"स्कूल चलो" अभियान पर दलदल भारी, अम्बाड़ी गांव के छात्र छात्राएं दलदली राह पर चलने को मजबूर

-सरकारी दावों की खुली पोल, शिक्षा के रास्ते में कीचड़ ही कीचड़
अदनान खान सलामतपुर रायसेन। (एडिटर इन चीफ IND28 हर खबर पर पैनी नज़र)
जहाँ एक ओर सरकार "स्कूल चलो अभियान" के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च कर बच्चों को स्कूल तक पहुँचाने का दम भर रही है, वहीं जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। सांची विकासखंड के ग्राम अम्बाड़ी से पुरानी चौकी मार्ग तक का रास्ता इन दिनों दलदल में तब्दील हो चुका है, जिससे स्कूल जाने वाले छात्र-छात्राओं की पढ़ाई की राह हर दिन और कठिन होती जा रही है। छात्र-छात्राओं को रोज़ाना एक से डेढ़ किलोमीटर तक कीचड़ और गड्ढों से भरे रास्ते से होकर स्कूल जाना पड़ता है। गीले रास्ते में फिसलना, कपड़ों का गंदा हो जाना और स्कूल लेट पहुँचना इन मासूमों की दिनचर्या बन गई है। बरसात के दिनों में हालात और भी बदतर हो जाते हैं। छात्राओं ने बताया कि कई बार कीचड़ में जूते चिपक जाते हैं और गिरने से चोट भी लग जाती है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह मार्ग पहले से ही कच्चा था। दो साल पहले पंचायत द्वारा ग्रेवल रोड बनाया गया था, लेकिन भारी वाहनों की आवाजाही के चलते अब उस ग्रेवल रोड पर बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं और पूरा रास्ता जलमग्न होकर दलदल में तब्दील हो गया है। सबसे गंभीर बात यह है कि इसी मार्ग से होकर करीब 20 गांवों के लोग भोपाल-विदिशा स्टेट हाईवे तक पहुंचते हैं। इसके अलावा आसपास के गांवों के बच्चे भी इसी मार्ग से होकर पीएम श्री स्कूल जाते हैं। ऐसे में यह रास्ता महज एक ग्रामीण संपर्क मार्ग नहीं बल्कि शिक्षा और स्वास्थ्य तक पहुँचने का मुख्य जरिया है।
CC रोड या डामर रोड में बदलने की मांग-- ग्रामवासियों ने अब इस मार्ग को सीसी रोड या डामर रोड में बदलने की मांग उठाई है। उनका कहना है कि यदि यह रास्ता नहीं सुधारा गया तो "स्कूल चलो" अभियान जैसे प्रयास सिर्फ कागज़ों में ही चलते रहेंगे, ज़मीनी स्तर पर बच्चों का भविष्य कीचड़ में धँसता रहेगा।ग्रामीणों की मांग है कि प्रशासन जल्द से जल्द इस समस्या का स्थायी समाधान करे और शिक्षा के मार्ग में फैले कीचड़ को हटाए, ताकि नौनिहालों को एक सुरक्षित व स्वच्छ रास्ता मिल सके।