सलामतपुर रायसेन से अदनान खान की ग्राउंड रिपोर्ट। 
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मध्यप्रदेश शासन के स्वास्थ्य मंत्री डॉ प्रभुराम चौधरी के विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत आने वाला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र इन दिनों डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा है। सांची विश्व प्रसिद्ध पर्यटन नगरी होने के बाद भी अस्पताल में लगभग पचास गांवों के मरीज़ बीमारी का इलाज कराने को लेकर घंटों अस्पताल में परेशान होते हैं। यहां पर कम से कम आठ डॉक्टरों की पदस्थापना होनी चाहिए लेकिन अस्पताल में चार डॉक्टर की पदस्थ हैं।इन डॉक्टरों में दो डॉक्टरों रेगुलर एक बॉनडेड डॉक्टर व एक आयुष डॉक्टर पदस्थ हैं। डॉक्टरों को दिन में काम करने के साथ ही रात की ड्यूटी भी करना पड़ रही है। मरीज़ों के साथ साथ अस्पताल के डॉक्टर भी काम के लोड और अन्य डॉक्टरों की कमी के चलते खासे परेशान हैं। गौरतलब है कि भोपाल विदिशा स्टेट हाइवे 18 पर सड़क हादसे इतने बढ़ गए हैं कि यहां पर रोज़ ही कोई ना कोई दुर्घटना हो रही है। इन हादसों में घायलों को इलाज के लिए सांची और सलामतपुर अस्पताल ही लाया जाता है। ऐसी स्तिथि में घायलों के परिजनों को डॉक्टरों की कमी बहुत खलती है। और कई बार घायलों को समय पर इलाज ना मिलने के कारण उसकी मौत भी हो जाती है। स्वास्थ्य मंत्री डॉ प्रभुराम चौधरी के विधानसभा क्षेत्र होने के बाद भी अस्पताल में डॉक्टरों की कमी की समस्या का समाधान नही हो पा रहा है। स्थानीय ग्रामीणों ने शासन प्रशासन से शीघ्र ही समस्या का समाधान करने की मांग की है।

हाइवे 18 पर रोज़ हो रहे हैं हादसे समय से नही मिलता ईलाज---अस्पताल में डॉक्टरों की संख्या इस लिए भी बढ़ाना ज़रूरी है क्योंकि भोपाल विदिशा स्टेट हाइवे 18 से दिन भर में लगभग 25 हज़ार छोटे बड़े वाहन निकलते हैं। जो यूपी, दिल्ली, मुम्बई, गुजरात, मध्यप्रदेश सहित अन्य राज्यों में जाते हैं। यहां से बड़े बड़े ट्राले और ट्रक क्षमता से अधिक माल लेकर सड़क से निकलते हैं। वहीं कुछ बड़े वाहन भी यहां से निकलते हैं। जिनकी वजह से प्रतिदिन ही सड़क हादसे हो रहे हैं। और घायलों को ईलाज के लिए सलामतपुर या सांची स्वास्थ्य केंद्र ही लाया जाता है। लेकिन डॉक्टरों की कमी की वजह से घायलों को विदिशा या भोपाल रेफर करना पड़ता है। जिसमें समय की बर्बादी होती है। और घायलों को भी समय से ईलाज नही मिल पाता है।

हाइवे से रोज ही गुज़रते है वीआईपी घटना के समय खलेगी डॉक्टरों की कमी---
सप्ताह में एक बार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी इसी हाइवे 18 से निकलते हुए विदिशा जाते हैं। वहीं प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा यहीं से आना जाना करते रहते हैं। और प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी भी आते जाते रहते हैं। अगर कभी कोई बड़ा हादसा वीआइपीयों के साथ हो जाए तो डॉक्टरों की कमी खलेगी। इसके बाद भी ज़िम्मेदार अधिकारियों द्वारा अस्पताल में और डॉक्टरों की व्यवस्था के कोई इंतेज़ाम नही किए जा रहे हैं। जिसके कारण हादसों में घायलों व स्थानीय मरीज़ों को समय पर इलाज नही मिल पा रहा है।

50 गांव के ग्रामीण आते हैं अपना इलाज कराने-- 
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सांची में आसपास क्षेत्र के लगभग पचास गांवों के ग्रामीण ईलाज कराने आते हैं। कई बार डॉक्टरों की कमी के चलते मरीज़ घंटों परेशान होते रहते हैं। वहीं अगर किसी दुर्घटना में घायल व्यक्ति की मौत हो जाती है तो शव को भी पोस्टमार्टम के लिए पुलिस द्वारा सांची स्वास्थ्य केंद्र ही लाया जाता है। क्योंकि सलामतपुर अस्पताल में मर्चुरी रूम की व्यवस्था नही है। जिससे मृतक के परिजनों को काफी पीड़ा होती है।स्थानीय ग्रामीण कैलाश गोस्वामी ने बताया कि कई बार स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टरों की कमी होने की शिकायत मंत्री और कलेक्टर को आवेदन के द्वारा बताई गई हैं। लेकिन आज तक उन आवेदनों पर सुनवाई नही हुई है।अगर इस समस्या का समाधान शीघ्र ही नही हुआ तो स्थानीय नागरिक डॉक्टरों की कमी को दूर करने के लिएं आंदोलन भी करेंगे।


इनका कहना है।
सांची सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में अभी 4 डॉक्टर पदस्थ हैं। जिनमें 2 रेगुलर डॉक्टर, 1 बॉन्डेड व 1 आयुष डॉक्टर शामिल हैं। अस्पताल में लगभग 8 डॉक्टरों की पदस्थापना होनी चाहिए।
डॉ रवि राठौर, बीएमओ सांची सामुदायिक स्वा.के.

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सांची में डॉक्टरों की कमी बनी हुई है। स्टेट हाइवे 18 पर यातायात का अत्यधिक दवाब रहने के कारण आए दिन हादसे हो रहे हैं। और डॉक्टरों की कमी के चलते घायलों को समय पर उचित ईलाज नही मिल पा रहा है। समस्या का समाधान करना चाहिए
रघुवीर सिंह मीणा, सरपंच रातातलाई।

अगर रात के समय कोई बड़ी दुर्घटना हो जाती है तो सांची सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर नही मिल पाते हैं। कई बार तो समय पर इलाज ना मिलने के कारण घायल व्यक्ति की मौत भी हो जाती है। स्वास्थ्य मंत्री का विधानसभा क्षेत्र होने के बाद भी डॉक्टरों की कमी दूर नही की जा रही है।
बबलू पठान, वरिष्ठ कांग्रेस नेता सलामतपुर।

में प्रतिदिन सलामतपुर से भोपाल मोटरसाइकिल से अपडाउन करता हूं। इस सड़क पर प्रतिदिन ही वाहन दुर्घटनाएं हो रही हैं। सलामतपुर व सांची स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टरों की कमी बनी हुई है। जिसकी वजह से मरीज़ व घायलों को विदिशा या भोपाल रेफर किया जाता है। इसी कारण समय से घायलों को इलाज मुहैया नही हो पाता है। समस्या का शीघ्र समाधान करना चाहिए।
साजिद खान, स्थानीय निवासी सलामतपुर।

न्यूज़ सोर्स : अदनान खान एडिटर इन चीफ IND28.COM