पानी की कमी से निर्माण कार्यों में गुणवत्ता पर असर

वसीम कुरैशी सांची रायसेन। (IND28 हर खबर पर पैनी नज़र)
पानी की कमी के कारण सांची नगर में निर्माण कार्यों की गति तो तेज हो रही है, लेकिन इसके साथ ही गुणवत्ता में गिरावट आने का खतरा भी बढ़ गया है। जहां एक ओर सरकार करोड़ों रुपये खर्च कर विकास कार्यों को गति दे रही है, वहीं दूसरी ओर गर्मी के मौसम में पानी की भारी कमी के चलते नागरिकों को पीने के पानी के लिए भी जद्दोजहद करनी पड़ रही है। तथा दो दिन में एक बार पानी मिल पा रहा है इसके साथ ही पहाड़ी क्षेत्र का तो और बुरा हाल बना हुआ है लोगो को पानी के लिए यहाँ वहां भटकने पर मजबूर होना पड रहा है।जानकारी के अनुसार इन दिनों नगर भर में विकास की रफ्तार तेज हो गई है इन निर्माण में सडकों, नालों और भवनों के निर्माण में पानी की महत्वपूर्ण भूमिका होती है, खासकर सीमेंट के निर्माण में। वर्तमान में पानी की आपूर्ति की समस्या के कारण निर्माण कार्यों में आवश्यक गुणवत्ता नहीं मिल पा रही है। निर्माण सामग्री में पानी की कमी सीमेंट की मजबूती और निर्माण की स्थायित्व को प्रभावित कर रही है, जिससे दीर्घकालिक परिणामों पर बुरा असर पड़ सकता है।तथा इन होने वाले निर्माण तराई न होने से गुणवत्ता पर विपरीत प्रभाव पडने की संभावना भी बढ गई हैं इस गंभीर समस्या से प्रशासन बेखबर बना हुआ है। इसके बावजूद, इस समस्या पर संबंधित अधिकारियों और तकनीशियनों की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। निर्माण कार्यों में इस संकट को हल करने के लिए कुछ जरूरी तकनीकी उपायों की आवश्यकता है ताकि गुणवत्ता बनी रहे और नागरिकों को पानी की समस्या का सामना न करना पड़े। तब इन निर्माणों को लेकर पानी की किल्लत को देखते हुए सम्बंधितो को निर्माणों की गुणवत्ता की कम अपनी जेबें गरम करने की ज्यादा चर्चाएं चल रही है ऐसी कडकडाती गर्मी में निर्माण की गति तो जोर पकड़ रही है परन्तु इन निर्माण में पानी अपनी अहम भूमिका निभाने में पर्याप्त नहीं होने की चर्चा नगर भर मे चर्चित हो उठी हैं जिसका खामियाजा निर्माणों को अपनी गुणवत्ता खोकर भुगतना पड़ सकता है ।कुल मिलाकर, जब तक जल संकट पर प्रभावी समाधान नहीं निकलता, तब तक निर्माण कार्यों की गुणवत्ता पर सवाल उठते रहेंगे और विकास की गंगा बहने के बावजूद सांची की समस्याओं का शीध्र समाधान न होने की कोई उम्मीद दिखाई दे रही है तथा इस कडकडाती गर्मी में तेज गति से होने वाले निर्माणों पर सवाल खड़े होते रहेंगे।