आठवी बार खुले हलाली डैम के 3 गेट, चल पड़ी छऱछरी
-छरछरी चलते ही भोपाल विदिशा से बड़ी संख्या में पहुंचे पर्यटक
-हलाली डेम पर सुरक्षा के नही हैं कोई इंतेज़ाम
अदनान खान सलामतपुर रायसेन। (एडिटर इन चीफ IND28 हर खबर पर पैनी नज़र)
2 दिन से हो रही रायसेन जिले सहित आसपास क्षेत्र में बारिश से नदी नाले फिर से ऊफान पर है। वहीं जिले के डैम तालाब भर गए हैं, भोपाल जिले में हो रही लगातार बारिश के कारण हलाली डैम का जल स्तर भी सो प्रतिशत हो गया है। इसी बात के मद्देनजर शनिवार को पांच में से हलाली डैम के तीन गेट आधा आधा मीटर तक खोलें गए हैं। गेट खोलने से पहले जल संसाधन विभाग के अधिकारी और सलामतपुर पुलिस भी सुरक्षा की दृष्टि से मौके पर पहुंची। गेटों को खुलते हुए देखने के लिए आसपास क्षेत्र से बड़ी संख्या में लोग हलाली डैम पहुंचे। और गेट खुलते ही छरछरी चल गई। शनिवार का दिन होने की वजह से काफी संख्या में पर्यटक भोपाल, विदिशा, रायसेन सहित आसपास क्षेत्र से पहुंचे और नज़ारे देखकर लुत्फ उठाया। बता दे की हलाली डैम पर पिछले साल ही 5 गेट बनकर तैयार हुए हैं जो सीज़न में आठवी बार खोले गए हैं। पहले गेट नहीं होने से कई गांव डूब में आ जाते थे, अब हलाली डैम पर पांच गेट लगने से बेक वॉटर गेट के माध्यम से निकाला जा सकता है। इसी के चलते शनिवार को तीन गेट खोले गए हैं। वहीं सम्राट अशोक सागर संभाग क्रमांक 02 विदिशा के कार्यपालन यंत्री रमेश चौहान ने बताया कि कैचमेंट एरिया में बारिश होने और कैटकमेंट में इनफ्लो होने से जल भराव सो प्रतिशत हो गया है। इनफ्लो लगातार आ रहा अतः जल स्तर को निर्धारित लेवल तक बनाए रखने के लिए शनिवार की दोपहर 1 बजे बांध के 3 गेट कुल 0.50 मीटर ऊंचाई में खोले गए हैं। जिससे लगभग 131 क्यूमेक्स पानी डिस्चार्ज पास होगा। और आवश्यकता पड़ने पर गेटों की हाईट और अधिक बढ़ाईं जा सकती है।
पिछली घटनाओं से नही लिया सबक, जान खतरे में डालकर सेल्फी लेते हैं पर्यटक--शनिवार को हलाली डेम पर गेट खुलने के बाद छरछरी चलते ही सैंकड़ों की संख्या में पर्यटक पहुंच गए और नीचे जहां छऱछरी का पानी गिरता है वहां चट्टानों पर खड़े होकर जान हथेली पर रखखर सेल्फी लेते नज़र आए। जबकि दो वर्ष पहले ही सेल्फी लेते समय छरछरी में गिरकर महिला की मौत हो गई थी। महिला का शव 7 घंटे की मशक्कत के बाद डुंडा जा सका था।उस समय डेम की छरछरी का बहाव इतना तेज़ था कि महिला का शव शाम तक भी नही मिल सका था। कोलार भोपाल से पति पत्नी दोनों हलाली डेम घूमने के लिएं आए थे। हिमानी मिश्रा पत्नी डॉक्टर उत्कर्ष मिश्रा उम्र लगभग 32 वर्ष निवासी कोलार भोपाल घूमते समय हलाली डेम के पुल की बाउंड्री पर मोबाइल से सेल्फी ले रही थीं। इसी दौरान पांव फिसलने से डेम की छरछरी में तेज बहाव के साथ बह गईं। पुलिस व गोताखोरों की काफी मशक्कत के बाद 7 घंटे में महिला का शव मिल पाया था। और उसके पहले भी भी अशोका गार्डन भोपाल निवासी 24 वर्षीय युवक राहुल भास्कर की भी हलाली के वेस्टवियर छरछरी में डूबने से मौत हो गई थी। युवक का शव भी दूसरे दिन सुबह बरामद हुआ था। वहीं हलाली डेम के पास मिनी पचमढ़ी के कुंड में भोपाल अशोका गार्डन क्षेत्र के तीन युवकों ने सेल्फी लेने के चक्कर में पैर फिसल जाने के कारण डूबने से अपनी जान गवां दी थी। हलाली डेम पर प्रत्येक शनिवार व रविवार को हज़ारों लोग पिकनिक मनाने पहुंचते हैं। इस दौरान अपनी जान के साथ खिलवाड़ करते हुए छरछरी के तेज बहाव में पहुंचकर नहाते हैं। डेम पर सुरक्षा के कोई इंतेज़ाम नही है। इसलिए यहां पर कोई न कोई दुर्घटना हर वर्ष होती है।
30 करोड़ की लागत से किया गया है काम--हलाली पर 30 करोड़ की लगात से 12-12 मीटर ऊंचाई वाले पियर में 5 गेट लगाए गए हैं। हलाली की बाढ़ से प्रभावित होने वाले गांवों में जिले के कायमपुर, नीनोद, जमुनिया सहित चार अन्य गांव शामिल व शामिल हैं। नीनोद गांव में रहने वाले सरपंच हरिओम मीणा ने बताया कि हलाली के बैंक वाटर के कारण 2022 में गांव की करीब 400 एकड़ में फसल खराब हो गई थी। ऐसा हर साल होता था। गांव का दीवानगंज से सड़क संपर्क भी टूट जाता है। जमुनिया गांव के जनपद सदस्य प्रतिनिधि गुलशेर लोधी और कायमपुर निवासी पूर्व सरपंच विजय जाटव ने बताया हलाली डेम के गेट लगने से हर साल होने वाले नुकसान से बच जाएंगे।
इनका कहना है।
हलाली डेम के कैचमेंट एरिया में बारिश होने और केटकमेंट में इनफ्लो होने से जलभराव 100 प्रतिशत हो गया है। इसलिए शनिवार को हलाली डेम का जल स्तर बढ़ने पर 3 गेटों को आधा आधा मीटर तक दोपहर 1 बजे खोला गया है ।
बीके बागुलिया, सब इंजीनियर सम्राट अशोक सागर परियोजना।
शनिवार को हलाली डेम के 3 गेट खोले गए हैं। आसपास क्षेत्र के रहवासी काफी संख्या में मौके पर पहुंच गए थे। जानकारी मिलते ही सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस बल मौके पर भेजा गया है।
दिनेश सिंह रघुवंशी, थाना प्रभारी सलामतपुर।