सतीश मैथिल सांचेत रायसेन। (IND28 हर खबर पर पैनी नज़र)

समीप ग्राम आमखेड़ा में चल रहे रामलला महायज्ञ के तीसरे दिन अरणि मंथन ओर श्री राम कथा में शिव पार्वती का विवाह हुआ। जिससे निकली अग्नि को यज्ञ कुंड में स्थापित कर आहुति दी गई। यज्ञ आयोजक महंत श्री 1008 रामदास त्यागी महाराज ने बताया कि भगवान का मुख अग्नि रूप है, विश्व के पालन हार भगवान विष्णु व संपूर्ण चराचर को जीवंत करने वाले 33 करोड़ देवी व देवताओं को प्रसन्न करने के लिए यज्ञशाला में स्थापित हवन कुंड में अरणि मंथन द्वारा अग्नि प्रकट किया जाता है। महंत श्री 1008 रामदास त्यागी महाराज ने यज्ञ में अग्नि मंथन किया और यज्ञ में आहूति प्रदान की ओर बताया वेद की ऋचाओं व मंत्रों के माध्यम से देवताओं का आह्वान करते हुए कहा कि यज्ञ से जगत का कल्याण होता है। सभी चराचर जीव जीवंत होते हैं। यज्ञ सनातन धर्म की वैदिक परंपरा है। यज्ञ से संपूर्ण पर्यावरण शुद्ध होता है। जिसका मुख्य उद्देश्य सर्वे भवंति सुखिन: सर्वे संतु निरामया: की जगत कल्याणकारी भावना परिलच्छित होती है। प्रत्येक व्यक्ति को दैनिक यज्ञ करना चाहिए। यज्ञ में चल रहे विराट संत सम्मेलन में दूर-दूर से आए साधु-संतों ने देश की एकता व अखंडता के लिए सनातन धर्म की विचारधारा पर अपने-अपने विचार व्यक्त किए।साथ में चल रही श्रीराम कथा का तीसरा दिन:भूत-पिशाचों को साथ ले पार्वती से ब्याह रचाने पहुंचे शिव हरिहर आश्रम आमखेड़ा में चल रही सप्त दिवसीय श्री राम कथा के तीसरे दिन बुधवार को कथा वाचक संत श्री रामानुजम दास जी महाराज ने शिव-पार्वती विवाह का प्रसंग सुनाया। उन्होंने बताया कि कैसे शिव माता पार्वती से विवाह रचाने पर्वतराज के घर पहुंचे।कथा के दौरान शिव-पार्वती विवाह का सुंदर मंचन किया गया। दाे कन्याओं को शिव और पार्वती का रूप दिया गया और फिर शिव भूत-पिशाचों की टोली के साथ बारात लेकर पहुंच गए।रामलला महायज्ञ उपलक्ष्य में ग्रामीण संगीतमय श्री रामकथा का आयोजन कर रहे हैं। कथावाचक संत श्री रामानुजम दास महाराज ने बताया कि जो मनुष्य भगवान की कथा का श्रवण करता है, उसे ईश्वर की प्राप्ति होती है। इस संसार में श्री राम कथा को प्रेम से सुनकर परलोक जाने वाला व्यक्ति तर जाता है। जिसके हृदय में प्रेम होता है, वही भगवान को पहचान पता है। तीसरे दिन की कथा में हजारों भक्त उपस्थित हुए। श्री राम कथा के आयोजक श्री राम दास त्यागी आमखेड़ा आचार्य राजेंद्र शास्त्री भोपाल ब्रह्मचर्य हरि नारायण शास्त्री टिकोदा से हैं।

न्यूज़ सोर्स : IND28 हर खबर पर पैनी नज़र