कलेक्टर के आदेश के बाद भी नही तोड़ा दीवानगंज अस्पताल का पुराना जर्जर भवन, जनहानि की आशंका
-5 साल पहले दिए थे तोड़ने के आदेश
-40 गांवों के मरीजों के लिए खतरा बना हुआ है जर्जर अस्पताल भवन
अदनान खान सलामतपुर रायसेन। (एडिटर इन चीफ IND28 हर खबर पर पैनी नज़र)
रायसेन जिले के अधिकारी कलेक्टर के आदेश को भी तवज्जों नही देते हैं। जिसका उदाहरण सांची जनपद क्षेत्र में आसानी के साथ देखने को मिल जाएगा। जहां एक अस्पताल के पुराने जर्जर भवन को गिराने का आदेश पांच साल पहले कलेक्टर द्वारा लोक निर्माण विभाग को दिया गया था। लेकिन पांच साल बीतने के बाद भी अस्पताल का जर्जर भवन किसी बड़े हादसे के इंतज़ार में खड़ा हुआ है। और तो और ये पूरा मामला मध्यप्रदेश शासन के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री एवं सांची विधानसभा के वर्तमान विधायक डॉ प्रभुराम चौधरी के विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है। रायसेन जिले के सांची विकासखंड अंतर्गत आने वाले दीवानगंज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र परिसर में स्थित पुराने उप स्वास्थ्य केंद्र का भवन जो लगभग 50 साल पुराना बताया जा रहा है। जो जर्जर खंडहर की स्थिति में खड़ा है। इस भवन में जगह जगह से दरारें आ गई हैं। ऐसे में कोई बड़ा हादसा होने की संभावना बनी रहती है। स्वास्थ्य केंद्र में लगभग 40 गांवों के लोग इलाज कराने आते हैं। वहीं अस्पताल परिसर में अस्पताल स्टाफ भी निवास करता है। ऐसी स्तिथि में यहां पर कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। मगर कलेक्टर के आदेश के बाद भी जिम्मेदारों द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। बता दें कि 14 अक्टूबर 2019 को आदेश क्रमांक 6460/एस. सी. शाखा/89/2019 रायसेन कलेक्टर द्वारा इस भवन को गिराने के लिए आदेश किया गया था। जिसमें उल्लेख किया गया था कि भवन रिपेयरिंग की स्थिति में नहीं है और जो कभी भी गिरकर जनहानि हो सकती है। ऐसी स्थिति में भवन को तोड़ने के लिए लोक निर्माण विभाग को आदेश किया गया था। मगर 5 साल बीतने के बाद भी कलेक्टर का आदेश का पालन नहीं हुआ है। और जर्जर भवन आज भी अस्पताल परिसर में आने वाले लोगों के लिए खतरा बना हुआ है।
40 गांवों के मरीज़ आते हैं इलाज कराने--जर्जर भवन के पास ही स्वास्थ्य केंद्र में इलाज कराने को लेकर आसपास क्षेत्रों के सैंकड़ों मरीज़ यहां प्रतिदिन आते हैं। और इसी जर्जर भवन के पास से होकर गुज़रते हैं। अभी कुछ समय पहले ही पास के एक गांव में स्कूल की दीवार एक बच्ची पर गिर गई थी। जिसमें दबकर मासूम बच्ची की मौत हो गई थी। इतना बड़ा हादसा होने के बाद भी ज़िम्मेदार अधिकारियों द्वारा मरीज़ों व स्थानीय ग्रामीणों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है। पूरे मामले की जानकारी होने के बाद भी इस अस्पताल भवन की जर्जर बिल्डिंग को गिराया नही गया है। जिसकी वजह से कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है।
इनका कहना है।
अस्पताल के पुराने जर्जर भवन को गिराने के आदेश लगभग 2019 में दिए गए थे। समय समय पर वरिष्ठ अधिकारियों को समस्या से अवगत कराया जाता है। शीघ्र ही इसे गिराया जाएगा।
डॉ ए.के. माथुर, मेडिकल ऑफिसर दीवानगंज स्वास्थ्य केंद्र।
रायसेन कलेक्टर ने गिराने के दिए थे आदेश।
5 साल पहले इस जर्जर अस्पताल भवन को गिराने के आदेश रायसेन कलेक्टर द्वारा दिए गए थे। लेकिन 5 साल बीत जाने के बाद भी इस जर्जर भवन को गिराया नही गया है। जिसकी वजह से पास ही स्वास्थ्य केंद्र में इलाज कराने आ रहे 40 गांवों के मरीज़ों की जान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। जानकारी होने के बाद भी लोक निर्माण विभाग इस और ध्यान नही दे रहा है।
कैलाश गोस्वामी, समाजसेवी सलामतपुर।
ये जर्जर बिल्डिंग अब बन चुकी है खतरा।
ये अस्पताल बिल्डिंग लगभग 50 वर्षों पहले बनी होगी। कई वर्षों से छतिग्रस्त होकर जर्जर अवस्था में पड़ी हुई है। इस जर्जर भवन को गिराने के भी आदेश हुए थे। लेकिन अभी तक अस्पताल भवन नही गिराया गया है। जबकि कुछ समय पहले ही पास ही के एक गांव में स्कूल की दीवार गिरने से बड़ा हादसा हुआ था जिसमें 1 बच्ची की मौत हो गई थी। ऐसा लगता है कि इस मामले में भी ज़िम्मेदार अधिकारियों को कोई बड़े हादसे का इंतज़ार है।
मोहनलाल जाटव, स्थानीय ग्रामीण दीवानगंज।
कभी भी हो सकता है गंभीर हादसा।
इस जर्जर अस्पताल भवन के पास ही स्टॉफ परिसर बना हुआ है। जहां पर अस्पताल का स्टॉफ निवास करता है। भवन बहुत ही जर्जर अवस्था में है। यहां पर कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। और स्थानीय नागरिक भी इसकी चपेट में आ सकते हैं।
राहुल, स्थानीय ग्रामीण दीवानगंज।