शिकायत के बाद भी ज़िम्मेदार नही दे रहे ध्यान

अदनान खान सलामतपुर रायसेन। एडिटर इन चीफ IND28.COM

प्रदेश सरकार बुनियादी शिक्षा पर भले ही हर साल करोड़ों रुपए खर्च कर, शिक्षकों को भारी वेतन और बच्चों को नई ड्रेस किताबें व मध्यान भोजन बांट रही है, लेकिन सांची विकासखंड के नरखेड़ा पंचायत के खेड़ा गांव का प्राथमिक स्कूल भवन जर्जर और खंडहर हो रहा है। जहां स्कूल का फर्श पूरा उखड़ा हुआ पड़ा है तो वहीं दीवारें और छत में जगह-जगह से दरारे आ चुकी हैं। जिसकी वजह से बच्चे स्कूल के बाहर वॉश बेसन के टीन शेड में पढ़ने को मजबूर हैं।जहां एक तरफ सरकार द्वारा 17 जुलाई से स्कूल चले हम अभियान की शुरुआत की जा रही है वहीं दूसरी तरफ प्राथमिक स्कूल की ऐसी दयनीय हालत जो कभी भी गिर सकता है और कोई बड़ा हादसा हो सकता है। विभाग द्वारा कोई वैकल्पिक भवन की व्यवस्था नहीं की गई है। शिक्षकों से बात की तो उनका कहना है कि वे कई बार विभाग को पत्र के माध्यम से स्थिति से अवगत करा चुके हैं विभाग द्वारा गांव के किसी के घर में स्कूल लगाने की बात की जाती है। मगर गांव में लोगों के आपसी मतभेद हैं जिस कारण बच्चे एक दूसरे के घर में पढ़ने नहीं आ पाते हैं। यही कारण है कि बच्चों को वाश बेसन के टीन शेड में पढ़ाने को मजबूर हैं। अगर तेज पानी आ जाए तो बच्चों की छुट्टी करना पड़ती है। आपको बता दें कि सरकार द्वारा शिक्षा के लिए बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं। जब जमीनी हकीकत देखो यह दावे खोखले ही नजर आते हैं। वही ग्रामीणों ने भी नाराजगी जताते हुए बताया कि ऐसे खंडहर नुमा स्कूल में बच्चे पढ़ने आते हैं तो उन लोगों को भी डर लगता है। विभाग को प्राथमिक स्कूल की नई बिल्डिंग बनाना चाहिए। अब देखने वाली बात होगी कि ऐसे स्कूल के बच्चों को नया भवन मिल पाता है या फिर यह यूही खतरे के बीच पढ़ने को मजबूर रहेंगे।

इनका कहना है।

में यहां 2019 से पदस्थ हूं। कक्षा 1 से लेकर 5 तक के 13 बच्चे यहां पड़ते हैं। हर जगह आवेदन देकर स्कूल भवन के जर्जर होने की जानकारी दे चुके हैं। अभी तक हमें ऐसा कोई भी मार्गदर्शन नही मिला है। जिसकी वजह से बच्चों को बाहर वॉश बेसन के टीन शेड में पढ़ाना पड़ रहा है। अगर बारिश हो जाती है तो हमें बच्चों की छुट्टी करना पड़ती है।

रेखा बैरागी, शाला प्रभारी

शाला भवन छतिग्रस्त होने की जानकारी में 2016 से ब्लॉक व जिले स्तर पर लिख लिखकर देकर थक चुके हैं।शाला भवन इतना जर्जर हो चुका है कि कभी भी गिर सकता है। बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए उनको बाहर वॉश बेसन के टीन शेड में पड़ा रहे हैं।

सुनीता अहिरवार, प्राथमिक शिक्षक।

बच्चे अपनी जान जोखिम में डालकर यहां पड़ते हैं। शासन प्रशासन ध्यान नही दे रहा है। ऐसा लग रहा है कि प्रशासन कोई गंभीर हादसे के इंतेज़ार में बैठा है।

रोहित लोधी, स्थानीय ग्रामीण


न्यूज़ सोर्स : अदनान खान एडिटर इन चीफ IND28.COM