-नहीं आ रहा बड़ा निवेश, कारोबार पर पड़ने लगा असर

वसीम कुरैशी सांची रायसेन। (IND28 हर खबर पर पैनी नज़र)

जिला मुख्यालय सहित जिलेभर की धान मिलों की चिमनियों से निकलने वाले जहरीले धुएं से आबोहवा खराब होने लगी है।इससे यहां कोई बड़े निवेश नहीं मिल रहे है।कारोबार पर भी प्रतिकूल असर पड़ने लगा है।

कागजों में सिमटे नये उद्योग....रायसेन सहित जिले में अब कोई नए उद्योग धंधे नहीं आ रहे हैं। पूर्व में स्थापित संयंत्र ही वर्तमान में चल रहे हैं ।और इसमें भी अब रोजगार के साधन सीमित होते जा रहे हैं। पिछले कुछ वर्षों से गौहरगंज तहसील के तामोट में सागर प्लास्टिक पार्क स्थापित करने की योजना बनाई गई थी। प्रदेश सरकार ने अपने बजट में प्लास्टिक पार्क की घोषणा भी की है मगर अभी तक पर्याप्त बजट नहीं मिला है यह बात कागजों से बाहर नहीं निकल सका है। प्लास्टिक पार्क में अन्य उत्पाद बनने पर यहां रोजगार के साधन बढ़ सकते हैं।मंडीदीप के कारखानों, प्लास्टिक पार्क तामोट पिपलखिरिया, वेलस्पन कॉर्प जमानियां में प्रदूषण के कारण लोगों का रहना मुश्किल होता जा रहा है। वहीं धान मिलों से निकलने वाली राख धूल और चिमनियों के धुएं कंपनियों से निकलने वाली राख यहां की आबो-हवा को खराब कर रही है।क्षेत्र के भीतर और बाहर डस्ट की समस्या दिन-प्रतिदिन गंभीर होती जा रही है। इसका असर रायसेन जिले में उद्योग में होने वाले निवेश पर पड़ रहा है। अब कोई बड़ी कंपनियां इस क्षेत्र में निवेश करने में रूचि नहीं ले रही है।

धान मिलों से ज्यादा हालात बिगड़े....रायसेन शहर सहित कस्बा खरबई, कौड़ी मोरी, मेढकी, बाड़ी, बरेली, उदयपुरा, मंडीदीप, दाहोद में धान मिलरों की संख्या ज्यादा है।इसके अलावा सेहतगंज और चिकलोद की बीयर शराब फैक्ट्रियों की चिमनियां दिनरात धुएं के साथ आबोहवा में जहर घोल रही हैं।रात और सुबह शाम के वक्त यह चिमनियों से निकलने वाला जहरीला धुँआ जमीन पर रहता है।जो मानव को ज्यादा नुकसान पहुंचा रहा है।पर्यावरण विद निशांक तोमर और सेहतगंज, चिकलोद के रहवासियों ने बताया कि चिमनियों के जहर घोलने वाले धुँआ और दुर्गंध के मारे लोग परमानेंट सर्दी जुकाम से पीड़ित हैं।इसके अलावा धान मिलों के आसपास रहवासी क्षेत्र के लोग भी संक्रामक बीमारियों की चपेट में हैं।कौड़ी मोरी निकासी मोहम्मद इरशाद, मनीष लोधी विशाल लोधी ने बताया कि धान मिल से इंसान बीमारियों से घिरने लगे हैं।मप्र पर्यावरण बोर्ड मंडीदीप के अधिकारियों से हमारी गुजारिश है कि टीम इस मामले की जांच पड़ताल करे।नियमानुसार जुर्माना की तत्काल कार्यवाही कर तो जनहित में बेहतर होगा।

पटरियों से बेपटरी शहर, इंन्फ्रास्ट्रक्चर सबसे कमजोर....पटरियों से शहर बेपटरी हो चुका है। इन्फ्रास्ट्रक्चर के मामले में समूचा रायसेन जिला बेहद कमजोर है। जिस तरह से वाहनों का दबाव है उसकी तुलना में सड़कें बेहद सकरी है। फाटकों के जाल में शहर फंसा हुआ है। किसी भी शहर की अर्थव्यवस्था के लिए निवेश अच्छा होना चाहिए।इनका कहना है.....

सोम डिस्ट्रलिज सेहतगंज शराब बीयर फैक्ट्री और धान मिलों में आनलाइन डिस्प्ले लगा हुआ है।हरेक दो महीने में पर्यावरण प्रदूषण की जांच कराई जाती है।

अभय सराफ, रीजनल मैनेजर मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड मंडीदीप।

न्यूज़ सोर्स : IND28 हर खबर पर पैनी नज़र