सतीश मैथिल सांचेत रायसेन। (IND28 हर खबर पर पैनी नज़र)

एकीकृत माध्यमिक शाला डंडेरा में बच्चों के साथ मिलकर शाला प्रभारी राजेंद्र बघेल सहित स्कूल के सभी स्टाफ के साथ पौधारोपण किया और उनके संरक्षण का संकल्प लिया शाला के प्रभारी राजेंद्र बघेल के द्वारा सभी को अधिक से अधिक पौधे लगाने के लिए प्रेरित किया गया पोधारोपण अभियान को भी युद्ध-स्तर पर चलाने की अबस्यकता साथ ही शाला के सभी शिक्षक द्वारा माध्यमिक शाला परिसर में पौधरोपण किया गया। पौधरोपण करने के उपरान्त शाला प्रभारी बघेल सर ने कहा कि आज दुनिया समस्याओं से घिरी हुई है। इन समस्याओं में सबसे बड़ी समस्या है प्राणी, संसार और वनस्पति जगत के बीच बिगड़ता हुआ संतुलन। आबादी की बेतहाशा बढ़ोतरी ने इस संतुलन को बिगाड़ा है और हमारे लिए आर्थिक और स्वास्थ्य सम्बन्धी अनेक समस्याएं उत्पन्न कर दी हैं। जंगलों के कटते रहने से मानव जीवन को खतरा पैदा हो गया है। मौसम में काफी परिवर्तन आ गया है। धरती के कुछ भागों में या तो लगातार सूखा पड़ जाता है या फिर भयंकर बाढ़ आ जाती है। वन और पानी अक्षय-स्त्रोत होते हैं, जब ये नहीं रहते हैं तो सदा बहने वाली नदियां सूख जाती हैं, बांधों में पानी का स्तर घट जाता है, बिजली का उत्पादन रुक जाता है तथा नहरों में पानी कम हो जाता है। इससे अनाज कम उत्पन्न होता है और उद्योगों के लिए संकट पैदा हो जाता है। इस भयानक स्थिति का सामना करने के लिए आबादी को कम करने के साथ-साथ पोधारोंपन के अभियान को भी युद्ध-स्तर पर चलाने की आवश्यकता है। पौधे न केवल धरती को उपजाऊ बनाते हैं बल्कि हमारे जीवन में भी चैतन्यता उत्पन्न करते हैं। यदि हम अपनी सभ्यता और संस्कृति की रक्षा करना चाहते हैं तो हमें अधिक से अधिक पौधे लगाने चाहिए बल्कि उनका पालन-पोषण और रक्षण भी करना चाहिए। पौधे हमारे लिए क्या कुछ नहीं करते, ये देखने में सुन्दर तो लगते ही हैं ओर पोधा जब बड़ा होता तब हवा को शुद्ध भी रखते हैं, मौसम की कठोरता को कम करते हैं और विषैली गैसों को समाप्त करते हैं। ये पौधे वृक्ष बनकर हमें कई प्रकार के लाभ पहुंचाते हैं। हवा, पानी और मिटटी का प्रदूषण वृक्षों की बढ़ोतरी से ही दूर हो सकता है।

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