सतीश मैथिल/अभिषेक लोधी सांचेत रायसेन। IND28.COM

वृद्धि योग में हुई आषाढ़ गुप्त नवरात्रि की शुरुआत, पंडित प्रियंक कृष्ण शास्त्री सोजना बालों ने बताए, उपाय और महाविद्या की साधना से जुड़ी सभी जानकारी आषाढ़ महीने की गुप्त नवरात्रि की शुरुआत 19 जून 2023 को हो गई है। इस दिन सुबह से लेकर देर रात 01:15 तक वृद्धि योग रहेगा।

आषाढ़ गुप्त नवरात्रि----हिंदू धर्म शास्त्रों में कुल चार नवरात्रि का उल्लेख मिलता है। इसमें चैत्र और शारदीय नवरात्रि के अलावा दो गुप्त नवरात्रि भी होती हैं, जिसमें एक गुप्त नवरात्रि माघ और दूसरी आषाढ़ महीने में पड़ती है।

इस साल आषाढ़ गुप्त नवरात्रि की शुरुआत 19 जून से हो चुकी है, जिसका समापन 28 जून होगा। ज्योतिषाचार्य पंडित प्रियंक कृष्ण शास्त्री ने बताया कि इस साल 19 जून को प्रारंभ हो हुई आषाढ़ गुप्त नवरात्रि वृद्धि योग में मनाई जाएगी। इस दिन वृद्धि योग सुबह से लेकर देर रात 01:15 मिनट तक है. वृद्धि योग में आप जो भी कार्य करेंगे, उसके फल में वृद्धि होगी।

गुप्त नवरात्रि महत्व-----धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गुप्त नवरात्रि में दस महाविद्याओं की पूजा-अर्चना की जाती है। तंत्र मंत्र सीखने वाले साधकों के लिए गुप्त नवरात्रि बेहद खास होती है। मान्यता है कि आषाढ़ गुप्त नवरात्रि के दौरान जो भक्त विधि-विधान और नियमों से व्रत रखता है और पूरे 9 दिन मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा करता है, मां अंबे की कृपा से उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

10 महाविद्याओं की साधना----पंडित शास्त्री ने बताया कि इस साल 19 जून  से आषाढ़ गुप्त नवरात्रि की शुरुआत हो चुकी है। गुप्त नवरात्रि में 10 दस महाविद्याओं की पूजा की जाती है। दस महाविद्याएं मां दुर्गा का ही रूप हैं। ये दस महाविद्याएं मां काली, मां तारा, मां त्रिपुर, मां भुनेश्वरी, मां छिन्नमस्तिके, मां त्रिपुर भैरवी, मां धूमावती, मां बगलामुखी, मां मातंगी और मां कमला हैं। गुप्त नवरात्रि में तंत्र साधना की जाती है, जिसे बहुत ज्यादा कठिन माना जाता है. तंत्र विद्या में इन 10 महाविद्याओं का विशेष महत्व होता है. गुप्त नवरात्रि में 10 विद्याओं की साधना और उपासना से विशेष फल की प्राप्ति होती है।

आषाढ़ गुप्त नवरात्रि तिथि----पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 18 जून को सुबह 10:06 बजे से शुरू हुई और अगले दिन 19 मई 2023 को सुबह 11:25 मिनट पर समाप्त होगी। चूंकि उदया तिथि मान्य होती है इसलिए गुप्त नवरात्रि की शुरुआत 19 मई से होगी।

प्रतिपदा तिथि का आरंभ – 18 जून 2022, सुबह 10:06 मिनट

प्रतिपदा तिथि का समाप्ति - 19 जून 2022, सुबह 11:25 मिनट

कलश स्थापना शुभ मुहूर्त-----गुप्त नवरात्रि की पूजा के लिए कलश की स्थापना का शुभ मुहूर्त सोमवार 19 जून 2023 को प्रात: काल 05:23 मिनट से 07:27 मिनट तक है. इसके अलावा इस दिन अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:55 मिनट से लेकर दोपहर 12:50 मिनट बजे तक है. इस मुहूर्त में भी कलश स्थापना की जा सकती है।

घट स्थापना मुहूर्त - 19 जून 2022, प्रात: काल 05:23 मिनट से 07:27 मिनट तक

अभिजित मुहूर्त - 19 जून 2022, सुबह 11:55 मिनट से लेकर दोपहर 12:50 मिनट बजे तक। 

शीघ्र विवाह के लिए करें उपाय----आषाढ़ गुप्त नवरात्रि के दौरान अविवाहित कन्या मां दुर्गा को श्रृंगार का समान भेंट करें। इसके लिए स्नान ध्यान के पश्चात लाल रंग का वस्त्र धारण करें। फिर भक्ति भाव से मां दुर्गा की पूजा पाठ करें और मां दुर्गा के मंदिर जाकर मां को श्रृंगार का समान भेंट करें. इस उपाय से शीघ्र विवाह के योग बनते हैं।

पूरे नौ दिन है गुप्त नवरात्रि----हर साल आषाढ़ गुप्त नवरात्रि का प्रारंभ आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से होती है। एक साल में दो गुप्त नवरात्रि, एक चैत्र नवरात्रि और एक शारदीय नवरात्रि होती है। गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गा के 9 स्वरूपों के अलावा 10 महाविद्याओं का भी पूजन होता है। तंत्र-मंत्र की साधना के लिए गुप्त नवरात्रि अच्छी मानी जाती है। इस बार आषाढ़ गुप्त नवरात्रि पूरे 9 दिन की है। 9 दिन की नवरात्रि को शुभ माना जाता है।

गुप्त नवरात्रि 

19 जून सोमवार: घटस्थापना या कलश स्थापना, मां शैलपुत्री पूजा

20 जून मंगलवार: ब्रह्मचारिणी पूजा

21 जून बुधवार: चन्द्रघण्टा पूजा

22 जून गुरुवार: कूष्माण्डा पूजा

23 जून शुक्रवार: स्कन्दमाता पूजा

24 जून शनिवार: कात्यायनी पूजा

25 जून रविवार: कालरात्रि पूजा

26 जून सोमवार: दुर्गाअष्टमी, महागौरी पूजा

27 जून मंगलवार: सिद्धिदात्री पूजा

28 जून बुधवार: नवरात्रि पारण

 

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