क्षेत्र में फैक्ट्रियां बंद होने से ठप हुआ रोजगार, लोगों ने की उद्योग ईकाइयां लगाने की मांग
-400 लोग काम की तलाश में प्रतिदिन जाते हैं दूसरे शहर
अदनान खान सलामतपुर रायसेन। (एडिटर इन चीफ IND28 हर खबर पर पैनी नज़र)
प्रदेश सरकार अपने ही प्रदेश में युवाओं के लिए बेहरत रोजगार अवसर उपलब्ध कराने नए उद्योगों की स्थापना करने की बात कर रही है। लेकिन ज़मीनी हकीकत कुछ और ही है। सलामतपुर सहित आसपास क्षेत्र में बेरोजगारी के चलते युवाओं का पलायन हो रहा है। जबकि सांची जनपद क्षेत्र एक जमाने में इंडस्ट्रियल एरिया के नाम से जाना जाता था। सलामतपुर और दीवानगंज कस्बे में दूसरे शहरों के लोग रोजगार की तलाश में आया करते थे। जिससे स्थानीय लोगों को भी रोजगार मिलता था। मगर विगत दिनों में एक-एक कर सभी फैक्ट्रियां बंद हो गई हैं। जिसकी वजह से बाहरी मजदूरों के साथ ही स्थानीय लोग भी बेरोजगार हो गए हैं और धंधे भी चौपट हो गए। काम की तलाश में स्थानीय लोग भी भोपाल या विदिशा अपडाउन कर अपना घर खर्च चल रहे हैं। वहीं लोगों ने मांग की है कि जो उद्योग बंद हो गए हैं उन्हें दोबारा से शुरू किया जाए या फिर नए उद्योग इकाइयां स्थापित की जाए। जिससे युवाओं को रोजगार मिल सके।
400 अपडाउनर्स काम के लिए डेली सलामतपुर से भोपाल विदिशा करते हैं अपडाउन---कस्बे से प्रतिदिन लगभग चार सौ यात्री अपडाउन करके भोपाल या विदिशा काम के लिए जाते हैं। लेकिन उनके लिए सलामतपुर में ही कोई रोजगार के अवसर नही मिल रहे हैं। जबकि यहां पर अगर बंद हुई फैक्ट्री ही शुरू कर दी जाएं तो हजारों लोगों को रोजगार मिल सकता है। और उन्हें काम की तलाश में दूसरे शहर भी नही जाना पड़ेगा। सरकार को क्षेत्र में नए उद्योग लगाना चाहिए। नगर में पड़े लिखे युवाओं के साथ ही मज़दूर वर्ग भी काम के लिए परेशान हैं। उनको काम के लिए दूसरे शहरों में पलायन करना पड़ रहा है।
युवाओं का हो रहा है पलायन---सलामतपुर में सूर्या फेक्ट्री के बंद होने से सिर्फ लोगों के हाथ से रोज़गार ही नहीं छीना बल्कि क़स्बे का विकास ही थम गया। जब यह फेक्ट्री प्रारंभ थी तो नगर के हजारों लोगों को किसी ना किसी रूप में फेक्ट्री के कारण सीधा फायदा मिलता था।लेकिन जब से फेक्ट्री बंद हुई है तब से सलामतपुर में धंधा भी चौपट हो गया है। जानकारी अनुसार 2004 में सूर्या फेक्ट्री में ताले डल गए थे। बताया गया है कि पहले यह फेक्ट्री नवभारत के पास थी जिसके बाद अडानी ग्रुप द्वारा भी इसको चलाया गया। लेकिन नुकसान होने के कारण फिर इस में ताले ही डल गए।
बेरोजगारों ने किया संगठन का गठन--शासन प्रशासन के पास कई बार अर्जी लगाए जाने के बावजूद भी सलामतपुर की सूर्या फेक्ट्री के ताले नहीं खुले और इनके द्वारा मिले आश्वासन में 20 साल बीत गए। इसलिए बेरोजगारों ने अब नए सिरे से अपनी मांगों को लेकर बेरोजगार मज़दूर संगठन का गठन कर लिया। संगठन द्वारा कई बार रैली निकालकर, मंत्री कलेक्टर को ज्ञापन भी दिए गए लेकिन कोई भी सुनवाई नही हुई। जिसकी वजह से क्षेत्र से युवाओं का पलायन हो रहा है। काम की तलाश में युवा इंदौर, भोपाल, विदिशा, रायसेन जा रहे हैं।
इनका कहना है।
20 साल हो गए हैं सूर्या फेक्ट्री को बंद हुए। लेकिन इसको दोबारा प्रारंभ किए जाने की दिशा में कोई काम नहीं किया जा रहा है। हजारों लोगों के बेरोजगार हो जाने के कारण उन्हें इधर उधर रोज़गार की तलाश में जाना पड़ रहा है। संगठन द्वारा ज्ञापन देकर सरकार से फेक्ट्री को पुनःशुरू एवं नए उद्योग लगाए जाने की मांग की गई है। अगर शीघ्र ही हमारी मांगे नहीं पूरी होती तो बड़े स्तर पर आंदोलन किया जाएगा।
सुरेन्द्र मेहरा, अध्यक्ष बेरोजगार मजदूर संगठन सलामतपुर।
नगर में नए उद्योग स्थापित होना चाहिए। ताकि काम की तलाश में स्थानीय युवाओं को पलायन ना करना पड़े। प्रदेश सरकार को इस और ध्यान देकर शीघ्र ही समस्या का समाधान करना चाहिए
कैलाश गोस्वामी, रातातलाई सलामतपुर।