-24.59 करोड़ रुपए की लागत के 5 गेटों का हुआ है निर्माण

-1750 क्यूसेक पानी की निकासी हो सकेगी

-नीनोद और कायमपुर गांव अब नही बनेगें टापू

-सुरक्षा की दृष्टि से मौके पर मौजूद रही सलामतपुर पुलिस

अदनान खान सलामतपुर रायसेन। (एडिटर इन चीफ IND28 हर खबर पर पैनी नज़र)

2 दिन से हो रही रायसेन जिले सहित आसपास क्षेत्र में बारिश से नदी नाले ऊफान पर है  वहीं जिले के डैम तालाब भर गए हैं, भोपाल जिले में हो रही लगातार बारिश के कारण हलाली डैम का जल स्तर भी बढ़ गया है। इसी बात के मद्देनजर शुक्रवार को पांच में से हलाली डैम के दो गेट 1 मीटर तक खोलें गए हैं। गेट खोलने से पहले जल संसाधन विभाग के अधिकारी और सलामतपुर पुलिस भी सुरक्षा की दृष्टि से मौके पर पहुंची। गेटों को खुलते हुए देखने के लिए आसपास क्षेत्र से बड़ी संख्या में लोग हलाली डैम पहुंचे। और नज़ारे देखकर लुत्फ उठाया। बता दे की हलाली डैम पर पिछले साल ही 5 गेट बनकर तैयार हुए हैं जो पहली बार खोले गए हैं। पहले गेट नहीं होने से कई गांव डूब में आ जाते थे, अब हलाली डैम पर पांच गेट लगने से बेक वॉटर गेट के माध्यम से निकाला जा सकता है। इसी के चलते शुक्रवार को दो गेट खोले गए हैं।

24.59 करोड़ रुपए की लागत के 5 गेटों का हुआ है निर्माण --ओवर फ्लो वाले स्थान पर पहले 9 मीटर ऊंचाई और 5 मीटर चौड़ाई के पिलरों के बीच में पांच गेट भी लगा दिए गए हैं। डेम का जल स्तर बढ़ने से इन गेटों से 1750 क्यूसेक पानी छोड़ा जा सकेगा। इससे होगा यह कि 28 गांवों के लगभग 2100 किसानों की 2400 हेक्टेयर जमीन में बोई गई खरीफ की फसल को डूबने से बचाया जा सकेगा।इतना ही नहीं फसल के अलावा नीनोद और कायमपुर गांव के रास्ते डूब में आ जाने से गांव टापू बन जाया करते थे। अब इन गांवों के रास्ते भी डूब में नहीं आएंगे। इससे बारिश के दिनों में यहां से आवागमन चालू रहने लगेगा। बारिश के दिनों में भी इलाज सहित आवश्यक सेवाएं दोनों गांव के रहवासियों को उपलब्ध हो सकेंगी।

1750 क्यूसेक पानी की निकासी हो सकेगी---डेम पर गेट लगाने का काम मई 2022 में शुरू किया गया है। इसका पूरा काम अक्टूबर 2023 तक पूरा किया जाना है। हालांकि इस बारिश में ही किसानों की खरीफ की फसल डूब में न आने पाए इसलिए जुलाई 2024 तक ही पांचों गेट लगा लेने का दावा परियोजना के सब इंजीनियर बीके बागुलिया द्वारा किया गया था। जिसे समय से ही पूरा कर लिया गया है। गेट लग जाने के बाद जल स्तर बढ़ने पर 1750 क्यूसेक पानी की निकासी की जा सकेगी। एक क्यूसेक एक घन फुट जल प्रवाह प्रति सेकेंड के बराबर है। लगभग एक क्यूसेक जल 28.317 लीटर प्रति सेकेंड के बराबर होता है।

ग्रामीणों के आवागमन के लिए डाउन स्ट्रीम में बना 57.50 मीटर लंबा ब्रिज---गेट के आगे डाउन स्ट्रीम में एक 57.50 मीटर लंबा ब्रिज भी बनाया गया है। इससे 15-20 गांवों के लोगों को बाढ़ के दौरान हर साल रास्ता बंद होने की समस्या से भी निजात मिल जाएगी। दरअसल बारिश के दौरान बाढ़ से नीनोद और कायमपुर गांव के रास्ते डूब में आ जाने के कारण गांव टापू बन जाया करते थे। बांध के डाउन स्ट्रीम में ब्रिज बनने से अब इन गांवों के रास्ते भी डूब में नहीं आएंगे। इससे बारिश के दिनों में यहां से आवागमन चालू रहेगा। ग्रामीणों को इसी रास्ते से आवागमन करना होगा, जबकि बांध पर निर्मित गेटेड स्लिप के ब्रिज का इस्तेमाल केवल सिंचाई विभाग का अमला ही कर सकेगा। यह अमला इस ब्रिज का उपयोग बांध के गेटों का नियंत्रण के कार्य के लिए करेगा।

इनका कहना है।

शुक्रवार को हलाली डेम के 2 गेट आधा आधा मीटर तक खोले गए हैं। जिनसे 70 क्यूसेक पानी निकलेगा। डेम में अभी 207 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी भर चुका है।

बृजेश बगुलया, एसडीओ जल संसाधन विभाग।

शुक्रवार को हलाली डेम के 2 गेट खोले गए हैं। आसपास क्षेत्र के रहवासी काफी संख्या में मौके पर पहुंच गए थे। जानकारी मिलते ही सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस बल मौके पर भेजा गया है।

दिनेश सिंह रघुवंशी, थाना प्रभारी सलामतपुर।

 

न्यूज़ सोर्स : अदनान खान एडिटर इन चीफ IND28