गोपाष्टमी पर हुई गाय माता की पूजा गायों को खिलाया हरा चारा और गुड़
सतीश मैथिल सांचेत रायसेन। (IND28 हर खबर पर पैनी नज़र)
गोपाष्टमी पर गाय व कान्हा की पूजा, लोगों ने की धन-धान्य व सुख-समृद्धि की कामना कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर शनिवार को जिले में धूमधाम से गोपाष्टमी मनाई गई। लोगाें ने गाय और गोविंद की पूजा-अर्चना कर धन और सुख-समृद्धि की कामना की। सांचेत समेत सभी प्रखंडों में कार्यक्रमों का आयोजन हुआ। इस संबंध में षटदर्शन साधू समाज के अध्यक्ष महंत बाबा कन्हैया दास महाराज ने बताया कि मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने पहली बार गाय चराई थी। यशोदा मईया भगवान श्रीकृष्ण को प्रेमवश कभी गौ चारण के लिए नहीं जाने देती थीं। लेकिन एक दिन कान्हा ने जिद कर गौ चारण के लिए जाने को कहा। तब यशोदा जी ने ऋषि शांडिल्य से कहकर मुहूर्त निकलवाया और पूजन के लिए अपने श्रीकृष्ण को गौ चारण के लिए भेजा। तभी से इस दिन गाय की पूजा की जाती है। मान्यता है कि गाय में 33 करोड़ देवताओं का वास होता है। इसलिए गौ पूजन से सभी देवता प्रसन्न होते हैं। ऐसी मान्यता है कि गौ सेवा करने वाले लोगों का जीवन धन धान्य और खुशियों से भर जाता हैं। इसलिए गाय माता की पूजा व सेवा करनी ही चाहिए। इसी क्रम में शहर के आदर्श गौशाला में गौ पूजन का आयोजन हुआ।गाय सेवक महंत बाबा कन्हैया दास महाराज ने गौ माता की पूजा इस दौरान वैदिक मंत्रोच्चार के साथ हवन हुआ।महंत बाबा कन्हैया दास महाराज द्वारा गायों का किया शृंगार; हरा चारा, हरा मटर व गुड़ खिलाया मर घटिया महावीर मंदिर पर बनी आदर्श गौशाला में अल सुबह गायों व उसके बछड़े को नहलाकर तैयार किया गया। समिति के सदस्यों ने गायों का श्रृंगार किया, पैरों में घुंघरू बांधे व अन्य आभूषण पहनाएं जाते हैं। साथ ही, गायों के सींग पर चुनरी का पट्टा बांधी गई। इसके बाद गौ माता की परिक्रमा कर उन्हें बाहर लेकर जाते हैं और कुछ दूर तक गायों के साथ चले। पंडित सर्वेंश शास्त्री ने बताया कि गोपाष्टमी की शाम जब गाय घर लौटती हैं, तब फिर उनकी पूजा की जाती है। खासतौर पर इस दिन गाय को हरा चारा, हरा मटर एवं गुड़ खिलाया जाता है। जिन श्रद्धालुओं के घरों में गाय नहीं हैं वह लोग गौशाला जाकर गाय की पूजा करते हैं। उन्हें गंगा जल, फूल चढ़ाते हैं, दिया जलाकर गुड़ खिलाते है। गौशाला में खाना और अन्य वस्तु आदि दान की जाती हैं। साथ ही, लोगों ने ग्वालों को दान करना चाहिए। ऐसी मान्यता है कि गोपाष्टमी के दिन गाय के नीचे से निकलने वालों को बड़ा पुण्य मिलता है। गोपाष्टमी के दिन गायों की पूजा करने वालों से भगवान कृष्ण प्रसन्न होते हैं।