सतीश मैथिल सांचेत रायसेन। IND28.COM

ग्राम वामनोद मैं हनुमान मंदिर परिसर में संगीतमय श्रीराम कथा के तीसरे दिन श्री राम जन्मोत्सव के प्रसंग से मंत्रमुग्ध हुए श्रद्धालु, भक्तों ने लगाये जय श्री राम के नारे नौ दिवसीय संगीतमय श्रीराम कथा के तीसरे दिन कथा प्रारंभ से पहले वैदिक मंत्रोच्चार के बीच व्यास पीठ एवं व्यास का विधिवत पूजन किया गया पूजन पश्चात विदिशा से पधारे  कथा वाचक गोवत्स पूज्य पंडित अंकित कृष्ण जी महाराज जी का स्वागत किया गया। स्वागत के पश्चात कथा व्यास पंडित अंकित कृष्ण महाराज जी ने श्रीराम कथा के तीसरे दिन भगवान श्री राम के जन्म की कथा का वर्णन किया। राम के जन्म होते ही पूरे पांडाल में प्रभु श्रीराम के जयकारों की जयघोष रही। पंडित जी ने बताया कि भगवान का जन्म असुरों और पापियों का नाश करने के लिए हुआ था। बाल्यावस्था से ही असुरों का नाश किया। श्री राम की कथा सुन भक्त भावविभोर हो गए। उन्होंने बताया भये प्रगट कृपाला दीन दयाला कौशल्या हितकारी। मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम का जीवन चरित्र अनंत सदियों तक चलता रहेगा। भगवान राम जन्म होते ही लोगों ने मीठी-मीठी तालियां बजाकर भगवान का नाम लिया। कथा वाचक ने बताया जन्म होते ही अयोध्या में अयोध्या वासी हर्षित हो गए. राजा दशरथ द्वार पुत्रों के जन्म होते ही नगरी मे खुशी की लहर दौड़ी।कथा मर्मज्ञ पंडित जी ने बताया कि किस तरह से महाराज दशरथ के यहां महारानी कौशल्या, कैकेयी और सुमित्रा को पुत्र योग का संयोग बना। भगवान राम के जन्म के बाद अयोध्या में हर तरफ खुशियां मनाई गई हैं। भगवान श्रीराम के जन्म पर राजा दशरथ संपूर्ण नगर में बधाइयों का वितरण कर मिठाई बंटवाते हैं। नगर में हर घर में बधाई गीत का गायन किया गया। इस अवसर पर पूरा पंडाल भय प्रकट कृपाला, दीनदयालाल के महाआरती से गुंजायमान हो गया।पांडाल में उपस्थित श्रोताओं ने भक्ति भाव से भगवान की कथा का रसपान किया। प्रभु श्री राम की कथा सुन भक्त भावविभोर हो गए। राम के जन्म होते ही पुष्प वर्षा होने लगी।कल राम कथा के चतुर्थ दिवस में भगवान राम के बाल लीला का वर्णन किया जाएगा। कथा दोपहर 2 बजे से प्रारंभ होती है।

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