वेलस्पन फैक्ट्री में बोले थाना प्रभारी डिजिटल अरेस्ट जैसी कोई प्रक्रिया कानून में नही

-फैक्ट्री कर्मचारियों को साईबर अपराधों से बचने के बताए तरीके
अदनान खान सलामतपुर रायसेन। (एडिटर इन चीफ IND28 हर खबर पर पैनी नज़र)
मंगलवार को सलामतपुर थाना प्रभारी ने थाना क्षेत्र की वेलस्पन फैक्ट्री में कर्मचारियों को देश में बढ़ते हुए साईबर अपराधों से बचने के तरीक़े बताए। इस दौरान थाना प्रभारी दिनेश सिंह रघुवंशी ने बताया कि डिजिटल अरेस्ट, साइबर ठगी का एक तरीका है । इसमें जालसाज़ खुद को कानून प्रवर्तन अधिकारी बताकर लोगों को ऑडियो या वीडियो कॉल पर डराते हैं और उन्हें गिरफ़्तारी का झांसा देते हैं। इसके बाद, वे लोगों को डिजिटल रूप से बंधक बनाकर उनके पैसे और निजी जानकारी चुरा लेते हैं। इसलिए अगर किसी के पास इस तरह का कोई फ़ोन आए तो इन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए जैसे कि डिजिटल अरेस्ट जैसी किसी प्रक्रिया का कानून में कोई प्रावधान नहीं है।पुलिस अधिकारी कभी भी वीडियो कॉल पर अपनी पहचान नहीं बताते।पुलिस अधिकारी कभी भी कोई ऐप डाउनलोड करने के लिए नहीं कहते।पुलिस अधिकारी कभी भी वॉयस या वीडियो कॉल पर बयान दर्ज नहीं करते।पुलिस कॉल के दौरान अन्य लोगों से बात करने से नहीं रोकती।डिजिटल अरेस्ट से बचने के लिए इन बातों का ध्यान रखें। कोई भी अनजान नंबर से आने वाली कॉल पर ध्यान न दें।अगर कोई व्यक्ति आपको ऑडियो या वीडियो कॉल पर डराकर पैसे या निजी जानकारी मांगता है, तो उसे न दें।अगर कोई व्यक्ति आपको गिरफ़्तारी का झांसा देता है, तो उसे न मानें। इन बातों का ध्यान रखकर आप धोखाधड़ी का शिकार होने से बच सकते हैं।