4 साल से वीरान पड़ा सतधारा ईको जंगल कैम्प पर्यटकों के लिए फिर से खोला गया
-बुकिंग करवाने वाले पर्यटकों को देशी व्यंजन का मिलेगा आनंद, ठहरने की भी होगी व्यवस्था
-पोर्टेबल टेंट में रुकेंगे पर्यटक, मप्र ईको पर्यटन विकास बोर्ड करेगा इंतेज़ाम
अदनान खान सलामतपुर रायसेन। (एडिटर इन चीफ IND28 हर खबर पर पैनी नज़र)
4 साल से बंद पड़ा सतधारा ईको जंगल कैंप फिर से पर्यटकों के लिए खोल दिया गया है। यहां पर पर्यटक ठहरने के साथ ही एडवेंचर्स का आनंद भी ले सकेंगे। यहां पर ठहरने के लिए बुकिंग करवाने वाले पर्यटकों को देशी व्यंजन का आनंद उठाने का भी मौका मिलेगा।
यह सभी व्यवस्थाएं मप्र ईको पर्यटन विकास बोर्ड करेगा। बौद्ध स्मारक सतधारा और महादेव पानी वाले क्षेत्र के जंगल प्राकृतिक वातावरण से परिपूर्ण है। सुंदर और प्राकृतिक वातावरण को ध्यान में रखकर ही इन दोनों क्षेत्रों को जंगल कैंप के रूप में विकसित किया गया है।
4 साल पहले वन मंत्री ने किया था शुभारंभ--रायसेन जिले के सलामतपुर के पास स्तिथ बौद्ध स्मारक सतधारा में पूर्व वन मंत्री डॉ कुंवर विजय शाह द्वारा 26 अगस्त 2020 को फीता काटकर सतधारा ईको जंगल कैम्प का शुभारंभ किया गया था। उस दौरान वन मंत्री डॉ शाह ने कहा था कि प्रदेश में ईको-पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। इको जंगल कैम्प के माध्यम से पर्यटक प्रकृति से जुड़ सकेंगे। साथ ही स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे। और उन्होंने कहा था कि ईको जंगल कैम्प में पर्यटकों के लिए रहने, एडवेंडचर्स सहित सभी आवश्यक व्यवस्थाएं उपलब्ध कराई गई है। यहां आकर बच्चों, नागरिकों को जल, जंगल, जमीन और पर्यावरण को जानने और समझने का मौका मिलेगा। इससे वनों के संरक्षण के प्रयासों में भी सहायता मिलेगी। ईको जंगल कैम्प में ओपन जिम, वाच टावर, पैगोडा, कॉमन डायनिंग एरिया, कैंपिंग चबूतरा आदि का निर्माण कराया गया था। वहीं सतधारा में ईको जंगल कैम्प का शुभारंभ करने के पश्चात वन मंत्री डॉ शाह ने बैलगाड़ी में बैठने, रस्सी पर चलने, तीरंदाजी, गेड़ी, बॉस्केटबाल तथा क्रिकेट का आनंद भी लिया था। इस दौरान प्रमुख सचिव वन विभाग अशोक बर्णवाल, प्रमुख सचिव शिवशेखर शुक्ला, वहीं रायसेन के कलेक्टर, रायसेन एसपी तथा डीएफओ भी मौजूद थे।
सतधारा में बी बने हुए हैं सांची की तरह स्तूप -सतधारा स्तूप क्षेत्र में डेढ़ किलोमीटर दूर हलाली नदी बेसिन से 600 मीटर दाएं किनारे मिश्रित वनों से घिरे 5 एकड़ पहाड़ी क्षेत्र पर मप्र ईको पर्यटन विकास बोर्ड द्वारा 56 लाख रुपए की लागत से ईको जंगल कैम्प का निर्माण कराया गया है।यहां तीन हेक्टेयर क्षेत्र को चैनलिंक जाली से फैंस कर पर्यटकों को प्राकृतिक वातावरण में रहने के उद्देश्य से कैंपिंग प्लेटफार्म का निर्माण किया गया था। यहां पर ओपन जिम, वाच टावर, पैगोडा, कॉमन डायनिंग एरिया, कैंपिंग चबूतरा आदि का निर्माण किया गया है, ताकि यहां पर आने वाले पर्यटक ठहरने के साथ ही एडवेंचर्स का आनंद ले सकें।
सतधारा और महादेव पानी में ऑनलाइन बुकिंग करके आने वाले पर्यटकों को जंगल में ट्रैकिंग की भी व्यवस्था रहेगी। पर्यटकों के साथ वन विभाग का अमला जंगल में उन्हें लेकर जाएगा और जंगल में स्थित मिश्रित वनों के साथ ही वन्य प्राणियों की जानकारी भी दी जाएगी। इस तरह पर्यटक यहां पर प्रकृति का आनंद भी ले सकेंगे।
पोर्टेबल टेंट में रुकेंगे पर्यटक---सतधारा जंगल कैंप में आने वाले पर्यटकों को रात के समय पोर्टेबल टेंट में ठहरने की व्यवस्था की जाएगी। बुकिंग करके यहां पर आने वाले पर्यटकों को सतधारा ईको विकास समिति द्वारा चाय-नाश्ता के साथ ही देशी व्यंजन के रुप में दाल बाफले, चूरमा लडडू सहित अन्य स्वादिष्ट भोजन कराया जाएगा। जंगल कैंप में आने वाले पर्यटकों के लिए 400 रुपए से लेकर 950 रुपए तक की राशि निश्चित की गई है।
इनका कहना है।
पर्यटकों को उपलब्ध कराएंगे सुविधाएं।
सतधारा और महादेव ईको जंगल कैंप फिर से पर्यटकों के लिए खोल दिया गया है। यहां पर आने वाले पर्यटकों को आनलाइन तरीके से बुकिंग करवाना होगी। इसके लिए एक निश्चित राशि तय की गई है। यहां पर पर्यटकों को ट्रैकिंग करवाने के साथ ही भोजन के रुप में देशी व्यंजन खाने को मिलेंगे। सतधारा में रात के समय रुकने की भी व्यवस्था की गई है।
बृजेंद्र तिवारी, रेंजर पश्चिम क्षेत्र वन विभाग रायसेन।