सांचेत से खंडेरा मार्ग की सडकें बदहाल, गड्ढों में हुई तब्दील

सतीश मैथिल सांचेत रायसेन। (IND28 हर खबर पर पैनी नज़र)
क़स्बा सांचेत से खंडेरा रोड़ जो की जिला मुख्यालय रायसेन को जोड़ता हैं रोज दर्जन भर ग्रामो के ग्रामीणों का होता है अबागमन और सांचेत से खंडेरा मार्ग पर बड़े-बड़े गड्ढों से राहगीरों को जान जोखिम में डाल कर निकलना पड़ता है सडके टूटी पड़ी है। इससे वाहनों के दुर्घटना का शिकार होने की आशंका बनी रहती है।सरकार ने कच्चे रास्तों को पक्का करने की बहुत सी घोषणाएं की हुई हैं जिन पर विभागीय अधिकारी काम करने का दावा करते हैं। लेकिन, जो सड़कें पहले से ही पक्की हैं और गड्ढों में तब्दील हो रही हैं उनकी तरफ न तो सरकार के नुमाइंदों का ध्यान जा रहा है और न ही विभाग के कार्यालयों में बैठे उच्च अधिकारियों समस्या का हल करने में रुचि ले रहे हैं।सड़कों की मरम्मत के लिए प्रति वर्ष लाखों रुपये का बजट विभागों में आता है। सड़कों की हालत को देखकर ऐसा लगता है कि यह बजट केवल फाइलों में ही पूरा हो रहा है। सरकार का गड्ढा मुक्त सड़कों का अभियान भी दम तोड़ता हुआ नजर आ रहा है। लोक निर्माण विभाग की लापरवाही के चलते सांचेत- खंडेरा सड़क गड्ढों में तब्दील दिखाई दे रही है। गड्ढे होने के कारण वाहन चालकों और राहगीरों को जान का जोखिम बना रहता है। सड़क पर गड्ढे होने के चलते वाहन चालक दुर्घटनाग्रस्त होते रहते हैं। इस सड़क की चौड़ाई भी कम है। ऐसे में चार पहिया वाहनों का एक साथ आवागमन होना दुर्घटना को न्योता देना जैसा ही है। विभागीय अधिकारियों ने पिछले डेढ़ दशक से इस सड़क के गड्ढे को भरवाने की जहमत तक नहीं उठाई है।
दस हजार लोगों का आवागमन---सांचेत से खंडेरा तक 6 किलो मीटर तक बुरी तरह गड्ढों में तब्दील सड़क से करीब दस हजार ग्रामीणों का आवागमन होता है। कस्बा सांचेत रायसेन तहसील की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत है। यहां करीब पांच हजार की आबादी है। इसके अलावा दर्जन भर ग्रामों लोग इसी सड़क के माध्यम से रायसेन-सागर मुख्य मार्ग के जोड़ तक आवागमन करते हैं।