DFO की बड़ी कार्रवाई, विभाग की सैकड़ों एकड़ वन भूमि अतिक्रमणकारियों से मुक्त कराई

सत्येंद्र जोशी रायसेन। (IND28 हर खबर पर पैनी नज़र)
वन मंडल अधिकारी प्रतिभा शुक्ला एसडीओ सुधीर पटले ने अतिक्रमण कारियों पर कार्रवाई करते हुए हजारों हेक्टेयर वन भूमि को मुक्त करा दिया है। अब इस भूमि पर पौधारोपण करने की तैयारी शुरू हो गई है। डीएफओ श्रीमती शुक्ला के निर्देश पर पूरे रायसेन वन सर्कल में वन भूमि पर अतिक्रमणकारियों पर कार्रवाई निरंतर जारी है। मुख्य वन संरक्षक भोपाल राजेश खरे, वन मंडल अधिकारी प्रतिभा शुक्ला के निर्देशन में उपवन मंडल अधिकारी रायसेन सुधीर पटले के नेतृत्व में पश्चिम रायसेन परिक्षेत्र अधिकारी रविकांत अमृते, परिक्षेत्र अधिकारी पूर्व रायसेन प्रवेश पाटीदार, वन स्टाफ को साथ रखकर वन, पुलिस एवं प्रशासन के सहयोग से 21 जून शनिवार 2025 को वन परिक्षेत्र पश्चिम रायसेन की बीट सांची के कक्ष क्रमांक RF 343 में वर्षों से वन भूमि पर काबिज 8 अतिक्रमाकों के विरुद्ध धारा 80 अ के तहत बेदखली आदेश परिपालन में 8 अतिक्रमाकों को बेदखल कर 10 हेक्टेयर वन भूमि मुक्त कराई है।
रायसेन रेंज में भी अतिक्रमण कारियों से मुक्त कराई भूमि--20 जून 2025 को वन परिक्षेत्र पूर्व रायसेन की बीट सुरई के कक्ष क्रमांक RF371 में वर्षों से वन भूमि में काबिज 14 अतिक्रमाकों के विरुद्ध धारा 80 अ के तहत बेदखली आदेश परिपालन में 14 अतिक्रमाकों को बेदखल कर कुल 27.5 हेक्टेयर वन भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराया गया।
इस कार्य में वन विभाग का अमला 24 घंटे लगा रहा--40 वन कर्मचारी और सांची थाने की पुलिस शामिल थी। टीम ने 6 जेसीबी मशीनों के साथ सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक 10 हेक्टेयर भूमि से अतिक्रमण हटाया। इससे पहले अतिक्रमणकारियों नोटिस देकर दस्तावेज मांगे गए।
अतिक्रमण पाए जाने पर न्यायालय में मामला भी चलेगा। अतिक्रमण करने वालों में विष्णु पाल, राम भरासे, रहीस, अनीस, बाल किशन, लीला किशन, शमीम बी, किशारी मोतिलाल अहिरवार और अन्य शामिल हैं।
सुरई बीट में कार्रवाई--एक दिन पहले सुरई बीट में 80 वन कर्मचारी, नायब तहसीलदार प्रितनीश तिवारी और पुलिस की मौजूदगी में 11 घंटे की कार्रवाई हुई। इस दौरान 6 जेसीबी मशीनों से 27 हेक्टेयर भूमि में गड्ढे कराए गए ताकि अतिक्रमणकारी फिर से खेती न कर सकें। सुरई बीट में गंगाबाई बंजार, मदनसिंह, सुरेश बंजारा, मोहन बंजारा, दीपसिंह बंजारा, तरुण तिलचौरिया, दानसिंह प्रजापित और अन्य के अतिक्रमण हटाए गए। वन विभाग को अतिक्रमणकारियों के विरोध का सामना करना पड़ा, लेकिन कार्रवाई सफल रही।