बंदरों के आतंक से ग्रामीण परेशान, शिकायत के बाद भी वन विभाग नही दे रहा ध्यान
-8 से 10 बंदरों का झुंड लगातार कवेलू तोड़ने के साथ टीन की चद्दर कर रहा हैं बर्बाद
अदनान खान सलामतपुर रायसेन। (एडिटर इन चीफ IND28 हर खबर पर पैनी नज़र)
रायसेन जिले के सलामतपुर क्षेत्र में इन दिनों बंदरों के आतंक से ग्रामीण परेशान हैं। बंदर सुबह व शाम लोगों के घरों की छत पर चढ़ जाते हैं। और घर की चादर और कच्चे मकानों के घरों के कबेलू फोड़ देते हैं। जिससे लोगों को काफी परेशानी आ रही है। बरसात के मौसम की वजह से भी घरों के कवेलू टूटने पर बहुत परेशानी हो रही है। क्योंकि कच्चे घरों की छतों को बंदरों ने तहस-नहस कर दिया है। और तो और बंदर खाने-पीने के सामान को गिराने के साथ-साथ कपड़े भी उठा ले जाते हैं।सलामतपुर, व अम्बाड़ी गांव में लंबे समय से उत्पात मचा रहे बंदरों की वजह से ग्रामीणों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बंदर घरों की छतों पर रखे कपड़े और अन्य सामान को उठाकर ले जाते है। और उन्हें फाड़कर व तोड़-फोड़ कर बर्बाद कर देते है। घर की चादर कबेलू भी फोड़ रहे हैं। कई बार बंदर इतने ज्यादा होते हैं कि वह झुंड के झुंड घरों पर चढ़ जाते हैं। बंदरों के आतंक से लोगों में भय का माहौल है। वहीं कई बार स्थानीय ग्रामीणों ने इस मामले से वन विभाग को अवगत कराया है। लेकिन विभाग इस और ध्यान नही दे रहा है। जिसकी वजह से लोग परेशान हो रहे हैं। अब स्थानीय रहवासियों ने शासन प्रशासन से समस्या का समाधान करने की मांग की है।
घरों के साथ फसलें भी कर रहे हैं बर्बाद---सलामतपुर सहित आसपास क्षेत्र में लगभग 10 बंदरों का झुंड जिसमें छोटे बच्चे भी शामिल हैं। रोज़ घरों को बर्बाद करने के साथ ही फसलों को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं।और कभी कभी आक्रामक होकर बच्चों पर हमला भी कर रहे हैं। बंदर भगाने पर अचानक हमला कर देते हैं। ऐसा नही है कि इस मामले की जानकारी वन विभाग को ना हो। जानकारी होने के बाद भी विभाग इन बंदरों को पकड़ने या कस्बे से बाहर जंगल में भगाने के कोई प्रयास नही कर रहा है।
खाने की तलाश में पहुंच रहे हैं घरों के अंदर---
जंगलों में खाने की व्यवस्था नही होने की वजह से अब बंदरों के झुंड ने गांवों का रुख कर लिया है। गांवों में बंदर खाने के लिए लोगों के घर तक पहुंच रहे हैं। उन्हें घरों की छत पर खाने की कोई भी चीज़ रखी हुई मिलती है तो वह उसे उठाकर ले जाते हैं। और अपना पेठ भरते हैं। अब ज़्यादा नुकसान होने की वजह से स्थानीय रहवासियों का आक्रोश बढ़ता ही जा रहा है। वन विभाग को शीघ्र ही इस मामले में संज्ञान लेकर समस्या का उचित समाधान करना आवश्यक है।
इनका कहना है।
कुछ दिनों से 8 से 10 बंदरों का समूह कस्बे सहित आसपास क्षेत्र में आतंक मचाए हुए हैं। यह बंदर कवेलू तोड़ने के साथ ही टीन की चद्दरें बर्बाद कर रहे हैं। जानकारी होने के बाद भी वन विभाग कोई कार्रवाई नही कर रहा है।
रघुवीर सिंह मीणा, सरपंच ग्रा.पं. रातातलाई।
मेरे घर पर प्रतिदिन सुबह से ही बंदरों की उछल कूद शुरू हो जाती है। कई बार दर्जनों कवेलू तोड़ चुके हैं। भगाने पर हमला भी कर रहे हैं। इन बंदरों को पकड़कर जंगल में छोड़ देना चाहिए।
अमित गोयल, स्थानीय रहवासी सलामतपुर।