मंगल कलश यात्रा के साथ श्रीमद्भागवत कथा का शुभारंभ
सतीश मैथिल सांचेत रायसेन। (IND28 हर खबर पर पैनी नज़र)
कस्बा सांचेत में सप्त दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा का शुभारंभ गुरूवार को हुआ कथा से पूर्व प्रातः काल की बेला में मंगलकलश एवं श्रीमद्भागवत पुराण की शोभायात्रा गाजे-बाजे के साथ निकाली गई। बड़ी संख्या में महिलाओं व पुरुषों ने शोभायात्रा में भाग लिया। महिलाओं ने पीली साड़ी पहन कर नंगे पांव कलश सिर पर उठा कस्बा सांचेत के मंदिरों में भ्रमण किया कलश यात्रा पर जगह-जगह भक्तों ने पुष्प वर्षा की। भागवत भगवान के जयकारे से वातावरण गुंजायमान हो उठा।शोभायात्रा के दौरान मंदिरो में पूजा अर्चना की गई। शाम की बेला में कथावाचक आचार्य पंडित पीलेश कृष्ण शास्त्री ने कलश यात्रा में शामिल होने का महत्व और भागवत की महिमा का बखान किया। श्रीमद्भागवत कथा के प्रथम दिवस पर उन्होंने बताया कि अनंत जन्मों के पुण्यों का उदय होता है तब उन्हें भागवत कथा सुनने का अवसर प्राप्त होता है। भागवत कथा को पुराणों में प्रेत पीड़ा विनाशनी कहा गया है। आचार्य पंडित पीलेश कृष्ण शास्त्री ने भागवत कथा का महत्व बताते हुए कहा कि मृत्यु को जानने से मृत्यु का भय मन से मिट जाता है, जिस प्रकार परीक्षित ने भागवत कथा का श्रवण कर अभय को प्राप्त किया, वैसे ही भागवत जीव को अभय बना देती है। श्रीमद्भागवत कथा परमात्मा का अक्षर स्वरूप है। यह परमहंसों की संहिता है, भागवत कथा हृदय को जागृत कर मुक्ति का मार्ग दिखाता है। भागवत कथा भगवान के प्रति अनुराग उत्पन्न करती है। यह ग्रंथ वेद, उपनिषद का सार रूपी फल है।