मदरसे में हाफिज़े कुरान मुकम्मल करने पर जलसे का आयोजन, बच्चों ने हम्द, नात व तकरीर की पेश
-मदरसतुल ईमान जामा मस्जिद में जलसा आयोजित, उलेमाओं ने नमाज की अहमियत पर डाला प्रकाश
-कुरान शरीफ हिफ़्ज़ करने वाले बच्चों को बांधी गई दस्तर
अदनान खान सलामतपुर रायसेन। (एडिटर इन चीफ IND28 हर खबर पर पैनी नज़र)
कस्बे में स्थित मदरसातुल ईमान जामा मस्जिद सलामतपुर में शनिवार को बच्चे के कुरान पाक हिफ़्ज़ करने पर जलसे का आयोजन किया गया। यह जलसा कार्यक्रम जामा मस्जिद में आयोजित किया गया। इस जलसा दस्तारबंदी में कुरान पाक हिफ़्ज़ करने वाले हाफिज मोहम्मद आजम पिता मोहम्मद आमिर की दस्तारबंदी की गई। दस्तारबंदी के साथ ही मदरसे में पढ़ने वाले बच्चों ने हम्द नात तकरीर पेश की। इसके पश्चात जलसा में शामिल हुए उलमाओं की तकरीर हुई। जिसमें उन्होंने कहा कि हिफ्जे कुरान की दौलत दुनिया की सबसे बड़ी दौलत है।कुरान के पढ़ने और पढ़ाने वाले दोनों खुशनसीब हैं। कुरान एक ऐसी किताब है जो पूरी दुनिया के लिए हिदायत है। इस दौरान क्षेत्र भर के बड़ी संख्या में मुस्लिम समाज के लोग उपस्थित रहे। जोहर की नमाज के बाद दुआ के साथ जलसे का समापन हुआ। बता दें कि जलसे कार्यक्रम में काफी तादाद में लोग शामिल हुए थे। वहीं बड़ी संख्या में क्षेत्र भर के मुस्लिम समाज के लोग भी मौजूद रहे। और जोहर की नमाज के बाद दुआ के बाद कार्यक्रम का समापन हुआ और इस दौरान जिस बच्चे ने हाफिज़े कुरान मुकम्मल कर लिया उनको डिग्री व इनाम भी दिए गए।
इनका कहना है।
शनिवार को हाफिज कुरान के कार्यक्रम में सभी को एकता के साथ पैगाम दिया जाता है। जिसमें इंसानियत ज़िंदा रखने वाली बातों को यहां सिखाया जाता है। मदरसे के 1 बच्चे ने 1 साल 8 महीने में कुरान पाक मुकम्मल कर लिया है। और यहां अध्यनरत लगभग 80 बच्चों को भी यही शिक्षा दी जाती है।
आलिम नसीम अहमद, पेशे ईमाम जामा मस्जिद सलामतपुर।
मदरसतुल ईमान जामा मस्जिद सलामतपुर में जलसे के आयोजन होते रहते हैं। इस जलसे में जो बच्चे यहां रहकर साल भर पढ़ाई करते हैं। उनका जब कुरान पाक मुकम्मल हो जाता है तो उनको डिग्री और इनाम दिए जाते हैं। और उमलाओं को बुलाकर बयान भी कराए जाते हैं।
असरार अहमद जाफरी, ज़िम्मेदार जामा मस्जिद सलामतपुर।