सतीश मैथिल/अभिषेक लोधी सांचेत रायसेन। IND28.COM

जिला सहकारी केंद्रीय बैंक प्रधान कार्यालय के नजदीक धरने पर बैठे सहकारी समितियों से जुड़ी संयुक्त सहकारी समिति (पैक्स) कर्मचारी महासंघ के कर्मचारियों का कहना है कि मामा शिवराजसिंह ने मध्य प्रदेश के समस्त विभागों के कर्मचारी की मांगे मानते आ रहे हैं परंतु सहकारिता समिति कर्मचारियों की महत्वपूर्ण मांग वेतनमान कब मानेंगे। जिले में 113 सहकारी समितियां से जुड़े कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। इस हड़ताल के चलते समूचे जिले में सहकारी समिति जिसमें ऋण वितरण वसूली, खाद बीज वितरण, फसल बीमा, उचित मूल्य की दुकानें से खाद्यान्न वितरण आदि का कार्य प्रभावित हो गया है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को फिर से जीवंत करने के लिए पैक्स प्रणाली को बदलने की तत्काल आवश्यकता है। पारदर्शिता, विश्वसनीयता और दक्षता प्राप्त करने के लिए जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों (डीसीसीबी) और राज्य सहकारी बैंकों (एसटीसीबी) (नाबार्ड द्वारा) के कम्प्यूटरीकरण की तर्ज पर पैक्स का कम्प्यूटरीकरण इस संबंध में एक महत्वपूर्ण कदम है। आबादी के वित्तीय समावेशन के लिए जिम्मेदार हैं। चूंकि अधिकांश ऋण छोटे और सीमांत किसानों द्वारा लिए जाते हैं। ग्रामीण आबादी की जरूरतों को पूरा करने के लिए वित्तीय पूंजी प्रदान करते हैं। केसीसी ऋण पैक्स द्वारा दिया जाता है। पीडीएस की दुकानें चलाना।राज्य सहकारी बैंकों और केंद्रीय सहकारी बैंकों से उधार लेने के लिए निधि की व्यवस्था करना।जनता बाजार का संचालन।अपेक्स बैंक, जिला सहकारी बैंक और प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों (पैक्स) में ये व्यवस्था लागू की गई थी कैडर में समिति सेवक शामिल होंगे। सहकारी संस्थाओं में पहले रजिस्ट्रार के अधीन यह व्यवस्था थी। इसमें सीईओ, अकाउंट मैनेजर व नोडल अधिकारी शामिल थे। एक वर्ष हो जाने के बावजूद भी जिला सहकारी केंद्रीय बैंक द्वारा यह व्यवस्था लागू नहीं की गई है।सहकारी समिति (पैक्स) कर्मचारी महासंघ के प्रदेश सचिव वीरेंद्र सिंह राजपूत का कहना है कि मामा शिवराज ने उनकी बातें नहीं मानी तो उनकी विदाई तय है। जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाती वह अपनी निश्चितकालीन हड़ताल जारी रखेंगे। कर्मचारियों ने बताया कि  जिले में 800 कर्मचारी हड़ताल पर चले गए जिसके कारण सहकारी समितियां से जुड़े कार्य प्रभावित हुए हैं।जो हमारा समर्थन करेगा हम उसके समर्थन में हड़ताल पर बैठे संयुक्त सहकारी समिति पैक्स कर्मचारी महासंघ से जुड़े कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें सेवा नियम अंतर्गत वेतनमान दिया जाए। इसके अलावा जो उनकी लंबित मांगे और पूर्व में उनके द्वारा जो ज्ञापन दिए गए हैं उनको मांगों को तत्काल पूरा किया जाए। हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों का कहना है कि जो भी राजनीतिक दल उनकी मांगों का समर्थन करेंगे वह उसका समर्थन करेंगे। 

हड़ताल से कई काम प्रभावित----संयुक्त सहकारी समिति पैक्स कर्मचारी महासंघ द्वारा इस हड़ताल से ग्रामीण क्षेत्रों में कई कार्य प्रभावित हुए हैं। ऋण वितरण वसूली, खाद बीज वितरण, फसल बीमा, उचित मूल्य की दुकान से खाद्यान्न वितरण सहित अन्य कार्य हड़ताल के चलते प्रभावित हैं। सहकारी कर्मचारी यूनियन का कहना है कि आने वाले दिनों में इस हड़ताल का और भी व्यापक असर देखने को मिलेगा। मप्र में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले एकाएक लगातार कई कर्मचारी वर्ग अपनी मांगों को लेकर हड़ताल व धरने पर बैठे हैं मुख्यमंत्री द्वारा उनकी मांगों को स्वीकार किया गया और उनका लाभ दिया गया। इससे प्रदेश सरकार की मुसीबत भी बढ़ गई है।

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