-भक्त बहुत दूर दूर से आते हैं अपनी मन्नत लेकर संकट मोचन के दरबार में

-बुधवार को रखा गया है कन्या भोज का कार्यक्रम

सतीश मैथिल सांचेत रायसेन।(IND28.COM हर खबर पर पैनी नज़र)

धरती मां की गोद से प्रकट हुए श्रीराम भक्त हनुमान जी की चमत्कारिक प्रतिमा ग्राम वामनोद में स्थित है। हनुमान जयंती के अवसर पर सैकड़ो श्रद्धालओं ने हनुमान जी के दर्शन किए। यहां पर बहुत दूर दूर से आए भक्तों ने अपनी मन्नत संकट मोचन के दरबार में लगाई। बामनोद गांव सांचेत से 8 किलोमीटर दूर और जिला मुख्यालय से 33 किलोमीटर दूर स्तिथ है। यह गांव 25 घर की बस्ती है। यहां पर 23 घर मुस्लिम समाज के लोगों के हैं। वहीं इस गांव में सिर्फ दो घर हिंदू समाज के हैं। फिर भी यहां पर दोनों ही समुदाय के लोग मिलजुल कर रहते हैं। गांव में स्तिथ हनुमान जी का मंदिर बहुत प्रसिद्ध है। यहां पर भक्त बहुत दूर दूर से आते हैं और उनकी मुराद बजरंगबली पूरी करते हैं। यहां से कोई कभी खाली हाथ नहीं जाता। चारों तरफ पहाड़ियों से घिरा हुआ है हनुमान जी का मंदिर। मंदिर के बगल में एक बहुत बड़ा तालाब है। जो कि हमेशा पानी से लबालब भरा रहता है। मंदिर के पुजारी किशनदास वैष्णव ने बताया की इस मंदिर की प्रतिमा धरती मां की गोद से उत्पन्न हुई है। कुछ सालों पहले हनुमान जी की प्रतिमा का कद सालों साल दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा था। पर कुछ सालों से स्थिर होकर रुक गया है।मंदिर का निर्माण सन 2011 में भक्तों की मन्नत पूरी होने पर उन्हों के सहयोग से मंदिर बनवाया गया है। यहां पर प्रत्येक मंगलवार शनिवार को सैकड़ों की संख्या में भक्त आते हैं। बजरंगबली को चोला चढ़ाने के लिए बरसात के दिनों में पहाड़ियों से झरने चलते हैं। जिसका लोग आनंद उठाने के लिए मंदिर के दर्शन के लिए इकट्ठे होते हैं। मंदिर के बाहर शिव जी का स्थान है। और बगल में जिंदबाबा का स्थान भी है। मंदिर के पुजारी ने बताया लगभग 50 वर्ष पूर्व यहां पर बंजारे बाबा चेत्र करने के लिए आए थे। और उनके लड़के की तबीयत बहुत खराब रहती थी। बहुत इलाज करवा चुके थे। उनको आराम कहीं से नहीं लगा था। उनको इस हनुमान मंदिर पर बजरंग बली से प्रार्थना की और उनका बालक बिल्कुल ठीक हो गया। तब उन्होंने अपने जिंदगी के 40 साल इस मंदिर पर बिताए। बताया जाता है कि बाबा ने 40 दिन तक अन्न बिल्कुल त्याग दिया था। इसके बाद बाबा नहीं है। पर अपनी समाधि ले ली। मंगलवार को हनुमान जी का जन्मोत्सव मंदिर में बड़े ही धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर भारी संख्या में आसपास के ग्रामों और दूर दूर से भक्त हनुमान जी के दर्शन के लिए आए। मंदिर के पुजारी ने बताया यहां पर आज शाम को सुंदरकांड का पाठ किया गया और आज बुधवार को कन्या भोज का कार्यक्रम रखा गया है।

 

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