़कर 130 किलोमीटर प्रति घंटे तक सेक्शनों में पहुंचती जा रही है। इसी को देखते हुए आम लोगों की सुरक्षा व कोई जानवर रेलवे ट्रेक तक ना पहुंचे इसलिए यह बाउंड्रीवाल बनाई गईं हैं। फिर भी स्थानीय ग्रामीण रेलवे लाइनों तक आसानी के साथ पहुंच रहे हैं।
फुट ओवरब्रिज होने के बाद भी निकलते है ट्रेन के नीचे से----सलामतपुर स्टेशन पर फुट ओवरब्रिज का निर्माण इसलिए करवाया गया था कि लोग आसानी के साथ सुरक्षित तरीके से इस और दूसरी और जा सकें। ताकि उन्हें रेलवे लाइन क्रॉस ना करना पड़े। लेकिन राजीवनगर ओर इंद्रानगर के लोग फुट ओवरब्रिज का इस्तेमाल नही करते हुए रेलवे पटरी क्रॉस करके आते जाते हैं। कई बार जब ट्रेक पर मालगाड़ी खड़ी रहती है तो यह लोग उसके नीचे से निकलते हैं। रेलवे पटरी पार करने के दौरान भी यह लोग रेलगाड़ी और मालगाड़ी के गुजरने का इंतजार तक नहीं करते। कई बार सिग्नल नहीं मिलने पर एक्सप्रेस और मालगाड़ी स्टेशन पर आकर खड़ी हो जाती हैं। ऐसे में लोग 5 से 10 मिनिट तक रुकने की बजाए खड़ी ट्रेन के नीचे से निकलने में भी गुरेज नहीं करते हैं। जिसकी वजह से दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं। वहीं स्टेशन पर मौजूद ज़िम्मेदार अधिकारी भी इस और ध्यान नही दे रहे हैं।
कई ग्रामीण हो चुके हैं हादसे का शिकार----सलामतपुर रेलवे स्टेशन पर खड़ी हुई ट्रेन के नीचे से निकलने के दौरान राजीवनगर के कई ग्रामीण दुर्घटना का शिकार हो चुके हैं। उसके बाद भी स्थानीय ग्रामीण ट्रेन के नीचे से निकलना नही छोड़ रहे हैं। जबकि 2 ग्रामीण ट्रेन के नीचे से निकल रहे थे उसी समय अचानक ट्रेन चल पड़ी और वह ट्रेन के पहियों के नीचे आकर मौत के आगोश में समा गए। फिर भी इन लोगों ने सबक नही लिया। इस मामले में रेलवे विभाग भी ज़िम्मेदार है। क्योंकि वह इन लोगों को ट्रेन के नीचे से निकलने से नही रोकता है। जिसकी वजह से आए दिन ट्रेन दुर्घटनाएं हो रही हैं। अब स्थानीय लोगों ने रेलवे ट्रेक को दोनो और से बंद करने की मांग रेलवे विभाग से की है।
इस तरह बनाई गई है सेफ्टी बाउंड्रीवाल---सलामतपुर में लगभग डेढ़ किलोमीटर, भोपाल हबीबगंज में 6.1 किमी, हबीबगंज यार्ड 3.8, मिसरोद यार्ड 1.90, मंडीदीप यार्ड 3.91, ओबेदुल्लागंज यार्ड 2.60, निशातपुरा भोपाल 2.87 व सूखीसेवनिया यार्ड में 1.7 किलोमीटर लंबी बाउंड्रीवाल बनाई जा रही है। वहीं लगभग सभी जगह निर्माण कार्य पूरा हो चुका है।
इनको रोके कोन जब सुरक्षा के ज़िम्मेदार आरपीएफ जीआरपी के जवान ही स्टेशन से रहते हैं नदारत --- सलामतपुर स्टेशन पर रेलवे पुलिस के आरपीएफ या जीआरपी के जवान मौजूद नही रहते हैं। जबकि यह स्टेशन दिल्ली मुंबई मेन रेलवे ट्रेक के बीच में पड़ने वाला स्टेशन है।यहां पर आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं। जब कभी कोई ट्रेन से कट जाए या आत्महत्या कर ले। उस समय भी रेलवे पुलिस भोपाल या विदिशा से मोके पर आती है। जिसमें काफी समय लग जाता है। और इतने समय तक शव रेलवे लाइनों पर ही पड़ा रहता है। वहीं आसपास बस्तियों के ग्रामीण भी अपनी जान जोखिम में डालकर ट्रेन के नीचे से निकलते हैं। इतना सब होने के बाद भी रेलवे विभाग का रवैया गैरज़िम्मेदाराना बना हुआ है।
इनका कहना है।
जान जोखिम में नही डालना चाहिए।
रेलवे ने सेफ्टी बाउंड्रीवाल इसलिए बनाई है कि कोई भी इंसान या जानवर आसानी के साथ रेलवे लाइनों तक ना पहुंच सके। और हादसों में भी कमी आएं। लेकिन आदिवासी बस्ती के लोगों को अपनी जान जोखिम में डालकर रेलवे पटरी क्रॉस करके ट्रेन के नीचे से नही निकलना चाहिए। जब कि रेलवे ने लोगों की सहूलियत को देखते हुए यहां पर फुट ओवरब्रिज का निर्माण भी करा रखा है। उसके बाद भी यह लोग ट्रेन के नीचे से निकलते हैं। इस पर रोक लगना चाहिए।
मूलचंद यादव, पूर्व सरपंच सुनारी सलामतपुर।
होती है समय की बचत।
फुट ओवरब्रिज से चढ़कर निकलने में बहुत समय लगता है। इसलिय हम लोग रेलवे लाइन क्रॉस करके निकल जाते हैं। कभी कभी ट्रेन के नीचे से भी निकल जाते हैं। इससे हमारे समय की बचत होती है।
रूपेश आदिवासी, राजीवनगर।
नही रहते रेलवे पुलिस के जवान।
सलामतपुर रेलवे स्टेशन पर रेलवे पुलिस के जवान मौजूद नही रहते हैं। जिसकी वजह से होने वाली घटना या दुर्घटना के समय पुलिस समय से नही पहुंच पाती है। शासन प्रशासन को इस और ध्यान देकर समस्या का जल्द समाधान करना चाहिए।
दीपक अहिरवार, स्थानीय निवासी।