-छरछरी चलते ही भोपाल विदिशा से बड़ी संख्या में पहुंचे पर्यटक

-कई मौतों के बाद भी नही लिया सबक, जान हथेली पर रखकर सेल्फी लेते नज़र आए पर्यटक

-हलाली डेम पर सुरक्षा के नही हैं कोई इंतेज़ाम

अदनान खान सलामतपुर रायसेन। (एडिटर इन चीफ iND28 हर खबर पर पैनी नज़र)

2 दिन से हो रही रायसेन जिले सहित आसपास क्षेत्र में बारिश से नदी नाले ऊफान पर है।वहीं जिले के डैम तालाब भर गए हैं, भोपाल जिले में हो रही लगातार बारिश के कारण हलाली डैम का जल स्तर भी बढ़ गया है। इसी बात के मद्देनजर शनिवार को पांच में से हलाली डैम के तीन गेट आधा आधा मीटर तक खोलें गए हैं। गेट खोलने से पहले जल संसाधन विभाग के अधिकारी और सलामतपुर पुलिस भी सुरक्षा की दृष्टि से मौके पर पहुंची। गेटों को खुलते हुए देखने के लिए आसपास क्षेत्र से बड़ी संख्या में लोग हलाली डैम पहुंचे। और गेट खुलते ही छरछरी चल गई। शनिवार का दिन होने की वजह से काफी संख्या में पर्यटक भोपाल, विदिशा, रायसेन सहित आसपास क्षेत्र से पहुंचे और नज़ारे देखकर लुत्फ उठाया। बता दे की हलाली डैम पर पिछले साल ही 5 गेट बनकर तैयार हुए हैं जो सीज़न में दूसरी बार खोले गए हैं। पहले गेट नहीं होने से कई गांव डूब में आ जाते थे, अब हलाली डैम पर पांच गेट लगने से बेक वॉटर गेट के माध्यम से निकाला जा सकता है। इसी के चलते शनिवार को तीन गेट खोले गए हैं।

1750 क्यूसेक पानी की निकासी हो सकेगी---डेम पर गेट लगाने का काम मई 2022 में शुरू किया गया है। इसका पूरा काम अक्टूबर 2023 तक पूरा किया जाना है। हालांकि इस बारिश में ही किसानों की खरीफ की फसल डूब में न आने पाए इसलिए जुलाई 2024 तक ही पांचों गेट लगा लेने का दावा परियोजना के सब इंजीनियर बीके बागुलिया द्वारा किया गया था। जिसे समय से ही पूरा कर लिया गया है। गेट लग जाने के बाद जल स्तर बढ़ने पर 1750 क्यूसेक पानी की निकासी की जा सकेगी। एक क्यूसेक एक घन फुट जल प्रवाह प्रति सेकेंड के बराबर है। लगभग एक क्यूसेक जल 28.317 लीटर प्रति सेकेंड के बराबर होता है।

ग्रामीणों के आवागमन के लिए डाउन स्ट्रीम में बना 57.50 मीटर लंबा ब्रिज--गेट के आगे डाउन स्ट्रीम में एक 57.50 मीटर लंबा ब्रिज भी बनाया गया है। इससे 15-20 गांवों के लोगों को बाढ़ के दौरान हर साल रास्ता बंद होने की समस्या से भी निजात मिल जाएगी। दरअसल बारिश के दौरान बाढ़ से नीनोद और कायमपुर गांव के रास्ते डूब में आ जाने के कारण गांव टापू बन जाया करते थे। बांध के डाउन स्ट्रीम में ब्रिज बनने से अब इन गांवों के रास्ते भी डूब में नहीं आएंगे। इससे बारिश के दिनों में यहां से आवागमन चालू रहेगा। ग्रामीणों को इसी रास्ते से आवागमन करना होगा, जबकि बांध पर निर्मित गेटेड स्लिप के ब्रिज का इस्तेमाल केवल सिंचाई विभाग का अमला ही कर सकेगा। यह अमला इस ब्रिज का उपयोग बांध के गेटों का नियंत्रण के कार्य के लिए करेगा।

पिकनिक मनाने आए पर्यटक जान खतरे में डालकर सेल्फी लेते नज़र आए--शनिवार को हलाली डेम पर छरछरी चलते ही सैंकड़ों की संख्या में पर्यटक पहुंच गए और चट्टानों पर खड़े होकर जान हथेली पर रखखर सेल्फी लेते नज़र आए। जबकि दो वर्ष पहले ही सेल्फी लेते समय छरछरी में गिरकर महिला की मौत हो गई थी। महिला का शव 7 घंटे की मशक्कत के बाद डुंडा जा सका था।उस समय डेम की छरछरी का बहाव इतना तेज़ था कि महिला का शव शाम तक भी नही मिल सका था। कोलार भोपाल से पति पत्नी दोनों हलाली डेम घूमने के लिएं आए थे। हिमानी मिश्रा पत्नी डॉक्टर उत्कर्ष मिश्रा उम्र लगभग 32 वर्ष निवासी कोलार भोपाल घूमते समय हलाली डेम के पुल की बाउंड्री पर मोबाइल से सेल्फी ले रही थीं। इसी दौरान पांव फिसलने से डेम की छरछरी में तेज बहाव के साथ बह गईं। पुलिस व गोताखोरों की काफी मशक्कत के बाद 7 घंटे में महिला का शव मिल पाया था। और उसके पहले भी भी अशोका गार्डन भोपाल निवासी 24 वर्षीय युवक राहुल भास्कर की भी हलाली के वेस्टवियर छरछरी में डूबने से मौत हो गई थी। युवक का शव भी दूसरे दिन सुबह बरामद हुआ था। वहीं हलाली डेम के पास मिनी पचमढ़ी के कुंड में भोपाल अशोका गार्डन क्षेत्र के तीन युवकों ने सेल्फी लेने के चक्कर में पैर फिसल जाने के कारण डूबने से अपनी जान गवां दी थी। हलाली डेम पर प्रत्येक शनिवार व रविवार को हज़ारों लोग पिकनिक मनाने पहुंचते हैं। इस दौरान अपनी जान के साथ खिलवाड़ करते हुए छरछरी के तेज बहाव में पहुंचकर नहाते हैं। डेम पर सुरक्षा के कोई इंतेज़ाम नही है। इसलिए यहां पर कोई न कोई दुर्घटना हर वर्ष होती है।

 2 जिलों की क्षेत्र सीमा के चक्कर में हमेशा रहता है विवाद--हलाली डेम और मिनी पचमढ़ी पर 2 जिलों रायसेन और विदिशा थानों की क्षेत्र सीमा को लेकर हमेशा विवाद की स्तिथि बनती है। क्योंकि दोनों ही जगह के कुछ क्षेत्र रायसेन जिले के सलामतपुर थाना और विदिशा जिले के खामखेड़ा चौकी थाने के अंतर्गत आते हैं। कई बार बड़ी दुर्घटना के वक्त दोनों ही थाने अपनी ज़िम्मेदारी एक दूसरे पर डालकर बचते रहते हैं। 

इनका कहना है।

शनिवार को हलाली डेम के 3 गेट आधा-आधा मीटर तक खोले गए हैं। 459.56 के लेबल तक पानी डेम में भर चुका है। रविवार तक गेट बंद कर सकते हैं। लोगों की सुरक्षा को लेकर पुलिस की व्यवस्था कराई है। फिर भी लोग मानते नही है और जान खतरे में डालकर नीचे चट्टानों तक जाकर सेल्फी लेते है।

बृजेश बगुलिया, एसडीओ जल संसाधन विभाग।

शनिवार को हलाली डेम के 3 गेट खोले गए हैं। आसपास क्षेत्र के रहवासी काफी संख्या में मौके पर पहुंच गए थे। जानकारी मिलते ही सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस बल मौके पर भेजा गया है। 

दिनेश सिंह रघुवंशी, थाना प्रभारी सलामतपुर।

न्यूज़ सोर्स : अदनान खान एडिटर इन चीफ IND28