जानिए की कहां... दुखों के निवारण के लिए शरीर पर मारे जाते हैं कोड़े
अदनान खान सलामतपुर रायसेन। (एडिटर इन चीफ IND28 हर खबर पर पैनी नज़र)
रायसेन जिले के दीवानगंज स्थित अंबाड़ी गांव में नवरात्रि के दौरान एक अनोखी और प्राचीन परंपरा का निर्वहन किया जाता है। हर साल नवरात्रि के अवसर पर यहां जवारे निकालने के दौरान भक्तों के शरीर पर कोड़े मारे जाते हैं। इस परंपरा को स्थानीय स्तर पर गहरी आस्था और विश्वास से जोड़ा जाता है। मान्यता है कि कोड़े लगने से व्यक्ति के जीवन के सभी दुख, तकलीफ और रोग दूर हो जाते हैं।
व्यक्ति के शरीर पर कोड़े की चोट भी नहीं लगती है।
इस आयोजन में भाग लेने वाले श्रद्धालु देवी मां के प्रति अपनी श्रद्धा प्रकट करते हैं और कोड़े मारने की प्रक्रिया को अपने कष्टों के निवारण का प्रतीक मानते हैं। ऐसा विश्वास है कि इस प्रक्रिया से देवी मां प्रसन्न होती हैं और भक्तों को सुख, समृद्धि और शक्ति का आशीर्वाद देती हैं। गांव के लोग इस परंपरा को वर्षों से निभाते आ रहे हैं और यह क्षेत्रीय धार्मिक संस्कृति का एक अहम हिस्सा है। इस अनोखी परंपरा को देखने के लिए आसपास के गांवों और शहरों से भी लोग बड़ी संख्या में जुटते हैं। नवरात्रि के इस अवसर पर पूरा क्षेत्र भक्ति और आस्था के रंग में रंग जाता है।