सतीश मैथिल/अभिषेक लोधी सांचेत रायसेन। IND28.COM

कस्बा सांचेत स्कूल में शिक्षक दिवस का कार्यक्रम आयोजन बच्चों द्वारा बड़े धूमधाम के साथ मनाया गया। प्राचार्य द्वारा सरस्वती पूजन दीप प्रज्वलित करके कार्यक्रम को गति प्रदान की। राधा कृष्ण जी की चित्र पर माल्यार्पण करके बच्चों ने सरस्वती वंदना गुरु वंदना एवं बच्चों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम किए। वहीं प्राचार्य करण सिंह ने भारत रत्न से सम्मानित भारत राठौरिया के द्वितीय राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जीवन पर प्रकाश डाला। एवं माध्यमिक शाला में प्रभारी राम प्रकाश बघेल के स्थानांतरण होने पर उन्हें शाल श्रीफल देकर शुभकामनाएं दी। बच्चों को अच्छे से पढ़ने वा आगे बढ़ाने के लिए मार्गदर्शन दिया। और सभी को शुभकामनाएं प्रस्तुत की।  कार्यक्रम में स्टाफ उपस्थित हुए। प्राचार्य करण सिंह राठौरइया वीरेंद्र सिंह राठौरइया, शीला तिर्की, अरुण मानिकपुरी विकास खत्री वीरेंद्र कुशवाहा प्रमोद मालवीय राजेश भार्गव वीरेंद्र दांगी बाबूजी सोनम उइके  नागोत्रा जी निलेश भैया गोविंद कुशवाहा योगेश रैकवार प्यारे बच्चे आदि स्टाफ उपस्थित हुआ।

आखिर 5 सितंबर को ही क्यों मनाया जाता है शिक्षक दिवस? जानिए इसका इतिहास-----5 सितंबर को देश में हर साल शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। ये दिन देश के पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति, विद्वान, दार्शनिक व भारत रत्न से सम्मानित डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को समर्पित है। जानकारी दे दें कि राधाकृष्णन का जन्म इसी दिन 1888 में हुआ था। इस दिन हर साल स्कूलों, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों और शैक्षणिक संस्थानों में शिक्षक दिवस मनाया जाता है। छात्र अपने प्रिय शिक्षकों के प्रति अपनी प्रेम व्यक्त करने के लिए कई तरह के कार्यक्रम का भी आयोजन करते हैं।

शिक्षक दिवस का इतिहास------साल 1962 की बात है, जब डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने भारत के दूसरे राष्ट्रपति के रूप में पदभार संभाला तो उनके कुछ पूर्व छात्र उनके पास पहुंच गए और 5 सितंबर को उनका जन्मदिन मनाने की अनुमति मांगी। इस पर उन्होंने सुझाव दिया कि उनका जन्मदिन मनाने की बजाए इस दिन सभी शिक्षकों के सम्मान के लिए शिक्षक दिवस मनाया जाना चाहिए। इसके बाद तत्कालीन सरकार ने इस दिन को शिक्षक दिवस के रूप में घोषित कर दिया और तभी से हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। बता दें कि डॉ. राधाकृष्णन ने एक बार कहा था कि "शिक्षकों को देश में सर्वश्रेष्ठ दिमाग वाला होना चाहिए।" वहीं, साल 1954 में उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।

छात्रों के लिए उत्सव का दिन------ये दिन छात्रों के लिए उत्सव का दिन होता है। इस दिन बच्चे अपने टीचर्स को गिफ्ट, चॉकलेट और मिठाइयां व अन्य तरह की ग्रीटिंग भी देते हैं। साथ ही छात्र स्कूलों और कॉलेजों में अपने शिक्षकों के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करते हैं।

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