सतीश मैथिल सांचेत रायसेन। IND28.COM

ग्राम करोद बावलिया के पास स्तिथ प्राचीन विष्णू धाम मैं चल रही संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा के पांचवे दिन रविवार को गोवर्धन पूजा एवं छप्पन भोग कथा वर्णन किया गया। कथा में गोवर्धन पूजा की दिव्य कथा विस्तार पूर्वक सुनकर श्रद्धालु भाव विभोर हो गए कथा वाचक साध्वी पूजा दीदी जी ने भगवान गिरिराज जी महाराज के समक्ष सुंदर छप्पन भोग के दर्शन कराये गये। उन्होंने यह भी बताया कि जहां सत्य एवं भक्ति का समन्वय होता है, वहां भगवान का आगमन अवश्य होता है। जब भगवान श्रीकृष्ण नंद गांव पहुंचे तो देखा कि गांव में इंद्र पूजन की तैयारी में 56 भोग बनाए जा रहे हैं। श्रीकृष्ण ने नंद बाबा से पूछा कि कैसा उत्सव होने जा रहा है। जिसकी इतनी भव्य तैयारी हो रही है। नंद बाबा ने कहा कि यह उत्सव इंद्र भगवान के पूजन के लिए हो रहा है। क्योंकि वर्षा के राजा इन्द्र है और उन्हीं की कृपा से बारिश हो सकती है। इसलिए उन्हें खुश करने के लिए इस पूजन का आयोजन हो रहा है। इस पर श्रीकृष्ण ने इंद्र के लिए हो रहे यज्ञ को बंद करा दिया और कहा कि जो व्यक्ति जैसा कर्म करता है, वैसा ही फल मिलता है। इससे इंद्र का कोई मतलब नहीं है। ऐसा होने के बाद इंद्र गुस्सा हो गए और भारी बारिश करना शुरु कर दिए। नंद गांव में इससे त्राहि-त्राहि मचने लगी तो भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी अंगुली पर गोवर्धन पर्वत को ही उठा लिया। नंद गांव के लोग सुरक्षति हो गए। इसके बाद से ही गोवर्धन पूजा का क्रम शुरु हुआ। गोवर्धन भगवान की पूजा सभी भक्तों को पंडित द्वारा विधि विधान से कराई गई। इसके अलावा भगवान कृष्ण की बाल लीला, माखन चोर लीला का प्रसंग भी विस्तार पूर्वक समझाया। अन्त में आरती के पश्चात सभी को छप्पन भोग का दिव्य प्रसाद वितरित कराया गया। कथा श्रवण के लिए बड़ी संख्या में महिला-पुरूष पहुंचे।

विष्णू धाम में चल रही कथा में गोवर्धन पूजा में स्वाथ्य मंत्री डॉ प्रभुराम चौधरी हुए शामिल

सांचेत बावलिया में विष्णु धाम मंदिर परिसर में चल रही संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा में रविवार को स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी भी शामिल हुए। उन्होंने गोवर्धन की पूजा करके कथा वाचक से तिलक लगवाया।


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