अदनान खान सलामतपुर रायसेन। एडिटर इन चीफ IND28.COM

रायसेन जिले के 27 गांव के किसानों के लिए एक राहत भरी खबर है। हलाली डेम में जल स्तर बढ़ने पर ओवर फ्लो से जो पानी निकल पाता था। जिसकी वजह से किसानों द्वारा बोई गई खरीफ की फसल हर साल डूब में आने से खराब हो जाती थी। इस समस्या को देखते हुए अब डेम में ओवरफ्लो वाले स्थान पर 5 गेट लगा दिए गए हैं। कुछ निर्माण कार्य और बचे हैं जो अंतिम चरणों में है। शीघ्र ही यह निर्माण कार्य पूरा होने वाला है। क्षेत्र के किसानों ने निर्माण कार्य शीघ्र पूरा होने पर खुशी जाहिर की है।

24.59 करोड़ रुपए की लागत के 5 गेटों का निर्माण कार्य अंतिम चरणों में----ओवर फ्लो वाले स्थान पर पहले 12 मीटर ऊंचाई वाले 5 पिलर का निर्माण किया गया है। इसके बाद इन पिलरों के बीच में पांच गेट भी लगा दिए गए हैं। डेम का जल स्तर बढ़ने से इन गेटों से 1750 क्यूसेक पानी छोड़ा जा सकेगा। इससे होगा यह कि 27 गांवों के किसानों की 1500 हेक्टेयर जमीन में बोई गई खरीफ की फसल को डूबने से बचाया जा सकेगा।इतना ही नहीं फसल के अलावा नीनोद और कायमपुर गांव के रास्ते डूब में आ जाने से गांव टापू बन जाया करते थे। अब इन गांवों के रास्ते भी डूब में नहीं आएंगे। इससे बारिश के दिनों में यहां से आवागमन चालू रहने लगेगा। बारिश के दिनों में भी इलाज सहित आवश्यक सेवाएं दोनों गांव के रहवासियों को उपलब्ध हो सकेंगी।

1750 क्यूसेक पानी की निकासी हो सकेगी----डेम पर गेट लगाने का काम मई 2022 में शुरू किया गया है। इसका पूरा काम अक्टूबर 2023 तक पूरा किया जाना है। हालांकि इस बारिश में ही किसानों की खरीफ की फसल डूब में न आने पाए इसलिए जुलाई तक ही पांचों गेट लगा लेने का दावा परियोजना के सब इंजीनियर बीके बागुलिया द्वारा किया गया था। जिसे समय से ही पूरा कर लिया गया है। गेट लग जाने के बाद जल स्तर बढ़ने पर 1750 क्यूसेक पानी की निकासी की जा सकेगी। एक क्यूसेक एक घन फुट जल प्रवाह प्रति सेकेंड के बराबर है। लगभग एक क्यूसेक जल 28.317 लीटर प्रति सेकेंड के बराबर होता है।

इनका कहना है।

हर वर्ष हमारी फसलें हलाली के पानी से डूब में आ जाती हैं। जिसकी वजह से हमें लाखों रुपए का नुकसान उठाना पड़ता था।लेकिन अब ओवर फ्लो वाली जगह पर पानी रोकने के लिए 5 गेट लगा दिए गए हैं। जिससे इस वर्ष से हमारी फसलें नुकसान से बच जाएगी।

हिम्मत सिंह, स्थानीय किसान।

बारिश के मौसम में हलाली डेम के वेस्ट वियर का पानी मेरे गाँव निनोद व पास के कायमपुर गांव तक पहुंच जाता है। जिससे गांव टापू बन जाते हैं। ग्रामीणों को नाव के सहारे पूरे काम करना पड़ते हैं। अब गेट लग जाने से हमें राहत मिल सकेगी।

अभिषेक लोधी, स्थानीय किसान।


न्यूज़ सोर्स : अदनान खान एडिटर इन चीफ IND28.COM