अदनान खान सलामतपुर रायसेन। (एडिटर इन चीफ IND28 NEWS हर खबर पर पैनी नज़र)

संयुक्त किसान मोर्चा मध्यप्रदेश ने सांसदों को एक ज्ञापन सौंपा है। जिसमें कहा गया है कि एतिहासिक किसान आंदोलन को खत्म कराने के लिए मोदी सरकार ने जो वायदा किया था उससे मुकरने के खिलाफ फिर से संयुक्त किसान मोर्चा किसानों की समस्याओं को लेकर मैदान में आ गया है। इसी कड़ी में किसान नेताओ ने सांसद एवं कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के बंगले पर उनके ओएसडी राजेंद्र जैन को पूर्व मुख्यमंत्री राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह, अलोक शर्मा सांसद भोपाल, दर्शनसिंह चौधरी सांसद होशंगाबाद एवं अशोक सिंह यादव राज्यसभा सांसद को प्रधानमंत्री, नेता प्रतिपक्ष लोकसभा के नाम ज्ञापन सयुक्त किसान मोर्चा संयोजक मंडल के सदस्य किसान जागृति संगठन के प्रमुख इरफान जाफरी, अखिल भारतीय किसान सभा मध्यप्रदेश के प्रांतीय महासचिव प्रहलाद दास बैरागी ने सौंपा है।बैठक में एनडीए-2 सरकार को एसकेएम और केन्द्र सरकार के बीच 9 दिसंबर 2021 को हुए समझौते के उल्लंघन के लिए जिम्मेदार ठहराया गया, जिसमें हमारी लंबे समय से लंबित माँग जैसे कि लाभकारी और गारंटी एमएसपी के साथ खरीद, व्यापक ऋण माफी, विजली के निजीकरण को निरस्त करना आदि शामिल हैं। 736 शहीदों के सर्वोच्च बलिदान और 384 दिनों 26 नवंबर 2020 से 11 दिसंबर 2021 तक दिल्ली की सीमाओं पर लगातार और उग्र संघर्ष में भाग लेने वाले लाखों किसानों की पीड़ा की पृष्ठभूमि में, इस समझोते पर भारत सरकार के कृषि विभाग के सचिव ने हस्ताक्षर किए।वर्तमान में भारत के मेहनतकश नागरिक व्यापक ऋणग्रस्तता, वेरोजगारी और महंगाई जैसी गंभीर समस्याओं का सामना कर रहे हैं। भारत में प्रतिदिन 31 किसान आत्महत्या कर रहे हैं। तीव्र कृषि संकट, किसानों की आत्महत्या, ग्रामीण से शहरी संकट पलायन और बढ़ती आय और धन असमानता को हल करने के लिए नीतियों में बदलाव आवश्यक है। इसलिए, एसकेएम ने कॉर्पोरेट समर्थक नीतियों में बदलाव, 9 दिसंबर 2021 के समझौते को लागू करने, और अन्य प्रमुख माँग, जिन्हें माँग पत्र के रूप में संलग्न किया गया है।

 

न्यूज़ सोर्स : अदनान खान एडिटर इन चीफ IND28 NEWS