सतीश मैथिल सांचेत रायसेन। IND28.COM

धान की बुवाई में अब कुछ ही हफ्तों का वक्त शेष है। समय रहते किसानों को अपनी फसलों की बुवाई की तैयारी कर लेनी चाहिए। कई बार देरी से फसल लगाने पर किसानों को नुकसान भी झेलना पड़ता है।भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक, 6 जून तक केरल के तट पर मॉनसून दस्तक दे सकती है। कुछ ही हफ्तों में धान की बुवाई की शुरुआत हो जाएगी। हालांकि, उससे पहले किसानों को कुछ बातों का जरूर ध्यान देना होगा, जिसके चलते धान का उत्पादन बढ़ाया जा सकता है। 

सिंचाई के साधन पर नजर डालें---किसानों को सबसे पहले ये ध्यान देना होगा कि उसके पास सिंचाई के क्या साधन हैं। धान की फसल ठीक-ठाक पानी की मांग करती है। ऐसे में सिंचाई नहीं मिलने के चलते धान की फसल बर्बाद हो सकती है। किसानों को यह ध्‍यान रखना होगा कि वे जितनी जल्‍दी धान की रोपाई शुरू करेंगे, उतनी जल्‍दी उनकी फसल भी तैयार करना होगा। बुवाई करने से पहले किसानों को बीजों का शोधन कर लेना चाहिए। अगर वक्त रहते बीजों का उपचार हो जाता है तो फसल कई तरह के रोगों से बच सकती है। बीज शोधन की प्रकिया भी महंगी नहीं है। विशेषज्ञों के मुताबिक, प्रति हेक्टेयर धान के बीज शोधन पर मात्र 25 से 30 रुपये लगते हैं। इसके लिए किसान हर 25 किलो बीज पर 4 ग्राम स्‍ट्रेपटोसाइक्‍लीन और 75 ग्राम थीरम मिलाकर उसे शोधित कर सकते हैं।

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