-सलामतपुर सहित अन्य क्षेत्रों में कुम्हार समाज जीवन यापन के लिए कर रहे है जद्दोजहद

अदनान खान सलामतपुर रायसेन। (एडिटर इन चीफ IND28.COM हर खबर पर पैनी नज़र)

होलिका दहन के बाद अब गर्मी का प्रकोप दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है। नगर सहित जिले भर में दोपहर के समय गर्मी का प्रकोप ज्यादा बढ़ने के साथ ही अब बाजार में शीतल पेय पदार्थों की दुकानें सज गई हैं। वहीं दुकानों पर लिमका, कोका कोला, स्पराईट आदि के दुकानों पर भी लोग शीतल पेय की खरीदारी करते दिख रहे है। इसके साथ ही बाजार में कुल्फी-आईसक्रीम के साथ ही गन्ने का जूस की दुकानों पर भी लोग पहुंचकर शीतल पेय पदार्थो का सेवन कर रहे है।

मिट्टी के मटकों की बड़ी बिक्री---गर्मी का प्रकोप बढ़ने से इन दिनों मिट्टी के घड़े, मटके आदि वर्तनों की खूब बिक्री हो रही है। नगर के सुनारी रोड, शुक्रवार हाट बाजार, बस स्टैंड मंदिर के साथ ही बेरखेड़ी चौराहा क्षेत्र आदि विभित्र स्थानों पर मिट्टी के घड़ों की दुकानें लगी हुई हैं। जिन पर लोग ठंडा पानी पीने के लिये मिट्टी के घड़ों की खरीददारी कर रहे है। यह बात अलग है कि गत वर्षों की अपेक्षा इस वर्ष मिट्टी के घड़ों के रेट पहले की अपेक्षा ज्यादा है। चर्चा के दौरान घड़े विक्रेता ने बताया कि बढ़ती हुई मेंहगाई के चलते मिट्टी के घड़े अथवा मट्कों की कीमत भी बढ़ाने को मजबूर होना पड़ा है। अब दिन पर दिन बढ़ रही गर्मी के मद्देनजर लोग गर्मी से राहत पाने के लिए अपने घरों में पंखों एवं एसी का उपयोग भी करते नजर आ रहे है। कुल मिलाकर अब दोपहर होते ही सूर्य की तीखी किरणों के साथ ही गर्म हवा का दौर भी शुरू हो जाने के चलते दिन में गर्मी का प्रकोप लोगों को कुछ ज्यादा ही सताने लगा है। गौरतलब है कि गर्मी का प्रकोप बढ़ते ही अब लोगों के घरों में मच्छरों का आंतक भी बढ़ गया है जिससे लोग मच्छरों के आंतक से बचने के लिये अलाउट, मैसों, मोटीन आदि अगरबत्तियों का सहारा लेने के साथ ही मच्छर दानियों का उपयोग भी कर रहे है। यहां यह बात भी उल्लेखनीय है कि एक ओर जहां मच्छरों का आंतक दिन पर दिन बढ़ रहा है वहीं दूसरी ओर शहर की नालियों में कीटनाशक दवाओं का छिड़काव कराने वाले विभाग के अधिकारी मौन साधे हुए हैं।

मौसमी बीमारियों से पीड़ित हो रहे लोग--कैलाश गोस्वामी, दीपक अहिरवार, मयंक साहू सहित अन्य लोगों का कहना है कि मच्छरों के आंतक के चलते सप्ताह में एक बार संबंधित विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों को नालियों आदि में कीटनाशक दवाओं का छिड़काव कराना चाहिए ताकि मच्छरों का खात्मा हो सके।सर्दी के बाद अब गर्मी का मौसम आते ही मौसमी बीमारियां भी पांव पसार रही है जिससे लोग वायरल फीवर के साथ ही खांसी-जुखाम आदि से भी पीड़ित हो रहे है। इन मौसमी बीमारियों के फैलने से सरकारी अस्पताल सहित निजी क्लीनिकों पर भी लोगों की भीड़ दिखाई दे रही है।

इनका कहना है।

मेरे परिवार में 11 लोग हैं। परिवार का मुख्य काम मिट्टी के मटके, दिये, बर्तन व तवा आदि सामान बनाकर बेचना है। इसी से मेरे परिवार का जीवन यापन होता है। लेकिन कोरोना वायरस के कारण मटका आदि समान नही बिक रहा है। सरकार को हमारी मदद करनी चाहिए।

शांति बाई प्रजापति, मिट्टी के बर्तन बेचने वाली महिला

कोरोना के बाद से सभी चीजों के दाम बढ़ गए हैं। जिसके चलते ही मटकों के दाम भी बढ़े हैं। गर्मी को देखते हुए बाजार में मटके की मांग बनी हुई है। महंगाई की मार से देसी फ्रिज कहे जाने वाले मटके भी अछूते नहीं हैं। मटके के निर्माण के लिए मिट्टी, पैरा व लकड़ी सभी सामग्री खरीदनी पड़ती है। सभी के दामों में बढ़ोतरी हुई है। 

यादराम प्रजापति, मटका विक्रेता 

पहले गांव में मिट्टी ही मिल जाती थी। अब बहरोड़ के पास पांच से छह हजार रुपए किराया देकर मिट्टी मंगा रहे हैं। मटका तैयार होने के बाद पकाने के लिए पदाड़ी भी 400 रुपए क्विंटल से लेकर 600 रुपए क्विंटल लेनी पड़ती हैं। इसलिए मटके के दाम भी बढ़ना स्वभाविक है।

गुरुदयाल प्रजापति, मटका विक्रेता।

न्यूज़ सोर्स : अदनान खान एडिटर इन चीफ IND28.COM