बिना सूचना हलाली डैम के गेट खोले, नदी में पानी आने से मवेशी चरा रहा बुजुर्ग बहा, 24 घंटे बाद मिला शव
-सरपंच ने लगाए आरोप की बिना सूचना के ही खोल दिए हलाली डेम के गेट, इसलिए हुआ हादसा
-शव मिलते ही ग्रामीण चक्काजाम की कर रहे थे तैयारी, अधिकारियों की समझाईश पर माने
अदनान खान सलामतपुर रायसेन। (एडिटर इन चीफ IND28 हर खबर पर पैनी नज़र)
जल संसाधन विभाग की बड़ी लापरवाही के चलते एक बुजुर्ग की हलाली डेम के पानी में बहकर जान चली गई।मंगलवार को 24 घंटे के बाद बुजुर्ग का शव मिला तो खोहा सरपंच कालूराम मीणा के साथ ग्रामीण जल संसाधन विभाग के खिलाफ आक्रोश जताकर शव हाइवे पर रखकर चक्काजाम करने की तैयारी करने लगे। मौके पर सांची नायब तहसीलदार नियति साहू और सलामतपुर थाने से दिनेश रघुवंशी पुलिस बल के साथ पहुंच गए और ग्रामीणों को काफी मशक्कत के बाद समझाईश देकर मनाया। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए सांची सिविल अस्पताल भेजा है। गौरतलब है कि सोमवार को हलाली डैम के तीसरी बार दो गेट खोले गए थे। जिससे हलाली नदी का जलस्तर अचानक से बढ़ गया। मवेशी चराने गए सांची विकासखंड के अंतर्गत आने वाले खोहा पंचायत के पुरा गांव निवासी नारायण सिंह मीणा उम्र लगभग 50 वर्ष पानी के बहाव में बह गए। जिनका शव मंगलवार को 24 घंटे बाद नदी में मिला है। मौके पर एसडीआरएफ की टीम, सलामतपुर थाना पुलिस व नायब तहसीलदार पहुंच गए। वहीं खोहा पंचायत के सरपंच कालूराम मीणा का आरोप है कि जल संसाधन विभाग या किसी भी अधिकारी ने इस बात की पहले से सूचना नहीं दी की हलाली डैम के गेट खोले जा रहे है। जिससे आसपास के क्षेत्र के लोग सावधान हो जाते बिना सूचना के गेट खोल दिए गए। जिससे पुरा गांव निवासी 50 वर्षीय नारायण सिंह मीणा मवेशी चराने नदी किनारे गए हुए थे वह नदी के बहाव में बह गए। वहीं उन्होंने जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई एवं पीड़ित परिवार को शीघ्र मुआवजा देने की मांग की है।
ग्रामीणों के आरोप बिना सूचना के ही कभी भी खोल दिये जाते हैं डेम के डेट---हलाली डेम के आसपास क्षेत्र खोहा, पुरा, और कुछ गांव विदिशा जिले के भी ग्रामीणो ने आरोप लगाया है कि हलाली डेम पर जब से गेट लगे हैं। तब से जल संसाधन विभाग के कर्मचारी बिना सूचना के ही डेम के गेट खोल देते हैं। जिससे पानी तेज़ बहाव के साथ निकलता है। और कई बार ग्रामीण इसके बहाव में फंस जाते हैं। जबकि जल संसाधन विभाग के एसडीओ का कहना है कि हम गेट खोलने की सूचना देते हैं।
इनका कहना है।
ग्रामीणों के यह आरोप गलत है कि हमने हलाली डेम के गेट खोलने की सूचना नही दी थी। विभाग ने सूचना दी थी। सोमवार रात को बुजुर्ग के बह जाने की सूचना पर दोनों गेट बंद कर दिए गए हैं।
ब्रजेश बागुलिया, एसडीओ जल संसाधन विभाग।
नारायण सिंह मीणा के डूबकर मरने के मामले में पंचनामा बना लिया गया है। मृतक के परिजनों को 3 दिन में 4 लाख रुपए की सहायता राशि उपलब्ध करा दी जाएगी।
नियति साहू, नायब तहसीलदार सांची।
सोमवार को मवेशी चराने गए पूरा गांव निवासी नारायण सिंह हलाली डेम के पानी में बह गए थे। मंगलवार को सुबह ग्रामीणों की मदद से शव को बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए सांची सिविल अस्पताल भेजा गया है।
दिनेश सिंह रघुवंशी, थाना प्रभारी सलामतपुर।